मऊ: शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है. शुक्रवार को चार फर्जी शिक्षकों को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है. साल 2005 से फर्जी दस्तावेज लगाकर प्राथमिक विद्यालय में नौकरी कर रहे चार शिक्षकों का कारनामा सामने आया है. उनके खिलाफ शिक्षा विभाग एफआईआर भी करवाएगी और पिछले 14 सालों से ले रहे वेतन की रकम ब्याज सहित रिकवरी भी करेगी. इस सूचना पर शिक्षा विभाग में हड़कम मच गया है.
साल 2005 में परिषदीय विद्यालय में अध्यापकों की नियुक्ति हुई थी. उसी नियुक्ति पर शिकायत प्राप्त हुई, जिस में जांच करने पर चार शिक्षकों की डिग्री फर्जी निकली. बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षकों ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के अंकपत्र लगाए थे, जिसका हमने गोपनीय जांच करवाई. उस जांच में चारों अध्यापकों को अभिलेखों के साथ बुलाया गया, जहां मिलान करने पर उनका दस्तावेज फर्जी पाया गया.
बीएसए ने बताया कि शुक्रवार को चार शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया गया. साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी को उनके विरोध में एफ आई आर दर्ज करने का भी आदेश दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि पिछले 14 सालों से ले रहे वेतन को भी ब्याज सहित रिकवरी करवाई जाएगी.
बता दें कि तीन शिक्षक हेड मास्टर के पद पर प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर मंडाव ब्लॉक में टर्न ऑफ थे. एक शिक्षक सहायक शिक्षक के पद पर मोहनदाबाद के कुतुबपुर उच्च प्राथमिक विद्यालय पर तैनात थे. इस बड़ी कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है इस तरह के अभी कई शिक्षकों की जांच चल रही है, जिसका खुलासा विभाग ने शीघ्र ही करने का दावा किया है.