मऊः गंगा-जमुनी तहजीब के आधार पर मुगल काल से चला आ रहा ऐतिहासिक भरत मिलाप शुक्रवार को सकुशल संपन्न हो गया. सुरक्षा के मद्देनजर कार्यक्रम में भारी पुलिस बल की तैनाती भी रही. बता दें कि यह कार्यक्रम शाही कटरा मस्जिद के मैदान में आयोजित हुआ. यहां भरत से मिलने के पहले भगवान श्री राम का शाही विमान 3 बार मस्जिद के गेट को स्पर्श करता है और उसके बाद ही भरत मिलाप होता है. हालांकि प्रदेश के अति संवेदनशील शहरों की सूची में शामिल होने के कारण इस मौके पर यहां जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित जिले के सभी आला अधिकारी पूरी रात मुस्तैद दिखे.
जानकारी के अनुसार, मऊ का यह ऐतिहासिक भारत मिलाप काफी प्राचीन है. ताने-बाने की नगरी मऊ के शाही कटरा मस्जिद मैदान में भरत मिलाप का यह कार्यक्रम बड़े ही भव्य पैमाने पर आयोजित होता है. जिसे देखने के लिए पूरी रात भारी भीड़ उमड़ती है. सुबह मस्जिद से आने वाली अजान की आवाज और उसी दौरान श्रीराम का जयघोस के संगम में इस भरत मिलाप की एक अलग ही आलौकिक छटा होती है. शुक्रवार को पूरी रात हजारों की भीड़ के बीच भरत मिलाप का मंचन हुआ.
रामलीला कमेटी के मंत्री संजय वर्मा ने बताया कि यह परंपरा पहले हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक हुआ करता था. लेकिन बाद में कुछ संप्रदायिक लोगों ने इसे दूसरा रूप देकर मस्जिद के गेट पर ठोकर मारने की परंपरा बन गई. जिसे लेकर हमेशा संवेदनशीलता बनी रहती है. शाही कटरा के मैदान के मस्जिद के मौलाना इफ्तिखार अहमद ने बताया कि मुगलों को जमाने से ये परंपरा रही है. इसे राम रहीम से जोड़कर देखा जाता है.
सीओ सिटी धनंजय मिश्रा ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स, कई थानों की फोर्स, कई जिलों से पुलिस के अधिकारी, पीएससी और भारी फोर्स बल के साथ शांतिपूर्ण तरीके से भरत मिलाप संपन्न कराया गया. पूरे प्रदेश की नजर इस भरत मिलाप पर रहती है. क्योंकि अति संवेदनशील होने के कारण प्रशासनिक चूक के कारण कई बार संप्रदायिक दंगे हो चुके हैं. इसलिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ हर बिंदुओं पर होमवर्क कर भरत मिलाप संपन्न कराता है.
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