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छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए एक युवा ने गांव में स्थापित की बैडमिंटन एकेडमी

मेरठ के बुबकपुर गांव में एक बैडमिंटन एकेडमी बनाई गई है. एकेडमी संस्थापक का कहना है कि उन्होंने गांवों में छिपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए इस एकेडमी की स्थापना की है.

ग्रामीण बच्चों के लिए बनाई गई बैडमिंटन अकादमी
ग्रामीण बच्चों के लिए बनाई गई बैडमिंटन अकादमी
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Published : Dec 8, 2022, 6:35 PM IST

मेरठः आमतौर पर देखा जाता है कि शहर में तमाम तरह की अकादमी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए बनाई जाती हैं. लेकिन ग्रामीण अंचलों में छिपी प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर नहीं मिल पाता है. ग्रामीण पृष्टभूमि से जुड़े तुषार चौधरी ने गांव की प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से शहर से दूर बबकपुर गांव बैडमिंटन एकेडमी बनाई है. इस एकेडमी की धाक इसी से समझी जा सकती है कि यहां प्रशिक्षण लेने वाले युवा लगातार ऊंचाइयां छू रहे हैं.

ग्रामीण बच्चों के लिए बनाई गई बैडमिंटन अकादमी
एकेडमी संस्थापक तुषार बताते हैं कि खिलाड़ियों की नर्सरी के तौर पर निश्चित ही हमेशा मेरठ की एक अलग ही पहचान रही है. यहां गांवों में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. तुषार कहते हैं कि एक समय था कि वह खुद बैडमिंटन प्लेयर बनकर ऊंचाइयां छूना चाहते थे. लेकिन कई कारणों से वह प्लेयर नहीं बन पाए. तुषार का कहना है कि गांवों में उनके जैसे काफी युवा है जो शहरों को रुख नहीं कर सकते हैं और मंहगी फीस भी नहीं दे सकते हैं.

बस इसी सोच के साथ ग्रामीण क्षेत्र में बैडमिंटन एकेडमी स्थापित की गई है. तीन साल पहले एकेडमी की शुरुआत हुई थी. तब कोरोना के कारण काफी समस्याएं हो रही थी. लेकिन अब यहां प्रतिभाओं को अवसर मिल रहा है. मेरठ जिले के अलावा आसपास के जिलों से भी यहां युवा बैडमिंटन के प्रशिक्षण लेने के लिए आ रहें हैं.


इस एकेडमी में प्रशिक्षण लेने वाले युवा लगातार अलग-अलग प्रतियोगिताओं में परचम लहरा रहे हैं. तुषार ने बताया कि गांव में कोई भी ऐसा युवा जो प्रतिभाशाली और जरूरतमंद हैं उसे वह आगे लाएंगे. एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं का कहना है कि उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिला है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन मैच खेलने के लिए यहां सभी जरूरी इंतजाम हैं. पड़ोसी जिलों से भी युवा यहां का रुख कर रहे हैं. गाजियाबाद जिले के मोदीनगर तहसील के गांव प्रथमगढ़ की रेशु तेवतिया ने बताया कि वो नेशनल स्तर पर अगर बैडमिंटन प्लेयर बनी है तो इस वजह से कि उसे यहां बेहतरीन ढंग से प्रशिक्षण मिला है.


एकेडमी में ट्रेनिंग दे रहे जावेद खुद भी बैडमिंटन में नेशनल प्लेयर रहे हैं. वह बताते हैं कि यहां इस वक्त करीब 60 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं, जोकि जिले और प्रदेश स्तर के हर टूर्नामेंट में अपनी जगह बना रहे हैं. वहीं, नेशनल स्तर पर भी यहां से सीखकर युवा अपनी छाप छोड़ रहे हैं. खास बात यह है कि जो बेहद कमजोर या निर्धन हैं लेकिन ऐसे युवा भी यहां आते हैं तो उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. वर्तमान में पश्चिमी यूपी के कई जिलों समेत दिल्ली से भी युवा अपने सपनों को पंख लगाकर उड़ान की तैयारी बुबकपुर गांव में कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें:मेडिकल कॉलेज में इस विधि से बिना लेबर पेन के कराई नॉर्मल डिलीवरी

मेरठः आमतौर पर देखा जाता है कि शहर में तमाम तरह की अकादमी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए बनाई जाती हैं. लेकिन ग्रामीण अंचलों में छिपी प्रतिभाओं को आगे आने का अवसर नहीं मिल पाता है. ग्रामीण पृष्टभूमि से जुड़े तुषार चौधरी ने गांव की प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से शहर से दूर बबकपुर गांव बैडमिंटन एकेडमी बनाई है. इस एकेडमी की धाक इसी से समझी जा सकती है कि यहां प्रशिक्षण लेने वाले युवा लगातार ऊंचाइयां छू रहे हैं.

ग्रामीण बच्चों के लिए बनाई गई बैडमिंटन अकादमी
एकेडमी संस्थापक तुषार बताते हैं कि खिलाड़ियों की नर्सरी के तौर पर निश्चित ही हमेशा मेरठ की एक अलग ही पहचान रही है. यहां गांवों में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. तुषार कहते हैं कि एक समय था कि वह खुद बैडमिंटन प्लेयर बनकर ऊंचाइयां छूना चाहते थे. लेकिन कई कारणों से वह प्लेयर नहीं बन पाए. तुषार का कहना है कि गांवों में उनके जैसे काफी युवा है जो शहरों को रुख नहीं कर सकते हैं और मंहगी फीस भी नहीं दे सकते हैं.

बस इसी सोच के साथ ग्रामीण क्षेत्र में बैडमिंटन एकेडमी स्थापित की गई है. तीन साल पहले एकेडमी की शुरुआत हुई थी. तब कोरोना के कारण काफी समस्याएं हो रही थी. लेकिन अब यहां प्रतिभाओं को अवसर मिल रहा है. मेरठ जिले के अलावा आसपास के जिलों से भी यहां युवा बैडमिंटन के प्रशिक्षण लेने के लिए आ रहें हैं.


इस एकेडमी में प्रशिक्षण लेने वाले युवा लगातार अलग-अलग प्रतियोगिताओं में परचम लहरा रहे हैं. तुषार ने बताया कि गांव में कोई भी ऐसा युवा जो प्रतिभाशाली और जरूरतमंद हैं उसे वह आगे लाएंगे. एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं का कहना है कि उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिला है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन मैच खेलने के लिए यहां सभी जरूरी इंतजाम हैं. पड़ोसी जिलों से भी युवा यहां का रुख कर रहे हैं. गाजियाबाद जिले के मोदीनगर तहसील के गांव प्रथमगढ़ की रेशु तेवतिया ने बताया कि वो नेशनल स्तर पर अगर बैडमिंटन प्लेयर बनी है तो इस वजह से कि उसे यहां बेहतरीन ढंग से प्रशिक्षण मिला है.


एकेडमी में ट्रेनिंग दे रहे जावेद खुद भी बैडमिंटन में नेशनल प्लेयर रहे हैं. वह बताते हैं कि यहां इस वक्त करीब 60 बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं, जोकि जिले और प्रदेश स्तर के हर टूर्नामेंट में अपनी जगह बना रहे हैं. वहीं, नेशनल स्तर पर भी यहां से सीखकर युवा अपनी छाप छोड़ रहे हैं. खास बात यह है कि जो बेहद कमजोर या निर्धन हैं लेकिन ऐसे युवा भी यहां आते हैं तो उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. वर्तमान में पश्चिमी यूपी के कई जिलों समेत दिल्ली से भी युवा अपने सपनों को पंख लगाकर उड़ान की तैयारी बुबकपुर गांव में कर रहे हैं.

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