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पश्चिमी यूपी में बढ़ रहा ब्लैक फंगस का खतरा, 15 नये मरीज मिले - Separate wards of black Fungus patients in meerut medical college

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 लोगों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. यह सभी मरीज मेरठ के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. वहीं, मेरठ मेडिकल कॉलेज को ब्लैक फंगस के लिए कारगर 50 इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं.

मेरठ.
मेरठ.
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Published : May 20, 2021, 4:09 AM IST

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. आये दिन नए मरीजों की संख्या से स्थानीय लोगों में दहशत बढ़ने लगी है. जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की भी नींद उड़ी हुई है. बुधवार को 15 नए कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. सभी मरीज मेरठ, मुरादाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, हापुड़ , बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों से आये हुए हैं.

दिल्ली और पश्चिम यूपी के दूसरे जिलों से मरीज मेरठ में भर्ती
बता दें कि कोरोना संक्रमण पीड़ित मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण मिल रहे हैं. दिल्ली-महाराष्ट्र के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीजों की पुष्टि हो रही है. ये सभी मरीज विभिन्न जिलों से आकर मेरठ के अस्पतालों में भर्ती हैं. इनमें पांच का इलाज आनंद अस्पताल, तीन का किडनी हॉस्पिटल, दो का लोकप्रिय हॉस्पिटल, 10 मेडिकल कॉलेज और बाकी शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. जबकि कई मरीजों को दिल्ली के लिए रेफर किया गया है.

मेरठ के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 42 भर्ती
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि जिले के मेडिकल कॉलेज और बड़े अस्पतालों में कुल 42 मरीज भर्ती हैं. जबकि तीन मरीजों की मौत हो चुकी है. सीएमओ के मुताबिक ज्यादातर मरीज मेरठ के अलावा हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, गाज़ियाबाद, शामली और मुरादनगर के रहने वाले हैं. ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जो पहले से ही कोरोना पॉजिटिव है और ऑक्सीजन लगी हुई है. जबकि कुछ नॉन कोविड मरीज हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइड लाइन
सीएमओ का दावा है कि मेरठ में ब्लैक फंगस कंट्रोल होना शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में ब्लैक फंगस के ज्यादा मरीज नहीं आएंगे. सीएमओ ने बताया कि अनकंट्रोल स्ट्रायड के इस्तेमाल, अनकंट्रोल डायबिटीज और वेन्टीलेटर पाइप से आ रहे हाइजिन की वजह से मरीजों को ब्लैक फंगस हुआ था. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी के लिए विशेष गाइडलाइन जारी कर दी गई है.

यह भी पढ़ें-यूपी को मिली ब्लैक फंगस की दवा, वितरण के लिए बनाए गए कड़े नियम

मेडिकल कॉलेज में बनाया गया विशेष वार्ड
सीएमओ ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से स्पेसलिस्ट वार्ड बनाया गया है. सरकार ने फंगस को रोकने के लिए इंजेक्शन और दवाइयां उपलब्ध करा दी हैं. ब्लैक फंगस के मरीज के वजन के हिसाब से दवाइयां और इंजेक्शन की डोज दी जाती है. ब्लैक फंगस के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज को 66 एम्फोटेरिशन-बी 50 मिग्रा इंजेक्शन मिल चुके हैं.

मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. आये दिन नए मरीजों की संख्या से स्थानीय लोगों में दहशत बढ़ने लगी है. जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की भी नींद उड़ी हुई है. बुधवार को 15 नए कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. सभी मरीज मेरठ, मुरादाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, हापुड़ , बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों से आये हुए हैं.

दिल्ली और पश्चिम यूपी के दूसरे जिलों से मरीज मेरठ में भर्ती
बता दें कि कोरोना संक्रमण पीड़ित मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण मिल रहे हैं. दिल्ली-महाराष्ट्र के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीजों की पुष्टि हो रही है. ये सभी मरीज विभिन्न जिलों से आकर मेरठ के अस्पतालों में भर्ती हैं. इनमें पांच का इलाज आनंद अस्पताल, तीन का किडनी हॉस्पिटल, दो का लोकप्रिय हॉस्पिटल, 10 मेडिकल कॉलेज और बाकी शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. जबकि कई मरीजों को दिल्ली के लिए रेफर किया गया है.

मेरठ के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 42 भर्ती
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि जिले के मेडिकल कॉलेज और बड़े अस्पतालों में कुल 42 मरीज भर्ती हैं. जबकि तीन मरीजों की मौत हो चुकी है. सीएमओ के मुताबिक ज्यादातर मरीज मेरठ के अलावा हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, गाज़ियाबाद, शामली और मुरादनगर के रहने वाले हैं. ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जो पहले से ही कोरोना पॉजिटिव है और ऑक्सीजन लगी हुई है. जबकि कुछ नॉन कोविड मरीज हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइड लाइन
सीएमओ का दावा है कि मेरठ में ब्लैक फंगस कंट्रोल होना शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में ब्लैक फंगस के ज्यादा मरीज नहीं आएंगे. सीएमओ ने बताया कि अनकंट्रोल स्ट्रायड के इस्तेमाल, अनकंट्रोल डायबिटीज और वेन्टीलेटर पाइप से आ रहे हाइजिन की वजह से मरीजों को ब्लैक फंगस हुआ था. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी के लिए विशेष गाइडलाइन जारी कर दी गई है.

यह भी पढ़ें-यूपी को मिली ब्लैक फंगस की दवा, वितरण के लिए बनाए गए कड़े नियम

मेडिकल कॉलेज में बनाया गया विशेष वार्ड
सीएमओ ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से स्पेसलिस्ट वार्ड बनाया गया है. सरकार ने फंगस को रोकने के लिए इंजेक्शन और दवाइयां उपलब्ध करा दी हैं. ब्लैक फंगस के मरीज के वजन के हिसाब से दवाइयां और इंजेक्शन की डोज दी जाती है. ब्लैक फंगस के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज को 66 एम्फोटेरिशन-बी 50 मिग्रा इंजेक्शन मिल चुके हैं.

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