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मऊ: लॉकडाउन-3 में शुरू हुआ नियमित टीकाकरण कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में लॉकडाउन के बीच नियमित टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरके झा ने बताया कि टीकाकरण गर्भधारण के बाद महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है.

lockdown in mau
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह.
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Published : May 14, 2020, 4:54 PM IST

मऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए शासन के निर्देशानुसार गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसके लिए जिले में 464 सत्रों का प्लान किया गया है. बुधवार को 435 सत्र का आयोजन पूरे जनपद में किया गया, जिसमें 2,179 महिलाओं और 6,361 बच्चों का टीकाकरण हुआ.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है टीकाकरण

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि टीकाकरण से शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर सुधार लाया जा सकता है. नियमित टीकाकरण के तहत वैक्सीन शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को पहचान कर उन्हें नष्ट करने के लिए एंटीबॉडीज बनाने का कार्य करती है.

सीएमओ ने बताया कि गर्भावस्था के समय महिलाओं में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इससे गर्भवती और गर्भ में पल रहे शिशु को स्वास्थ्य समस्या हो सकती है. जच्चा-बच्चा को बीमारियों से बचाने का सबसे सरल तरीका टीकाकरण ही है.

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरके झा ने बताया कि जन्म से पांच वर्ष तक की आयु तक टीकाकरण बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है. इसी प्रकार से गर्भधारण के बाद महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है. इसलिए लॉकडाउन में भी स्वास्थ्य विभाग नियमित टीकाकरण कार्यक्रम सफलता पूर्वक करा रहा है. लॉकडाउन में शुरू हुए नियमित टीकाकरण में बुधवार और शनिवार को 464 सत्र का प्लान किया गया है.

मऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए शासन के निर्देशानुसार गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसके लिए जिले में 464 सत्रों का प्लान किया गया है. बुधवार को 435 सत्र का आयोजन पूरे जनपद में किया गया, जिसमें 2,179 महिलाओं और 6,361 बच्चों का टीकाकरण हुआ.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है टीकाकरण

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि टीकाकरण से शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर सुधार लाया जा सकता है. नियमित टीकाकरण के तहत वैक्सीन शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को पहचान कर उन्हें नष्ट करने के लिए एंटीबॉडीज बनाने का कार्य करती है.

सीएमओ ने बताया कि गर्भावस्था के समय महिलाओं में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इससे गर्भवती और गर्भ में पल रहे शिशु को स्वास्थ्य समस्या हो सकती है. जच्चा-बच्चा को बीमारियों से बचाने का सबसे सरल तरीका टीकाकरण ही है.

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरके झा ने बताया कि जन्म से पांच वर्ष तक की आयु तक टीकाकरण बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है. इसी प्रकार से गर्भधारण के बाद महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाता है. इसलिए लॉकडाउन में भी स्वास्थ्य विभाग नियमित टीकाकरण कार्यक्रम सफलता पूर्वक करा रहा है. लॉकडाउन में शुरू हुए नियमित टीकाकरण में बुधवार और शनिवार को 464 सत्र का प्लान किया गया है.

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