मऊ: पिछले दो दिनों से जिला कारागार का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में बैरक नंबर सात का दृश्य देखा जा सकता है, जिसमें कैदी मोबाइल पर बात कर रहे हैं. वहीं कुछ कैदी नशा करते व नशे की पुड़िया बनाते भी दिख रहे हैं. वीडियो बनाने वाला शख्स इसपूरे मामले का आरोप जेलर लाल रत्नाकर सिंह और जेल अधीक्षक अविनाश कुमार गौतम पर लगा रहा है.
क्या है मामला
- मामला मऊ जिला कारागार का है.
- पिछले दो दिनों से जिला कारागार का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
- जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं.
- कुछ कैदी मोबाइल पर बात कर रहे हैं तो वहीं कुछ नशा करते दिखाई दे रहें हैं.
- पहले तो इस पूरे मामले पर जिले के अधिकारी बयान देने से बचते नज़र आए.
- मीडिया में खबरें और वीडियो दिखाए जाने के बाद डीएम और एसपी ने संयुक्त बयान की प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सफाई दी है.
जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वीडियो पुराना है. वीडियो वायरल होने से दो दिन पहले ही डीएम और एसपी द्वारा पुलिस बल के साथ जेल का संयुक्त निरीक्षण किया गया है. जिसमें जेल मैन्युअल के तहत प्रतिबंधित सभी वस्तुओं मोबाइल, चार्जर, तार, बर्तन, खाद्य सामग्री आदि को जब्त कर लिया गया. वहीं इस सम्बन्ध में थाना सरायलखंसी में तीन अभियोग पंजीकृत किए गए हैं.
पिछले 10 दिनों में जेल के दो संयुक्त निरीक्षण हुए हैं. वहीं 20 जून को भी जिला जज के साथ संयुक्त निरीक्षण किया गया था. दूसरी ओर पिछले 10 दिनों से मऊ में रुक-रुक कर बारिश हो रही है तथा जेल नीची जमीन पर बना हुआ है जिसे बारिश की वजह से जेल परिसर में पानी लग जाता है. इस कारण जेल के अंदर की जमीन गीली रहती है परंतु वीडियो में भूमि सूखी दिखाई दे रही है. वीडियो में कुछ लोग ट्रैक सूट पहने हुए हैं और कंबल भी ओढ़े हुए हैं जिससे यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो काफी पुराना है.
- ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ,डीएम, मऊ