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मऊः जेल के अन्दर हो रही ड्रग्स की तस्करी, वीडियो वायरल - uttar pradesh jail

उत्तर प्रदेश के मऊ की जिला कारागार का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं.

जिला जेल का वायरल वीडियो.
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Published : Jul 11, 2019, 12:16 PM IST

मऊ: पिछले दो दिनों से जिला कारागार का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में बैरक नंबर सात का दृश्य देखा जा सकता है, जिसमें कैदी मोबाइल पर बात कर रहे हैं. वहीं कुछ कैदी नशा करते व नशे की पुड़िया बनाते भी दिख रहे हैं. वीडियो बनाने वाला शख्स इसपूरे मामले का आरोप जेलर लाल रत्नाकर सिंह और जेल अधीक्षक अविनाश कुमार गौतम पर लगा रहा है.

जिला जेल का वायरल वीडियो.

क्या है मामला

  • मामला मऊ जिला कारागार का है.
  • पिछले दो दिनों से जिला कारागार का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
  • जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं.
  • कुछ कैदी मोबाइल पर बात कर रहे हैं तो वहीं कुछ नशा करते दिखाई दे रहें हैं.
  • पहले तो इस पूरे मामले पर जिले के अधिकारी बयान देने से बचते नज़र आए.
  • मीडिया में खबरें और वीडियो दिखाए जाने के बाद डीएम और एसपी ने संयुक्त बयान की प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सफाई दी है.

जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वीडियो पुराना है. वीडियो वायरल होने से दो दिन पहले ही डीएम और एसपी द्वारा पुलिस बल के साथ जेल का संयुक्त निरीक्षण किया गया है. जिसमें जेल मैन्युअल के तहत प्रतिबंधित सभी वस्तुओं मोबाइल, चार्जर, तार, बर्तन, खाद्य सामग्री आदि को जब्त कर लिया गया. वहीं इस सम्बन्ध में थाना सरायलखंसी में तीन अभियोग पंजीकृत किए गए हैं.

पिछले 10 दिनों में जेल के दो संयुक्त निरीक्षण हुए हैं. वहीं 20 जून को भी जिला जज के साथ संयुक्त निरीक्षण किया गया था. दूसरी ओर पिछले 10 दिनों से मऊ में रुक-रुक कर बारिश हो रही है तथा जेल नीची जमीन पर बना हुआ है जिसे बारिश की वजह से जेल परिसर में पानी लग जाता है. इस कारण जेल के अंदर की जमीन गीली रहती है परंतु वीडियो में भूमि सूखी दिखाई दे रही है. वीडियो में कुछ लोग ट्रैक सूट पहने हुए हैं और कंबल भी ओढ़े हुए हैं जिससे यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो काफी पुराना है.

- ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ,डीएम, मऊ

मऊ: पिछले दो दिनों से जिला कारागार का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में बैरक नंबर सात का दृश्य देखा जा सकता है, जिसमें कैदी मोबाइल पर बात कर रहे हैं. वहीं कुछ कैदी नशा करते व नशे की पुड़िया बनाते भी दिख रहे हैं. वीडियो बनाने वाला शख्स इसपूरे मामले का आरोप जेलर लाल रत्नाकर सिंह और जेल अधीक्षक अविनाश कुमार गौतम पर लगा रहा है.

जिला जेल का वायरल वीडियो.

क्या है मामला

  • मामला मऊ जिला कारागार का है.
  • पिछले दो दिनों से जिला कारागार का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
  • जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं.
  • कुछ कैदी मोबाइल पर बात कर रहे हैं तो वहीं कुछ नशा करते दिखाई दे रहें हैं.
  • पहले तो इस पूरे मामले पर जिले के अधिकारी बयान देने से बचते नज़र आए.
  • मीडिया में खबरें और वीडियो दिखाए जाने के बाद डीएम और एसपी ने संयुक्त बयान की प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सफाई दी है.

जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वीडियो पुराना है. वीडियो वायरल होने से दो दिन पहले ही डीएम और एसपी द्वारा पुलिस बल के साथ जेल का संयुक्त निरीक्षण किया गया है. जिसमें जेल मैन्युअल के तहत प्रतिबंधित सभी वस्तुओं मोबाइल, चार्जर, तार, बर्तन, खाद्य सामग्री आदि को जब्त कर लिया गया. वहीं इस सम्बन्ध में थाना सरायलखंसी में तीन अभियोग पंजीकृत किए गए हैं.

पिछले 10 दिनों में जेल के दो संयुक्त निरीक्षण हुए हैं. वहीं 20 जून को भी जिला जज के साथ संयुक्त निरीक्षण किया गया था. दूसरी ओर पिछले 10 दिनों से मऊ में रुक-रुक कर बारिश हो रही है तथा जेल नीची जमीन पर बना हुआ है जिसे बारिश की वजह से जेल परिसर में पानी लग जाता है. इस कारण जेल के अंदर की जमीन गीली रहती है परंतु वीडियो में भूमि सूखी दिखाई दे रही है. वीडियो में कुछ लोग ट्रैक सूट पहने हुए हैं और कंबल भी ओढ़े हुए हैं जिससे यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो काफी पुराना है.

- ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ,डीएम, मऊ

Intro:मऊ। पिछले दो दिनों से यूपी के मऊ जिले में जिला कारागार का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें जेल में बंद कैदी प्रतिबंधित सामानों का प्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में बैरक नंबर सात का दृश्य दिखाया जा रहा जिसमें कैदी मोबाईल पर बात कर रहे हैं. वहीं कुछ कैदी नशा करते व नशे की पुड़िया बनाते भी दिख रहे हैं. वीडियो बनाने वाला शख्स इसपूरे मामले का आरोप जेलर लाल रत्नाकर सिंह और जेल अधीक्षक अविनाश कुमार गौतम पर लगा रहा है.Body:पहले तो इस पूरे मामले पर जिले के अधिकारी बयान देने से बचते नज़र आए. लेकिन मीडिया में खबरें और वीडियो दिखाए जाने के डीएम और एसपी ने संयुक्त बयान की प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सफाई दी है. साथ ही मीडिया को बयान भी दिया है.

जारी हुई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि वीडियो पुराना है. जबकि दो वीडियो वायरल होने से दो दिन पहले ही डीएम और एसपी द्वारा पुलिस बल के साथ जेल का संयुक्त निरीक्षण किया गया है. जिसमें प्राइजन एक्ट और जेल मैन्युअल के तहत प्रतिबंधित सभी वस्तुओं मोबाईल, चार्जर, तार, बर्तन, खाद्य सामग्री आदि को जब्त कर लिया गया. वहीं इस सम्बन्ध में थाना सरायलखंसी में तीन अभियोग पंजीकृत किए गए हैं.

इस प्रेस विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि पिछले 10 दिनों में जेल के दो संयुक्त निरीक्षण हुए हैं. वहीं 20 जून को भी जिला जज के साथ संयुक्त निरीक्षण किया गया था. दूसरी ओर पिछले 10 दिनों से मऊ में रुक-रुक कर बारिश हो रही है तथा जेल नीची जमीन पर बना हुआ है जिसे बारिश की वजह से जेल परिसर में पानी लग जाता है. इस कारण जेल के अंदर की जमीन गीली रहती है परंतु वीडियो में भूमि सुखी दिखाई दे रही है. वीडियो में कुछ लोग ट्रैक सूट पहने हुए हैं और कंबल भी ओढ़े हुए हैं जिससे यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो काफी पुराना है.

बाईट - ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी (डीएम, मऊ)
बाईट - अनुराग आर्य (एसपी, मऊ)Conclusion:
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