मेरठ : जनपद में लीवर बीमारी से संबंधित उपचार करने वाले 72 वर्षीय चिकित्सक एसके त्यागी अब अभिनेता बन गए हैं. उनकी फिल्म हाल ही में रिलीज हुई है. जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट के बाद आराम कर रहे होते हैं, आखिर इस उम्र में कैसे वह फिल्मों में आए और एक तरफ डॉक्टरी पेशा और दूसरी तरफ अभिनय कैसे हुआ यह सब? इसको लेकर डॉक्टर से अभिनेता बने डॉ. एसके त्यागी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
विशेषज्ञ डॉ. एसके त्यागी की इन दिनों ख़ूब चर्चाएं हो रही हैं. करीब 42 साल से मरीजों से घिरे रहे और उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए काम करने वाले 72 वर्षीय डॉक्टर एसके त्यागी ने बॉलीवुड की फ़िल्म 'ए विंटर टेल एट शिमला' में रिटायर्ड आईजी ऑफिसर का रोल निभाया है. डॉ. त्यागी ने बताया कि वह एक पार्टी में कहीं गए थे, जहां उनसे कुछ फ़िल्म इंडस्ट्री के लोग अचानक मिले थे. उन लोगों ने उन्हें बताया कि वह एक फ़िल्म के लिए उनके जैसे चेहरे मोहरे वाले व्यक्ति की ही तलाश कर रहे थे. डॉक्टर त्यागी कहते हैं कि आमतौर पर वह क्लीन सेव ही रहना पसंद करते थे, लेकिन फ़िल्म से जुड़े जो भी लोग उन्हें मिले उन्होंने उनसे इसी गेटअप की डिमांड उनके सामने रखी थी. उन्होंने बताया कि जब उन्हें फ़िल्म में काम करने का मौका मिला तो उन्होंने भी हामी भर दी. वह कहते हैं कि हालांकि जब उनका ऑडीशन हुआ तो पहली बार में वह असफल रहे. उसके बाद उन्हें कुछ बातें बताई गईं और फिर से ऑडीशन हुआ और वह सफल रहे. इस फ़िल्म में कई चर्चित चेहरे भी मायानगरी के हैं.
उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि "जब जब जो जो होना है तब तब सो सो होता है," बढ़ती उम्र के लिए उन्होंने कहा कि उम्र क्या है उम्र तो एक नम्बर है. वह कहते हैं कि जब तक अपने दिमाग को खुला रखेंगे हाथ पैर चल रहे हैं तब तक आप जवान हैं. डॉ. त्यागी ने बताया कि फिल्म देखकर आलोचक भी उनके काम की तारीफ कर रहे हैं. वह कहते हैं कि जिन-जिन कलाक़ारों ने उनके साथ काम किया वह सभी अब अच्छे दोस्त भी बन गए हैं, जोकि उनके लिए अलग-अलग डायरेक्टर्स से उनको आगे भी फिल्मों में काम देने के लिए सिफारिश भी कर रहे हैं. वह बताते हैं कि फिल्मी दुनिया में अपना अलग ही रोमांच है.' हिंदी फिल्म 'ए विंटर टेल एट शिमला' में सेवानिवृत्त आइजी की भूमिका में उनके शानदार अभिनय की सराहना भी खूब हो रही है. इस फ़िल्म में किसी भी मंझे हुए कलाकर से जरा भी कमतर वह नहीं लगते.
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व यानी 12 मई को मेरठ सहित देशभर के थियेटरों में यह फ़िल्म प्रदर्शित हुई है. फ़िल्म के बारे में उन्होंने बताया कि इस फ़िल्म में उनकी सेवानिवृत्त आइजी की महत्वपूर्ण भूमिका है. वह फ़िल्म में एक आईजी के मार्गदर्शक और संरक्षक की भूमिका में हैं, जो कि बेहद ही असंवेदनशील पति और एक बेपरवाह पिता को बार-बार मार्गदर्शन करता है. उन्होंने बताया कि इस फ़िल्म की कहानी ईर्ष्या, प्रतिशोध और एक महिला के अतीत पर आधारित है.
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