वाराणसीः पंजाब के रोपड़ जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को मिली बुलेट प्रूफ लग्जरी एंबुलेंस का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व विधायक व कृष्णानंद राय हत्याकांड के गवाह अजय राय ने भी यूपी सरकार पर तंज कसा है.
सरकार पर कसा तंज
पूर्व विधायक अजय राय का कहना है कि यह सरकार की जांच का विषय है. आखिर कैसे उत्तर प्रदेश की एंबुलेंस पंजाब पहुंच जाती और उसमें मुख्तार अंसारी को बैठाया जाता है. सरकार भले ही इस पर खुद को बचाने के लिए तमाम सफाई दे रही है, लेकिन सरकार की भूमिका पर सवाल उठता है. क्योंकि बिना सरकार की मर्जी के यह संभव नहीं है. इसमें सरकार की मिलीभगत हैं. इसकी पूरी तरीके से जांच होनी चाहिए और मुख्तार अंसारी जैसे दृष्टांत अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए. साथ ही एक बार फिर उन्होंने सरकार से खुद की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम कराने की गुहार लगाई. बता दें कि अजय राय मुख्तार अंसारी के खिलाफ अपने बड़े भाई के हत्या का केस लड़ रहे हैं.
मुख्तार अंसारी को कोर्ट ले जानी वाली एंबुलेंस पर डॉ. अलका राय ने दी सफाई
मऊ : जिस एंबुलेंस से विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब में जेल से कोर्ट ले जाया गया था. वह भाजपा नेत्री डॉ. अलका राय के अस्पताल श्याम संजीवनी के नाम से रजिस्टर्ड है. इसका नंबर बाराबंकी जनपद से जारी किया गया है. इस सम्बंध में डॉ. अलका राय ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्ष 2013 में मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि द्वारा हॉस्पिटल के नाम से एंबुलेंस संचालित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर इत्यादि मांगे गए थे, जिसको उनके हॉस्पिटल के निदेशक द्वारा पूरा किया गया था. लेकिन उसके बाद वह एंबुलेंस कहां आया, कहां गया इसकी जानकारी आज तक उनको नहीं है.
श्याम संजीवनी अस्पताल से मेरा कोई लेना-देना नहीं
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मऊ जनपद में श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम से उनका एक हॉस्पिटल है. जबकि उक्त एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी जनपद से किया गया है. जहां उनका कोई हॉस्पिटल या संस्था संचालित नहीं होती है. बोलीं कि श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी से मेरा कोई लेना देना नहीं है. उस एंबुलेंस से मुख्तार के सेवा की सूचना भी मीडिया के द्वारा उनके संज्ञान में आया है.
एंबुलेंस पर उठे सवाल
गौरतलब हो कि पंजाब मोहाली के एक बिल्डर से फिरौती मांगने के मामले में मुख्तार अंसारी के बुधवार को कोर्ट में पेशी हुई थी. इसके लिए उसे रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट जाना पड़ा था. रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट तक मुख्तार को यूपी के नंबर की एक निजी एंबुलेंस से लाया गया था. छानबीन करने पर पता चला कि एंबुलेंस यूपी के बाराबंकी के एक निजी अस्पताल के नाम पर रजिस्टर्ड है. उसका नंबर यूपी 41 एटी 7171 है. यूपी में एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली कंपनी का कहना है कि मुख्तार अंसारी को मोहाली को ले जाने वाली एंबुलेंस उत्तर प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल से नहीं जुड़ी है. अब इस मामले को लेकर एक नया विवाद और प्रश्न खड़ा हो गया है.
मुख्तार के एंबुलेंस मामले में अलका राय ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के नंबर की एम्बुलेंस से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब के मोहाली की अदालत में लाये जाने के मामले में स्व. कृष्णानद राय की पत्नी और गाजीपुर की मुहम्दाबाद से भाजपा विधायक अलका राय ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. अलका राय ने कहा कि मीडिया के माध्यम से मामला संज्ञान में आते ही उन्होंने प्रमुख सचिव से बात की है और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से बात करेंगी.
यूपी आने से बचने के लिए गेम खेल रहा मुख्तार अंसारी
अलका ने कहा कि यूपी लाये जाने के आदेश के बाद यह अपराधी अपना खेल खेलने लगा है. उन्होंने कहा कि पंजाब की सरकार मुख्तार की पूरी मदद कर रही है. मुख्तार के बहुत लोग है कौन - कौन मिला है, यह तो जांच का विषय है. मुख्तार अंसारी पच्चीसों साल से यही गेम खेल रहा है. अलका राय ने कहा कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. मुख्तार को कोई बीमारी नहीं है, यह सब उसका नखरा है. मुख्तार उत्तर प्रदेश आने से बचने के लिए बीमारी का बहाना बना कर नखरे कर रहा है.
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अतुल राय के खत पर उठाया सवाल
दुष्कर्म के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय द्वारा नैनी जेल अधीक्षक के माध्यम से प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर मुख़्तार को नैनी जेल ना भेजने की मांग की है और यहां आने पर अपनी जान का खतरा बताया है. इस प्रश्न पर अलका राय ने कहा कि अतुल राय तो मुख्तार का ही आदमी है. अतुल राय मुख़्तार के सहयोग पर मऊ से चुनाव लड़े और जीते थे. उन्ही के साथ रहते हैं, तो अतुल राय को क्या डर है.
अंसारी को बचाने में जुटी कांग्रेसः हीरो बाजपेई
एम्बुलेंस कारोबार की भी जांच हो
बाजपेई ने कहा कि अब एम्बुलेंस का ताजा प्रकरण सामने आया है. सच तो यह है कि कांग्रेस का इसी तरह से रिकॉर्ड रहा है. उत्तर प्रदेश में श्रमिकों को ले जाने के लिए कांग्रेस ने जिन गाड़ियों की सूची सौंपी थी, उनमें कई फर्जी थे. बस का नंबर बताया गया लेकिन वह स्कूटर निकला. बाजपेयी ने कहा कि यह बहुत खतरनाक हो सकता है. इन सब की जांच होनी चाहिए. इस कारोबार की भी जांच होनी चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि इस तरह से कोई गंभीर घटना आतंकी घटना में तब्दील हो जाए.
मुख्तार को कोर्ट ले जाने वाली एंबुलेंस नहीं फिटनेस
बाराबंकीः मुख्तार अंसारी को कोर्ट ले जाने वाली एंबुलेंस फिटनेस नहीं है. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि ये एक निजी वाहन है, उसको कोई भी कहीं ले जा सकता है. जिसका रजिस्ट्रेशन तो है लेकिन फिटनेस नहीं है. उन्होंने बताया कि कई बार नोटिस देने के बाद भी वाहन मालिक ने फिटनेस नहीं कराया. उन्होंने बताया कि ये श्याम संजीवनी के नाम से पंजीकृत है.