मऊः जनपद के मधुबन तहसील क्षेत्र के देवरांचल में एक बार फिर कटान का मुद्दा गरमाने लगा है. सरयू नदी के सबसे अंतिम छोर पर बसे बिंदटोलिया गांव के बाढ़ पीड़ित एक बार फिर सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं. सरयू के कटान से गांव के अस्तित्व को बचाने के लिए बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी ग्रामीणों द्वारा की जा रही है. बता दें कि पिछले कई वर्ष से नदी की आगोश में दर्जनों गांव और सैकड़ो बीघे खेत समाहित होने के बावजूद भी कटान रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है.
तहसील और जिला मुख्यालय पर करेंगे प्रदर्शन
फूलन सेना के महासचिव सुखदेव साहनी की अगुवाई में बिंदटोलिया में ग्रामीणों ने बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की. बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार तहसील मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय पर भी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन पर भी बैठेगें.
हर वर्ष खेत और मकान सरयू में हो जाते हैं समाहित
ग्रामीणों ने कहा कि हर साल सरयू नदी के रौद्र रूप के कारण गांव के लोगों की खेती योग्य भूमि सहित मकान नदी में डूब जाते हैं. इस साल भी लोगों के सैकड़ों एकड़ भूमि सहित दर्जनों मकान नदी में विलीन हो गए. इसके बावजूद कटान रोकने को लेकर अब तक सरकार ने कोई ठोस प्रबंध नहीं किया.
समस्याओं के समाधान होने तक संघर्ष जारी रहेगा
कटान में अपना घर गवां चुके गांव के 30 लोगों को स्थानीय तहसील प्रशासन द्वारा पिछले दिनों दुबारी न्याय पंचायत के मझौवां गांव में आवासीय पट्टा तो दिया गया, मगर उस गांव के लोगों के विरोध के कारण किसी को भी उस भूमि पर अब तक कब्जा नहीं मिल पाया. ग्रामीणों का कहना है कि हर बार हम सबके आंदोलन को सरकार द्वारा आश्वासन देकर समाप्त करा दिया जाता है. लेकिन इस बार हम सब किसी बहकावे में नहीं आएंगे. समस्याओं के समाधान होने तक संघर्ष जारी रहेगा.