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मऊ: कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान, बसपा ने किया था निष्कासित

मऊ में बसपा से निष्कासित पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. पिछले महीने पूर्व सांसद समेत पांच कार्यकर्ताओं को अनुशासनहीनता के चलते बसपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था. उनके कांग्रेस में शामिल होने की प्रक्रिया चल रही है.

पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान
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Published : Mar 7, 2019, 11:47 PM IST

मऊ: पिछले महीने बसपा से निष्कासित किए गए पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. बसपा ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर पूर्व सांसद समेत पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इसके साथ ही इस बार वह घोसी लोकसभा सीट पर अतुल राय को प्रभारी बनाने का विरोध कर रहे थे.

मीडिया से बातचीत करते पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान.

गुरुवार को पार्टी की रणनीति और गतिविधियों का जायजा लेने आए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सचिन नाईक से पूर्व सांसद ने मुलाकात की. सचिन नाईक से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद ने बताया कि उनको बसपा से निकाले जाने के कारण पता नहीं है. साथ ही कहा कि कांग्रेस में शामिल होने की प्रक्रिया चल रही है. वह जल्द ही पार्टी में शामिल हो जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया तो वह जरुर चुनाव लड़ेंगे. वहीं सचिन नाईक ने बताया कि अभी बालकृष्ण चौहान को पार्टी में नहीं लिया गया है. यदि किसी के आने से पार्टी को मजबूती मिलती है तो उस पर जरूर विचार किया जाएगा.

पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को तीसरी बार पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया गया है. इस बार वह घोसी लोकसभा सीट पर अतुल राय को प्रभारी बनाने का विरोध कर रहे थे. जिस पर एक्शन लेते हुए जिलाध्यक्ष ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद सहित 5 कार्यकर्ताओं पार्टी से निकाल दिया था.

मऊ: पिछले महीने बसपा से निष्कासित किए गए पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. बसपा ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर पूर्व सांसद समेत पांच कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इसके साथ ही इस बार वह घोसी लोकसभा सीट पर अतुल राय को प्रभारी बनाने का विरोध कर रहे थे.

मीडिया से बातचीत करते पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान.

गुरुवार को पार्टी की रणनीति और गतिविधियों का जायजा लेने आए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सचिन नाईक से पूर्व सांसद ने मुलाकात की. सचिन नाईक से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद ने बताया कि उनको बसपा से निकाले जाने के कारण पता नहीं है. साथ ही कहा कि कांग्रेस में शामिल होने की प्रक्रिया चल रही है. वह जल्द ही पार्टी में शामिल हो जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया तो वह जरुर चुनाव लड़ेंगे. वहीं सचिन नाईक ने बताया कि अभी बालकृष्ण चौहान को पार्टी में नहीं लिया गया है. यदि किसी के आने से पार्टी को मजबूती मिलती है तो उस पर जरूर विचार किया जाएगा.

पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को तीसरी बार पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया गया है. इस बार वह घोसी लोकसभा सीट पर अतुल राय को प्रभारी बनाने का विरोध कर रहे थे. जिस पर एक्शन लेते हुए जिलाध्यक्ष ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद सहित 5 कार्यकर्ताओं पार्टी से निकाल दिया था.

Intro:मऊ। कहते हैं राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता, नेता कब पाला बदल जाएं पता नहीं होता. दरअसल, यूपी के जनपद मऊ की राजनीति में कुछ यही देखने को मिल रहा है. पिछले महीने पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान सहित पांच कार्यकर्ताओं को बसपा से अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर निष्कासित कर दिया गया था. अब बालकृष्ण चौहान ने कांग्रेस पार्टी में जाने की पूरी तैयारी कर ली है.


Body:जिले में आए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सचिन नाईक के स्वागत कार्यक्रम में बालकृष्ण चौहान ने मुलाकात की. कांग्रेस सचिव सचिन नाईक पूर्वी जोन के प्रभारी भी बनाए गए हैं. इन दिनों वह पार्टी की रणनीति व गतिविधियों का जायजा लेने विभिन्न जिलों में बैठकें ले रहे हैं. सचिन नाईक से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद ने बताया कि उनको बसपा से निकाले जाने के कारण का पता नहीं. कांग्रेस में जाने के सवाल पर कहा कि अभी वह पार्टी ज्वाइनिंग की प्रक्रिया में हैं, जल्द ही शामिल हो जाएंगे. कांग्रेस से टिकट मिलने की संभावना पर कहा कि यदि नेतृत्व फैसला करता है तो वह चुनाव लड़ेंगे.

सचिन नाईक ने बताया कि अभी बालकृष्ण चौहान को पार्टी में नहीं लिया गया है. यदि किसी के पार्टी में आने से मजबूती मिलती है तो हम जरूर विचार करेंगे.


Conclusion:बता दें कि पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को तीसरी बार पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किया गया है. इस बार वह घोसी लोकसभा सीट पर अतुल राय को प्रभारी बनाने का विरोध कर रहे थे. जिसपर एक्शन लेते हुए जिलाध्यक्ष ने पत्र जारी कर पूर्व सांसद सहित 5 कार्यकर्ताओं पार्टी से निकाल दिया था.

बालकृष्ण चौहान ने कांशीराम के समय से ही बसपा में सदस्यता ग्रहण किया था. उस दौरान वह शिक्षक थे लेकिन वीआरएस लेकर पूरी तरह पार्टी से जुड़ गए. बाल कृष्ण चौहान पहली बार वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव हारे और 1999 में कल्पनाथ राय की मौत के बाद उपचुनाव में विजयी हुए. यह जीत इस सीट पर पहली ओबीसी प्रत्याशी की जीत थी. तब से घोसी लोकसभा सीट पर पिछड़े वर्ग के प्रत्याशियों का दबदबा बना हुआ है.
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