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मऊ: जिला प्रशासन के खिलाफ ग्राम प्रधानों का आंदोलन

बदमाशों द्वारा ग्राम प्रधानों की हत्या से लेकर अधिकारियों द्वारा भी अनावश्यक रूप से उत्पीड़न तक की कार्रवाई हो रही है. वहीं दूसरी ओर गांवों में पशु आश्रय स्थल बने हैं या बनाए जाने हैं. ऐसे में ग्राम प्रधानों ने निर्णय लिया है कि यदि समस्याओं पर रोक नहीं लगी तो एकजुट होकर आंदोलन किया जाएगा.

जिला प्रशासन के खिलाफ ग्राम प्रधानों का आंदोलन
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Published : Jun 29, 2019, 4:12 PM IST

मऊ: जिले में इस वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों पर हुए हमलों और हत्या के प्रयासों को लेकर ग्राम प्रधान संगठन ने नाराजगी व्यक्त की है. ग्राम प्रधानों का कहना है कि जिलों में अधिकारियों द्वारा ग्राम प्रधान और प्रतिनिधियों को प्रताड़ित किया जाता है. यदि जल्द ही इसपर रोक नहीं लगी तो जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री तक शिकायती पत्र देकर मामले को गम्भीरता से अवगत कराया जाएगा.

जिला प्रशासन के खिलाफ ग्राम प्रधानों का आंदोलन

जानें क्या है पूरा मामला

  • नगर पालिका कम्युनिटी हॉल में राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन की ओर से बैठक आयोजित हुई.
  • इस बैठक में प्रदेश प्रभारी रवींद्र राय सहित बड़ी संख्या में संगठन पदाधिकारी और ग्राम प्रधान उपस्थित रहे.
  • जिले में ग्राम प्रधानों में भय का माहौल व्याप्त है.
  • बदमाशों द्वारा ग्राम प्रधानों की हत्या से लेकर अधिकारियों द्वारा भी अनावश्यक रूप से उत्पीड़न तक की कार्रवाई हो रही है.
  • वहीं दूसरी ओर गांवों में पशु आश्रय स्थल बने हैं या बनाए जाने हैं
  • शासन से एक पशु पर मात्र 30 रूपये दिये जा रहे हैं जो बहुत कम है.
  • एक मजदूर की दिहाड़ी लगभग 300 से 400 रूपये तक है, जबकि सरकारी दर 182 रुपये है.
  • ऐसे में ग्राम प्रधान आर्थिक समस्या से परेशान हो रहा है.
  • ग्राम प्रधानों ने निर्णय लिया है कि यदि समस्याओं पर रोक नहीं लगी तो एकजुट होकर आंदोलन किया जाएगा.
  • जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा.

तीन सालों से सोशल मीडिया पर फर्जी ऐप्लिकेशन के माध्यम से आयुष्मान भारत योजना, आवास योजना पर नाम, पता, आधार संख्याओं आदि निजी जानकारी मांगी जा रही है. इसपर प्रशासन को रोक लगाना चाहिए.
-विवेकानंद यादव, जिलाध्यक्ष

मऊ: जिले में इस वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों पर हुए हमलों और हत्या के प्रयासों को लेकर ग्राम प्रधान संगठन ने नाराजगी व्यक्त की है. ग्राम प्रधानों का कहना है कि जिलों में अधिकारियों द्वारा ग्राम प्रधान और प्रतिनिधियों को प्रताड़ित किया जाता है. यदि जल्द ही इसपर रोक नहीं लगी तो जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री तक शिकायती पत्र देकर मामले को गम्भीरता से अवगत कराया जाएगा.

जिला प्रशासन के खिलाफ ग्राम प्रधानों का आंदोलन

जानें क्या है पूरा मामला

  • नगर पालिका कम्युनिटी हॉल में राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन की ओर से बैठक आयोजित हुई.
  • इस बैठक में प्रदेश प्रभारी रवींद्र राय सहित बड़ी संख्या में संगठन पदाधिकारी और ग्राम प्रधान उपस्थित रहे.
  • जिले में ग्राम प्रधानों में भय का माहौल व्याप्त है.
  • बदमाशों द्वारा ग्राम प्रधानों की हत्या से लेकर अधिकारियों द्वारा भी अनावश्यक रूप से उत्पीड़न तक की कार्रवाई हो रही है.
  • वहीं दूसरी ओर गांवों में पशु आश्रय स्थल बने हैं या बनाए जाने हैं
  • शासन से एक पशु पर मात्र 30 रूपये दिये जा रहे हैं जो बहुत कम है.
  • एक मजदूर की दिहाड़ी लगभग 300 से 400 रूपये तक है, जबकि सरकारी दर 182 रुपये है.
  • ऐसे में ग्राम प्रधान आर्थिक समस्या से परेशान हो रहा है.
  • ग्राम प्रधानों ने निर्णय लिया है कि यदि समस्याओं पर रोक नहीं लगी तो एकजुट होकर आंदोलन किया जाएगा.
  • जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा.

तीन सालों से सोशल मीडिया पर फर्जी ऐप्लिकेशन के माध्यम से आयुष्मान भारत योजना, आवास योजना पर नाम, पता, आधार संख्याओं आदि निजी जानकारी मांगी जा रही है. इसपर प्रशासन को रोक लगाना चाहिए.
-विवेकानंद यादव, जिलाध्यक्ष

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मऊ। जिले में इस वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों पर हुए हमलों और हत्या के प्रयासों को लेकर ग्राम प्रधान संगठन ने नाराजगी व्यक्त की है. ग्राम प्रधानों का कहना है कि जिलों में अधिकारियों द्वारा ग्राम प्रधान और प्रतिनिधियों को प्रताड़ित किया जाता है. यदि जल्द ही इसपर रोक नहीं लगी तो जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री तक शिकायती पत्र देकर मामले को गम्भीरता से अवगत कराया जाएगा.


Body:नगर पालिका कम्युनिटी हॉल में राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन की ओर से आयोजित हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी रवींद्र राय सहित बड़ी संख्या में संगठन पदाधिकारी और ग्राम प्रधान उपस्थित रहे. मऊ जिलाध्यक्ष विवेकानंद यादव ने मीडिया को बताया कि जिले में ग्राम प्रधानों में भय का माहौल व्याप्त है. बदमाशों द्वारा ग्राम प्रधानों की हत्या से लेकर अधिकारियों द्वारा भी अनावश्यक रूप से उत्पीड़न तक की कार्रवाई हो रही है. वहीं दूसरी समस्या बताया कि गांवों में पशु आश्रय स्थल बने हैं या बनाए जाने हैं, जिसके लिए शासन से एक पशु पर मात्र 30 रूपये दिये जा रहे हैं जो बहुत कम है. ऐसे में बाजार भाव की तुलना में 30 रूपये एक पशु को ठीक से खिलाना सम्भव नहीं है. हम बिना भ्रष्टाचार के काम कराना चाहते हैं लेकिन पैसे कम मिलने से बहुत समस्या होने लगी है. एक मजदूर की एक दिन की मजदूरी लगभग 300 से 400 रूपये तक है जबकि सरकारी दर 182 रूपये है. इसी तरह निर्माण कार्यों में लगने वाले सभी घटकों ईंट, गिट्टी, बालू, सरिया आदि के बाजार भाव अधिक हैं, लेकिन सरकारी रेट कम है. ऐसे में ईमानदारी से काम करना चाहकर भी ग्राम प्रधान आर्थिक समस्या से परेशान हो रहा है. एक अन्य बड़ी समस्या यह है कि तीन सालों से सोशल मीडिया पर फर्जी ऐप्लिकेशन के माध्यम से आयुष्मान भारत योजना, आवास योजना पर नाम, पता, आधार संख्याओं आदि निजी जानकारी मांगी जा रही है. इसपर प्रशासन को रोक लगाना चाहिए.

सर्वसम्मति से ग्राम प्रधानों ने निर्णय लिया है कि यदि समस्याओं पर रोक नहीं लगी तो एकजुटता होकर आंदोलन किया जाएगा और जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा. बैठक में रमेश यादव, योगेश राय, हरिकेश सिंह, देवेन्द्र चौहान, मनोज, रामभवन सहित दर्जनों की संख्या में ग्राम प्रधान उपस्थित रहे.

बाईट - विवेकानंद यादव (जिलाध्यक्ष, ग्राम प्रधान संगठन)

रिपोर्ट - महितोष मिश्र, 9651426514


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