मेरठ: जिले में एक चैंपियन परिवार की कहानी आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है. गोरखपुर के रहने वाले इस परिवार में दो बेटे हैं. एक बॉक्सर तो दूसरा तीरंदाज. नीरज जो कि तीरंदाज है वह अब वर्ल्ड कप तीरंदाजी में हिस्सा लेने के लिए टर्की जाने की तैयारी कर रहा है. इस बीच उसके परिवार को अस्थायी आवास खाली करने के लिए नोटिस मिला है. इतना ही नहीं, परिवार को परेशान करने के लिए इनके घर की बिजली काट दी गई है, साथ ही पानी की सप्लाई भी बंद कर दी गयी है.
दरअसल अक्षयलाल गोरखपुर के रहने वाला हैं. मेरठ के कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में वह रसोइया का काम करता था, लेकिन कोरोना काल के बाद सब कुछ बदल गया. अक्षय की नौकरी चली गई. फिलहाल वे अपनी पत्नी व बच्चों के साथ स्टेडियम कम्पाउंड में बने अस्थाई क्वार्टर में ही रहते हैं. हाल ही में अक्षयलाल के तीरंदाज बेटे नीरज चौहान ने वर्ल्डकप और वर्ल्ड गेम्स में अपनी जगह पक्की की है. एशियन गेम्स के लिए भी उसका चयन लगभग तय है.
जानकारी के अनुसार, हरियाणा के सोनीपत में 24 से 30 मार्च तक आयोजित तीरंदाजी ट्रायल में नीरज ने दूसरा स्थान प्राप्त कर यह उपलब्धि हासिल की है. नीरज के चयन पर परिवार में खुशी का माहौल है. लेकिन अस्थाई घर को खाली करने के फरमान से परिवार टेंशन में भी है. अक्षयलाल ने कहा कि बेटे ने सभी का नाम रोशन किया है. वे कहते हैं कि परिवार को कैलाश प्रकाश स्टेडियम से अस्थायी आवास से निकालने के लिए बिजली और पानी की लाइन भी काट दी गई है.
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काबिलेगौर है कि अक्षयलाल की कोरोना संक्रमण के वक्त में उनकी नौकरी चली गई थी. उस वक्त उनके दोनों बेटें नीरज और सुनील ने पिता के साथ ठेले पर सब्जी बेचने का काम भी किया था. उस दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. उस वक्त निवर्तमान केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने संज्ञान लिया था. इतना ही नहीं, उस वक्त मंत्रालय ने दोनों खिलाड़ियों को 5-5 लाख रुपये की मदद भी दी थी. कुछ महीने बाद ही नीरज का खेल कोटे से आईटीबीपी में चयन हो गया था. पिता अक्षयलाल ने बताया कि वो स्टेडियम के मेस में खाना बनाया करते थे. लेकिन नौकरी जाने के बाद अब उनको स्टेडियम प्रशासन अस्थायी घर को खाली करने का नोटिस दे चुका है.
इस संबंध में कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम के क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी का कहना है कि एडीएम से इस संबंध में पत्राचार किया गया है और जो नियमानुसार है, वही कार्यवाही की जा रही है. पांच-छह लोग अनधिकृत तरीके से रह रहे हैं, इसलिए उनको नोटिस दिया गया है. वे कहते हैं कि चूंकि ये सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, तो ये किस आधार पर यहां रह सकते हैं. उधर, परिवार का कहना है कि वे चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उनकी मदद करें.
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