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लॉकडाउन में भी बच्चों का भविष्य संवार रहे स्वतंत्र कुमार, वाट्सऐप पर चला रहे क्लास - लॉकडाउन में स्कूल में लगे ताले

मऊ जिले के नगरीपार प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव लॉकडाउन में भी बच्चों को शिक्षा दें रहे हैं. वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से वह बच्चों को होमवर्क देकर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं.

वाट्सऐप से बच्चों को मिल रही शिक्षा
वाट्सऐप से बच्चों को मिल रही शिक्षा
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Published : Apr 11, 2020, 5:51 PM IST

मऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन की वजह से पूरे देश के शिक्षण संस्थान भी बंद हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई का हर्जा न हो इसके लिए संस्थान बड़े-बड़े कदम उठा रहे हैं. शिक्षा विभाग लगातार ऐसे नये प्रयासों में लगा है, जिससे पढ़ाई के नुकसान की भरपाई हो सके. वहीं जिले में एक शिक्षक ने अनोखी मिसाल पेश की है. शिक्षक ने लॉकडाउन के समय में भी बच्चों की पढ़ाई कराने का बीड़ा उठाया है.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

दरअसल, प्राथमिक विद्यालय नगरीपार के प्रधानाध्यापक स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव लॉकडाउन में भी बच्चों के भविष्य संवारने में लगे हुए हैं. स्वतंत्र कुमार को लॉकडाउन के चलते पूरा दिन घर के अंदर ही व्यतीत करना पड़ रहा है. ऐसे में वह घर पर अपने बच्चों के साथ मिलकर बेकार पड़ी वस्तुओं से 'टीचिंग लर्निंग मटैरियल' (TLM) तैयार कर रहें हैं, जो स्कूल खुलने पर बच्चों को रचनात्मक तरीके के पढ़ाने में काम आएगा.

कोरोना के प्रति भी बच्चों को कर रहे जागरूक
इसी के साथ ही स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव 'टीचर-अभिवावक वाट्सऐप ग्रुप' के माध्यम से बच्चों को होमवर्क देकर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. बच्चे अपना होमवर्क पूरा करने क बाद ग्रुप में डाल देते हैं, जिसे चेक स्वतंत्र कुमार बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं. स्वतंत्र कुमार ने बताया कि वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए भी मैटेरियल भेजा जा रहा है, जिससे बच्चे लॉकडाउन में खुद भी सावधान रहें और दूसरों को भी जागरूक करें.

तैयार कर रहे टीचिंग लर्निंग मटैरियल
स्वतंत्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में मैं और मेरे बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं. दिनभर घर में ही रहना होता है. ऐसे में मैं अपने बच्चों के साथ मिलकर रचनात्मक कार्य कर रहा हूं. बेकार पड़े वस्तुओं की कटिंग और पेटिंग करके TLM (टीचिंग लर्निंग मटैरियल) बनाया जा रहा है, जो स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के काम आएगा. इससे जहां स्कूल का कार्य हो रहा है, वहीं घर के बच्चे भी रचनात्मक कार्य सीख रहे हैं और लॉकडाउन में घर के अंदर रहने पर भी उलझन नहीं महसूस कर रहे हैं.

मऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन की वजह से पूरे देश के शिक्षण संस्थान भी बंद हैं, लेकिन बच्चों की पढ़ाई का हर्जा न हो इसके लिए संस्थान बड़े-बड़े कदम उठा रहे हैं. शिक्षा विभाग लगातार ऐसे नये प्रयासों में लगा है, जिससे पढ़ाई के नुकसान की भरपाई हो सके. वहीं जिले में एक शिक्षक ने अनोखी मिसाल पेश की है. शिक्षक ने लॉकडाउन के समय में भी बच्चों की पढ़ाई कराने का बीड़ा उठाया है.

देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

दरअसल, प्राथमिक विद्यालय नगरीपार के प्रधानाध्यापक स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव लॉकडाउन में भी बच्चों के भविष्य संवारने में लगे हुए हैं. स्वतंत्र कुमार को लॉकडाउन के चलते पूरा दिन घर के अंदर ही व्यतीत करना पड़ रहा है. ऐसे में वह घर पर अपने बच्चों के साथ मिलकर बेकार पड़ी वस्तुओं से 'टीचिंग लर्निंग मटैरियल' (TLM) तैयार कर रहें हैं, जो स्कूल खुलने पर बच्चों को रचनात्मक तरीके के पढ़ाने में काम आएगा.

कोरोना के प्रति भी बच्चों को कर रहे जागरूक
इसी के साथ ही स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव 'टीचर-अभिवावक वाट्सऐप ग्रुप' के माध्यम से बच्चों को होमवर्क देकर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं. बच्चे अपना होमवर्क पूरा करने क बाद ग्रुप में डाल देते हैं, जिसे चेक स्वतंत्र कुमार बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं. स्वतंत्र कुमार ने बताया कि वाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए भी मैटेरियल भेजा जा रहा है, जिससे बच्चे लॉकडाउन में खुद भी सावधान रहें और दूसरों को भी जागरूक करें.

तैयार कर रहे टीचिंग लर्निंग मटैरियल
स्वतंत्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में मैं और मेरे बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे हैं. दिनभर घर में ही रहना होता है. ऐसे में मैं अपने बच्चों के साथ मिलकर रचनात्मक कार्य कर रहा हूं. बेकार पड़े वस्तुओं की कटिंग और पेटिंग करके TLM (टीचिंग लर्निंग मटैरियल) बनाया जा रहा है, जो स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के काम आएगा. इससे जहां स्कूल का कार्य हो रहा है, वहीं घर के बच्चे भी रचनात्मक कार्य सीख रहे हैं और लॉकडाउन में घर के अंदर रहने पर भी उलझन नहीं महसूस कर रहे हैं.

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