मेरठ: एक किसान ने मेरठ के मवाना में एसडीएम कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की. इसमें वह करीब 70 फीसदी जल गया है. उसे मेरठ अस्पताल के लिए रेफर किया गया है. ग्रामीणों के आक्रोश के चलते एसडीएम भी गांव पहुंचे और उसके परिवार वालों से मुलाकात की. वहीं गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है.
शनिवार को किसान की अस्पताल में मौत हो गई. इससे आक्रोशित होकर किसान का बेटा टेलीफोन टावर पर चढ़ गया और आत्मदाह करने का प्रयास किया. जानकारी मिलते ही मौके पर अधिकारी भी पहुंच गए और युवक को मनाने की कोशिश में जुट गए. लेकिन, युवक टेलीफोन टावर से उतरने का नाम नहीं ले रहा है. वह इंसाफ की मांग कर रहा है.
मेरठ से सटे हस्तिनापुर क्षेत्र के अलीपुर मोरना गांव में वन विभाग द्वारा भूमि खाली करने से नाराज किसान जगबीर ने शुक्रवार को तहसील प्रांगण में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाकर आत्मदाह कर लिया था. इसमें वह 70 प्रतिशत जल गया था. किसान के आत्मदाह करने की खबर से शासन प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. किसान को मेरठ के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहां पर उसकी शनिवार को मौत हो गई.
इस बात से गांव में आक्रोश है. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण तहसील पहुंचकर घेराव कर न्याय मांग रहे थे, जिसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को लगी. सूचना मिलते ही एसडीएम अखिलेश यादव थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों से इस विषय पर बातचीत की. वहीं गांव में तनाव की स्थिति देखते हुए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है.
मामले में एसडीएम अखिलेश यादव ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. साथ ही कहा है कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी. वहीं सैकड़ों ग्रामीण तहसील जाने की जिद पर अड़े हुए थे. एसडीएम अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं.
अधिकारियों की मौजूदगी के चलते किसान का बेटा आक्रोशित हो उठा और टेलीफोन टावर पर चढ़ गया और पिता की मौत के चलते न्याय की मांग करने लगा. वहीं, अधिकारियों द्वारा समझाने का प्रयास किया जा रहा है. मौके पर नेताओ ने भी पहुंच कर किसान के परिवार से बातचीत की है और समझाने का प्रयास किया जा रहा है.