मऊः केंद्रीय और राज्य हज कमेटी के गठन और हज फंड के नाजायज इस्तेमाल को लेकर हज कमेटी ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद अहमद आज़मी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है. इसी याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ 7 ने विदेश मंत्रालय, अल्पसंख्यक मंत्रालय व हज मंत्रालय को जवाब देने के लिए छह हफ्ते का समय दिया है.
गौरतलब है कि बीते एक वर्ष से अधिक समय से हज कमेटी ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद आदमी लगातार हज कमेटियों के गठन की मांग व हज कमेटी के फंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए लगातार भारत सरकार को पत्र लिख रहे थे.
इस मामले में सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय न लिए जाने पर उन्होंने पिछले दिनों न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की थी. इस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की.
हाफिज नौशाद आजमी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े व तलहा अब्दुल रहमान ने बहस करते हुए पक्ष रखा. इन दोनों वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि मुंबई के खारघर में जो कैंप कार्यालय के नाम पर जमीन खरीदी गई है उस पर न्यायालय में स्थगन आदेश की अपील की थी.
इस संबंध में याचिकाकर्ता नौशाद आजमी ने कहा कि वह न्यायालय के शुक्रगुजार हैं. उनकी जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने गंभीरता से सुना और आदेश पारित करते हुए छह सप्ताह का समय सरकार को दे दिया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 6 सप्ताह तक सरकार के जवाब का इंतजार करेंगे इसके बाद वह कांग्रेस, सपा, बसपा सहित तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को इस लड़ाई से अवगत कराएंगे. साथ ही देखेंगे कि इन पार्टियों का हज यात्रियों की इस समस्याओं को लेकर क्या रुख है. इसके बाद आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप