मऊ: धान की खरीद को लेकर प्रदेश में किसानों के साथ मारा-मारी हो रही है. कभी राज्य के किसी हिस्से में धान के क्रय केंद्र नहीं लगे तो कहीं धान का उचित मुल्य नहीं मिला. ऐसा ही एक मामला जनपद के रानीपुर ब्लाक के खिरिया गांव से सामने आया है, जहां अभी तक किसानों की धान खरीद के लिए क्रय केंद्र ही नहीं बनाया गया है. ऐसे में किसानों को धान बेचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन किसानों की इस समस्या पर चुप्पी साधे हुए है.
खिरिया में अभी तक नहीं बना क्रय केंद्र
साधन सहकारी समिति खिरिया से जुड़े किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इलाके के किसानों ने धान की कटाई कर ली, धान को सही ढंग से सुखा भी लिया, लेकिन बेचने के लिए क्रय केंद्र नहीं है. किसानों को गेहूं की बुआई के लिए पैसे की जरूरत है, लेकिन धान न बिकने की वजह से पैसे नहीं हैं. अगर किसान व्यापारियों को धान देते हैं तो सौदा काफी घाटे का रहेगा. प्रशासन गहरी नींद में सोया है. अगली फसल की बुवाई आ गई है, लेकिन अभी तक धान खरीद के सरकारी क्रय केंद्र खुले ही नहीं हैं.
अधिकारियों की मनमानी से किसान परेशान
सरकार ने किसानों की धान की खरीद को आसान कर अनेक जगहों पर प्रसाशन से क्रय केंद्र बनाने को आदेशित किया था, लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो सरकार के आदेश को भी दरकिनार करने में लगे हैं. मामला रानीपुर ब्लॉक के साधन सहकारी समिति खिरियां का है. जहां अभी तक क्रय केंद्र नहीं बनाया गया है, जबकि पूर्व में यहां पर धान और गेहूं की खरीदारी होती रही है. वर्तमान समय में भी खाद की बिक्री हो रही है. जब किसानोंं की धान की फसल तैयार हुई और वह बिक्री के लिए क्रय केंद्र गए तो समिति सचिव विद्यावती देवी ने बताया कि अभी तक यहां धान की खरीद के लिए क्रय केंद्र नहीं बनाया गया है. इसके लिए वह जिले के अधिकारियों से मिलने के बताकर किसानों को वहां से हटा देती हैं.
गेहूं की बुवाई के लिए नहीं हैं पैसेः किसान
स्थानीय किसान महेन्द्र सिंह ने बताया कि धान की फसल सूखाकर बेचने के लिए तैयार रखे हैं, लेकिन क्रय केंद्र नहीं खुलने से परेशानी हो रही है. अब गेहूं की बुवाई करनी है. धान को बेचकर ही बीज और खाद लाना है. खरीदारी नहीं होने से गेहूं की बुवाई प्रभावित हो रही है.
जल्द होगी धान की खरीदारी शुरू
खिरिया सहकारी केंद्र पर धान की क्रय को लेकर वहीं फोन से बातचीत के दौरान डिप्टी आरएमओ विपुल सिन्हा ने बताया कि मानक के अनुरूप बिल्डिंग नहीं होने से क्रय केंद्र नहीं बनाया गया है. किसानों की शिकायत मिली है, वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. एक सप्ताह के अंदर ही किसानों के धान की खरीदारी शुरू हो जाएगी.