ETV Bharat / state

मऊ: सुदामा के परिवार की मदद को आगे आए सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य

author img

By

Published : Jun 21, 2020, 5:38 PM IST

Updated : Jun 21, 2020, 6:13 PM IST

उत्तर प्रदेश के मऊ में सुदामा का परिवार बारिश से परेशान था. सुदामा ने जैसे-तैसे 2 कमरों की दीवारें तो खड़ी कर ली थीं, लेकिन छत नहीं थी. तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से सुदामा का परिवार बेहाल था. क्षेत्र के सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने जब परिवार को इस हाल में देखा तो मदद करने की ठानी. वे सुदामा के घर पर शेड लगवा रहे हैं.

mau
सुदामा का परिवार.

मऊ: सरकार विकास के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, लेकिन आज भी वास्तविक पात्र इन योजनाओं से अछूते हैं. ऐसा ही एक परिवार मऊ जिले के रकौली गांव में है, जिसके पास रहने के लिए छत तक नहीं है. बारिश के मौसम में परेशान इस परिवार पर गांव के सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य की नजर पड़ी और वे मदद के लिए आगे आए. प्रधानाचार्य ने परिवार की मदद की और बारिश से बचाव के लिए व्यवस्था करा रहे हैं.

सुदामा के परिवार की मदद कर रहे प्रधानाचार्य.

प्राथमिक विद्यालय रकौली के प्रधानाचार्य सतीश सिंह एमडीएम के लिए छात्रों के घर-घर जाकर जानकारी एकत्रित कर रहे थे. वे जब कक्षा चार के छात्र प्रमोद के घर पहुंचे तो यहां की हालात देखकर परेशान हो गए. तीन दिनों से लगातार रुक-रुक कर बारिश होने से इनके घर में बैठेने तक की जगह नहीं थी. चारों तरफ पानी ही पानी था. घर की हालत देखकर प्रधानाचार्य सतीश सिंह ने प्रधान को इस मामले की जानकारी दी और मदद करने के लिए कहा. प्रधान ने इस मामले में जवाब दिया कि कागजी प्रक्रिया होने में 6 महीने लग जाएंगे.

प्रधानाचार्य ने की परिवार की मदद
कोई हल न निकलने पर सतीश सिंह ने अपने खर्च से प्रमोद के घर पर शेड लगवाने का निर्णय लिया है. सतीश सिंह ने बताया कि जब वे प्रमोद के घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उसकी मां दिव्यांग है. बारिश में पूरा परिवार भीग रहा था. जरूरी सामान झोपड़ी में रखा था, वहीं कुछ सामान खुले में भीग रहा था. तत्काल राहत के लिए पड़ोस के लोगों से मिलकर इनके घर पर शेड लगवाया जा रहा है.

बारिश में पड़ोसी के यहां लेनी पड़ती थी पनाह
पड़ोस के रहने वाले भूपेंद्रनाथ सिंह ने बताया कि इनके पास न तो खेती के लिए जमीन है न ही रहने के लिए घर. बारिश होने पर परिवार भूपेंद्रनाथ के घर रहता है. प्रधान से कई बार कहा गया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. सुदामा के पड़ोसी भूपेंद्रनाथ सिंह ने दो कमरों की दीवारें खड़ी कराईं, लेकिन छत नहीं बन सकी. अब स्कूल के प्रधानाचार्य छत पर शेड रखवा रहे हैं.

पढ़ें: मऊ: मधुमक्खी पालन से लाखों की कमाई कर रहे इस गांव के युवा

नहीं मिला सरकारी योजनाओं का लाभ
प्रमोद के पिता सुदामा और उसकी मां सुशीला दिव्यांग हैं. सुदामा तो चलने में समर्थ हैं, लेकिन सुशीला बिल्कुल भी नहीं चल पाती है. परिवार को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. यहां तक कि परिवार के पास ऑनलाइन राशन कार्ड नहीं बना है. सुदामा ने बताया कि किसी तरह से मेहनत-मजदूरी और लोगों से मांगकर परिवार का पेट भरते हैं.

मऊ: सरकार विकास के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, लेकिन आज भी वास्तविक पात्र इन योजनाओं से अछूते हैं. ऐसा ही एक परिवार मऊ जिले के रकौली गांव में है, जिसके पास रहने के लिए छत तक नहीं है. बारिश के मौसम में परेशान इस परिवार पर गांव के सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य की नजर पड़ी और वे मदद के लिए आगे आए. प्रधानाचार्य ने परिवार की मदद की और बारिश से बचाव के लिए व्यवस्था करा रहे हैं.

सुदामा के परिवार की मदद कर रहे प्रधानाचार्य.

प्राथमिक विद्यालय रकौली के प्रधानाचार्य सतीश सिंह एमडीएम के लिए छात्रों के घर-घर जाकर जानकारी एकत्रित कर रहे थे. वे जब कक्षा चार के छात्र प्रमोद के घर पहुंचे तो यहां की हालात देखकर परेशान हो गए. तीन दिनों से लगातार रुक-रुक कर बारिश होने से इनके घर में बैठेने तक की जगह नहीं थी. चारों तरफ पानी ही पानी था. घर की हालत देखकर प्रधानाचार्य सतीश सिंह ने प्रधान को इस मामले की जानकारी दी और मदद करने के लिए कहा. प्रधान ने इस मामले में जवाब दिया कि कागजी प्रक्रिया होने में 6 महीने लग जाएंगे.

प्रधानाचार्य ने की परिवार की मदद
कोई हल न निकलने पर सतीश सिंह ने अपने खर्च से प्रमोद के घर पर शेड लगवाने का निर्णय लिया है. सतीश सिंह ने बताया कि जब वे प्रमोद के घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उसकी मां दिव्यांग है. बारिश में पूरा परिवार भीग रहा था. जरूरी सामान झोपड़ी में रखा था, वहीं कुछ सामान खुले में भीग रहा था. तत्काल राहत के लिए पड़ोस के लोगों से मिलकर इनके घर पर शेड लगवाया जा रहा है.

बारिश में पड़ोसी के यहां लेनी पड़ती थी पनाह
पड़ोस के रहने वाले भूपेंद्रनाथ सिंह ने बताया कि इनके पास न तो खेती के लिए जमीन है न ही रहने के लिए घर. बारिश होने पर परिवार भूपेंद्रनाथ के घर रहता है. प्रधान से कई बार कहा गया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. सुदामा के पड़ोसी भूपेंद्रनाथ सिंह ने दो कमरों की दीवारें खड़ी कराईं, लेकिन छत नहीं बन सकी. अब स्कूल के प्रधानाचार्य छत पर शेड रखवा रहे हैं.

पढ़ें: मऊ: मधुमक्खी पालन से लाखों की कमाई कर रहे इस गांव के युवा

नहीं मिला सरकारी योजनाओं का लाभ
प्रमोद के पिता सुदामा और उसकी मां सुशीला दिव्यांग हैं. सुदामा तो चलने में समर्थ हैं, लेकिन सुशीला बिल्कुल भी नहीं चल पाती है. परिवार को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. यहां तक कि परिवार के पास ऑनलाइन राशन कार्ड नहीं बना है. सुदामा ने बताया कि किसी तरह से मेहनत-मजदूरी और लोगों से मांगकर परिवार का पेट भरते हैं.

Last Updated : Jun 21, 2020, 6:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.