मऊ: जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में अभिभावक छात्र एकता मंच द्वारा विरोध प्रदर्शन करके जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि वह निजी विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे हैं, जिससे परेशान विद्यालय के प्रबंधकों ने फर्जी मुकदमे में फंसा दिया है. उसके साथ ही पुलिस प्रशासन भी निजी विद्यालयों के प्रबंधकों से मिला हुआ है. ऐसे में हम लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर के मामले की जांच कराने की मांग की है.
जानिए पूरा मामला
सामाजिक कार्यकर्ता राजविजय यादव ने कहा कि सरकार के शासनादेशों, निर्देशों के अनुपालन से प्रबंधकों को बचाने एवं उनके लूट की मनमानी को जारी रखने के लिए पुलिस प्रशासन पार्टी बनकर पक्षपात पूर्ण ढंग से कार्य कर रहा है .जो न्याय पूर्ण ढंग से समाज के संचालन में बड़ी बाधा है और सरकार की स्वच्छ छवि को भी बदनाम करने का कार्य कर रहा है. हमारे ऊपर फर्जी मुकदमे लगाकर लगातार पुलिस प्रशासन के द्वारा दबाव डाला जा रहा है. गुंडा एक्ट लगाने तक की बातें कहीं जा रही हैं. हम लोगों के ऊपर लगाया गया मुकदमा फर्जी है. जिसकी निष्पक्ष जांच करते हुए मुकदमा समाप्त किया जाए. उन्होंने कहा कि प्राइवेट विद्यालयों में मानक के अनुरूप ना तो निर्माण है ना ही उचित अग्निशमन यंत्र. बल्कि जिले में 2 विद्यालय पेट्रोल पंप की चारदीवारी से सटे बनाये गये हैं.
प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को पढ़ाना अनिवार्य किया जाए. प्राइवेट प्रशासकों की एनसीईआरटी पैटर्न पुस्तकें पढ़ाने और बिक्री पर रोक लगाई जाए. स्कूल फीस एवं अन्य शुल्क एवं भाड़ा निर्धारित करने हेतु जिला शुल्क निवारण समिति अधिनियम के तहत गठित की जाए.जिसमें जिला प्रशासन विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों के प्रतिनिधि शामिल किए जाएं. बैग वजन मानक सख्ती से लागू कराया जाए, शिक्षा अधिकार अधिनियम आरटीआई द्वारा तय गरीब छात्रों की भागीदारी हेतु प्राइवेट विद्यालयों में 25% निशुल्क शिक्षा हेतु का शत-प्रतिशत अनुपालन कराया जाए .धरना ज्ञापन में उपस्थित गगन कुमार, बलवंत यादव, संगम राज, विक्की कुमार, विजय बहादुर साहनी, अमित गौण, सोनू यादव,साधु यादव आशुतोष ,गोलू,पंकज आदि मौजूद रहे.