मऊ: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2017 में की गई थी. तब से स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार इसका क्रियान्वयन किया जा रहा है. इसका लाभ समय पर गर्भवती तक पहुंचाया जा रहा है. वहीं लॉकडाउन के बाद जिले में दूसरे राज्यों से आने वाली गर्भवती महिलाओं को भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ मिल रहा है.
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वय विवेक कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में जिले की निवासी या कोरोना के चलते अन्य प्रान्त से आने वाली पहली बार गर्भवती महिलाओं का पीएमएमवीवाई (प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना) के तहत पंजीकरण किया जा रहा है. इसमें किसी भी प्रकार की समस्या आने पर लोग मो. 9918004222 पर सम्पर्क कर सकते हैं.
तीन किस्तों में खाते में ट्रांसफर होते हैं 5000 रुपये
मुख्य चिकिसाधिकारी डॉ. सतीश चंद सिंह ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को उचित खान-पान और जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें, इसलिए योजना के तहत तीन किस्तों में 5000 रुपये खाते में दिए जाते हैं. इस योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले स्वास्थ्य इकाई पर पंजीकरण कराना होता है, जिसमें पहली किस्त में 1000 रुपये, दूसरी किस्त 180 दिन (6 महीने) के भीतर गर्भवती के टीकाकरण और जांच कराने पर 2000 रुपये दिए जाते हैं. तीसरा और अंतिम किस्त प्रसव होने के बाद बच्चे के टीकाकरण के बाद 2000 रुपया दिया जाता है.
जून 2020 तक 38,388 गर्भवती को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि यह केंद्र सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत मऊ जिले में जून 2020 तक 38,388 गर्भवती को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य मिला है. ग्रामीण क्षेत्र में 29,652 का लक्ष्य मिला है, जिसमें लक्ष्य से ज्यादा 34,785 गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल चुका है. नगरीय क्षेत्र में मिले 8,736 लक्ष्य के सापेक्ष 1,825 गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है. जिले में अब तक कुल 36,610 गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल चुका है.
आशा कार्यकर्ता से लेकर अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग
सीएमओ ने बताया कि कोरोना काल में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग, मॉनिटरिंग और देखभाल में स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता से लेकर जिले स्तर के आला अधिकारी लगाये जाने पर जिले का ग्राफ लक्ष्य के सापेक्ष सराहनीय है.
जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक टीम गठित
एसीएमओ और नोडल अधिकारी डॉ. पीके राय ने बताया कि यह योजना गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक साबित हुई है. इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को 5000 रुपये दिए जाते हैं. इस योजना की नियमित मॉनिटरिंग की जाती है. योजना के संचालन के लिए जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक टीम गठित की गई है. हर माह इसकी समीक्षा भी की जाती है. यह भी ध्यान रखा जाता है कि इस योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को पूरा लाभ मिले.
योजना के लिए कैसे करें आवेदन
प्राथमिक और सामुदायिक केंद्र पर जाकर गर्भवती महिलाएं इस योजना के लिए पंजीकरण करा सकती हैं. इस योजना के लिए पंजीकरण कराने में आशा, एएनएम और बीसीपीएम सहित बीपीएम आदि से मदद ले सकती हैं. आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड की फोटोकॉपी, बैंक या पोस्ट ऑफिस खाता की पासबुक जो आधार से लिंक हो, आधार न होने पर पहचान संबंधी अन्य विकल्प, पीचएसी या सरकारी अस्पताल से जारी स्वास्थ्य कार्ड, सरकारी विभाग/कंपनी/संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र आदि आवश्यक है.
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