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मऊ में 'प्रेरणा ऐप' को लेकर शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी

यूपी के मऊ में शिक्षकों ने प्रेरणा ऐप को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जहां उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष कहा कि आंदोलन को प्रदेश सरकार के मनमाने रवैए के खिलाफ और तेज किया जाएगा.

प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षक संगठनों का धरना
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Published : Sep 14, 2019, 12:24 PM IST

मऊ: यूपी में लगभग एक महीने से 'प्रेरणा ऐप' के खिलाफ शिक्षक संगठनों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वहीं पिछले कुछ दिनों से यूपी के विभिन्न जिलों में शिक्षक संगठनों का धरना प्रदर्शन भी जारी है. जनपद में उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सात घटक संगठनों के साथ प्रेरणा ऐप के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा.

प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षक संगठनों का धरना प्रदर्शन.

पढ़ें: कॉलेज की समस्याओं से पीड़ित छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

  • प्रेरणा ऐप के विरोध में जिले के शिक्षक संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया.
  • कलेक्ट्रेट परिसर में शिक्षक संगठन इकट्ठे हुए और सरकार के विरुद्ध नारे लगाए.
  • साथ ही मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा.

उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने कहा
प्रदेश सरकार के मनमाने रवैए के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा. हर स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक के रहते हुए भी ऐप से शिक्षकों की हाजिरी और अन्य फिगर लेने की कोई जरूरत नहीं है. शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों की बर्खास्तगी पर दिया गया बयान लोकतंत्र के खिलाफ है. हमारे दबाव से सरकार ऐप में सुधार की बात कह रही है, लेकिन हमें सुधार नहीं बल्कि ऐप को ही हटवाना है.

विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर शिक्षक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि
प्रेरणा ऐप शिक्षकों के सम्मान के विरुद्ध है. शिक्षकों को शक की निगाह से देखा जा रहा है. सरकार शिक्षा व्यवस्था को निजीकरण और बाजारीकरण में धकेलना चाहती है. शिक्षक खुद ही प्रेरणा देने का काम करते हैं, ऐसे में निगिरानी की कोई आवश्यकता नहीं है. निरीक्षण की जरूरत प्रदेश के अधिकारियों के ऊपर है, उनके संपत्तियों और आय की जांच कराई जाए. अधिकारी एवं सरकार शिक्षकों के प्रति अविश्वास करते हैं. उन्हें शिक्षणेत्तर कार्यों में लगाए रखा जाता है. जब शिक्षक अन्य शिक्षणेत्तर कार्यों में लगा रहेगा तो वह गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण कब कर सकेगा.

मऊ: यूपी में लगभग एक महीने से 'प्रेरणा ऐप' के खिलाफ शिक्षक संगठनों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वहीं पिछले कुछ दिनों से यूपी के विभिन्न जिलों में शिक्षक संगठनों का धरना प्रदर्शन भी जारी है. जनपद में उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सात घटक संगठनों के साथ प्रेरणा ऐप के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा.

प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षक संगठनों का धरना प्रदर्शन.

पढ़ें: कॉलेज की समस्याओं से पीड़ित छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

  • प्रेरणा ऐप के विरोध में जिले के शिक्षक संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया.
  • कलेक्ट्रेट परिसर में शिक्षक संगठन इकट्ठे हुए और सरकार के विरुद्ध नारे लगाए.
  • साथ ही मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा.

उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने कहा
प्रदेश सरकार के मनमाने रवैए के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा. हर स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक के रहते हुए भी ऐप से शिक्षकों की हाजिरी और अन्य फिगर लेने की कोई जरूरत नहीं है. शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों की बर्खास्तगी पर दिया गया बयान लोकतंत्र के खिलाफ है. हमारे दबाव से सरकार ऐप में सुधार की बात कह रही है, लेकिन हमें सुधार नहीं बल्कि ऐप को ही हटवाना है.

विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर शिक्षक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि
प्रेरणा ऐप शिक्षकों के सम्मान के विरुद्ध है. शिक्षकों को शक की निगाह से देखा जा रहा है. सरकार शिक्षा व्यवस्था को निजीकरण और बाजारीकरण में धकेलना चाहती है. शिक्षक खुद ही प्रेरणा देने का काम करते हैं, ऐसे में निगिरानी की कोई आवश्यकता नहीं है. निरीक्षण की जरूरत प्रदेश के अधिकारियों के ऊपर है, उनके संपत्तियों और आय की जांच कराई जाए. अधिकारी एवं सरकार शिक्षकों के प्रति अविश्वास करते हैं. उन्हें शिक्षणेत्तर कार्यों में लगाए रखा जाता है. जब शिक्षक अन्य शिक्षणेत्तर कार्यों में लगा रहेगा तो वह गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण कब कर सकेगा.

Intro:मऊ। यूपी में लगभग एक महीने से 'प्रेरणा ऐप्प' के खिलाफ शिक्षक संगठनों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वहीं पिछले कुछ दिनों से यूपी के विभिन्न जिलों में शिक्षक संगठनों का धरना प्रदर्शन भी जारी है. जनपद मऊ में उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने सात घटक संगठनों के साथ प्रेरणा ऐप्प के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा.

Body:धरने को संबोधित करते हुए उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जनपदीय अध्यक्ष रामाश्रय यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार के मनमाने रवैए के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा. हर स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक के रहते हुए भी ऐप्प से शिक्षकों की हाजिरी और अन्य फिगर लेने की कोई जरूरत नहीं. शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों की बर्खास्तगी पर दिया गया बयान लोकतंत्र के खिलाफ है. हमारे दबाव से सरकार ऐप्प में सुधार की बात कह रही है, लेकिन हमें सुधार नहीं बल्कि ऐप्प को ही हटवाना है. शिक्षकों की जांच करनी है तो खंड शिक्षा अधिकारी या बेसिक शिक्षा अधिकारी खुद ही आकर करें. टीवी चैनलों पर एंकर शिक्षकों को 'कामचोर' बता रहे हैं, यह निंदनीय और शिक्षकों का अपमान है. हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार बैकफुट पर ना चली जाए.

विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर शिक्षक एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि प्रेरणा ऐप्प शिक्षकों के सम्मान के विरुद्ध है. शिक्षकों को शक की निगाह से देखा जा रहा है. सरकार शिक्षा व्यवस्था को निजीकरण और बाजारीकरण में धकेलना चाहती है. शिक्षक खुद ही प्रेरणा देने का काम करते हैं, ऐसे में निगिरानी की कोई आवश्यकता नहीं है. निरीक्षण की जरूरत प्रदेश के अधिकारियों के ऊपर है, उनके संपत्तियों और आय की जांच कराई जाए. अधिकारी एवं सरकार शिक्षकों के प्रति अविश्वास करते हैं. उन्हें शिक्षणेत्तर कार्यों में लगाए रखा जाता है. जब शिक्षक अन्य शिक्षणेत्तर कार्यों में लगा रहेगा तो वह गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण कब कर सकेगा. सरकारी विद्यालयों की कान्वेंट स्कूलों से तुलना की जाती है जबकि उनकी तुलना में सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या काफी कम होती है.

बाईट - रामाश्रय यादव (पदाधिकारी, उ.प्र. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद) मंच से बोलते हुए

बाईट - अंजनी कुमार सिंह (जिलाध्यक्ष, विशिष्ट बीटीसी वेलफेयर शिक्षक एसोसिएशन)

(ख़बर WRAP से भेजी गई है)Conclusion:
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