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मऊ: मुआवजा नहीं मिलने से किसान परेशान, प्रशासन को सौंपा पत्र

मऊ जिले में वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजे पाने के लिए किसान परेशान हैं. किसानों ने अधिग्रहित जमीन के मुआवजे के खातिर जिला प्रशासन को एक मांग पत्र सौपा है.

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Published : Aug 15, 2020, 4:23 PM IST

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भूमि अधिग्रहण जमीन के मुआवजे के लिए किसान परेशान.

मऊ: मऊ जिले में अखिल भारतीय किसान महासभा व प्रगतिशील व्यापार मंडल बढुआ गोदाम की तरफ से जिला प्रशासन को एक मांग पत्र सौंपा गया. पत्र के जरिए बढुआ गोदाम बाजार में किसानों और व्यापारियों की भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग रखी गई है.

प्रगतिशील व्यापार मंडल के सदस्य बसंत कुमार ने बताया कि बढुआ गोदाम बाजार के किसान और व्यापारियों की अधिग्रहित जमीन के मुआवजे का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जबकि सारे दस्तावेज जमा करा दिया गए हैं. इसलिए व्यापारियों और किसानों के बकाए मुआवजे का भुगतान कराया जाए. अधिग्रहित जमीन का मुआवजा भुगतान कृषि भूमि दर्शाकर किया जा रहा है, जो गलत है. भूमि पर खेती नहीं व्यापार होता है, जो पूर्ण रूप से कामर्शियल बाजार है. यह औद्योगिक क्षेत्र का हिस्सा है. इसलिए हम सभी जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि मुआवजे को कमर्शियल रेट से भुगतान कराया जाए.

दरअसल, वाराणसी से मऊ होते हुए गोरखपुर जनपद तक फोरलेन हाईवे का निर्माण हो रहा है. फोरलेन मार्ग बनने में जितनी भी भूमि किसानों और व्यापारियों की अधिग्रहित की गई, उसका मानक के अनुरुप मुआवजा दिया जा रहा है, लेकिन फोरलेन के अधिकारी और कर्मचारी मानक के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. जिस कारण कई किसान और व्यापारी आज भी सही मुआवजा पाने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगा रहे है, लेकिन अभी तक उनको सही मुआवजा नहीं मिल पाया है. परेशान लोग अब आंदोलन करने की रणनीति को तैयार कर रहे हैं.

मऊ: मऊ जिले में अखिल भारतीय किसान महासभा व प्रगतिशील व्यापार मंडल बढुआ गोदाम की तरफ से जिला प्रशासन को एक मांग पत्र सौंपा गया. पत्र के जरिए बढुआ गोदाम बाजार में किसानों और व्यापारियों की भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग रखी गई है.

प्रगतिशील व्यापार मंडल के सदस्य बसंत कुमार ने बताया कि बढुआ गोदाम बाजार के किसान और व्यापारियों की अधिग्रहित जमीन के मुआवजे का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जबकि सारे दस्तावेज जमा करा दिया गए हैं. इसलिए व्यापारियों और किसानों के बकाए मुआवजे का भुगतान कराया जाए. अधिग्रहित जमीन का मुआवजा भुगतान कृषि भूमि दर्शाकर किया जा रहा है, जो गलत है. भूमि पर खेती नहीं व्यापार होता है, जो पूर्ण रूप से कामर्शियल बाजार है. यह औद्योगिक क्षेत्र का हिस्सा है. इसलिए हम सभी जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि मुआवजे को कमर्शियल रेट से भुगतान कराया जाए.

दरअसल, वाराणसी से मऊ होते हुए गोरखपुर जनपद तक फोरलेन हाईवे का निर्माण हो रहा है. फोरलेन मार्ग बनने में जितनी भी भूमि किसानों और व्यापारियों की अधिग्रहित की गई, उसका मानक के अनुरुप मुआवजा दिया जा रहा है, लेकिन फोरलेन के अधिकारी और कर्मचारी मानक के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. जिस कारण कई किसान और व्यापारी आज भी सही मुआवजा पाने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगा रहे है, लेकिन अभी तक उनको सही मुआवजा नहीं मिल पाया है. परेशान लोग अब आंदोलन करने की रणनीति को तैयार कर रहे हैं.

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