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मऊ: आयुर्वेदिक दवा बढ़ाएगी प्रतिरोधक क्षमता, मुफ्त में है उपलब्ध

मऊ जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से निःशुल्क आयुष-64 (आई-64) टेबलेट और अणु तेल का वितरण किया जा रहा है. चिकित्सकों की मानें तो ये दवा कोरोना से बचने के लिए काफी कारगर है.

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यह दवा आयुष मंत्रालय की ओर से तैयार की गयी है
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Published : Aug 19, 2020, 6:45 PM IST

मऊ: केंद्र और राज्य सरकार लोगों की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोविड-19 संक्रमण से बचाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. इसके लिए जनपद स्तरीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से निःशुल्क आयुष-64 (आई-64) टेबलेट व अणु तेल का वितरण किया जा रहा है. दरअसल यह दवा आयुष मंत्रालय की ओर से तैयार की गई है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि जनपद में आयुर्वेद और यूनानी के कुल 35 अस्पताल हैं, जिसमें 29 आयुर्वेदिक और छह यूनानी के कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि जो लोग कंटेनमेंट जोन के रहने वाले या किसी गैर उपचारित कोरोना मरीज के संपर्क में आए हैं, उन्हें यह काढ़ा और अन्य आयुर्वेद की दवाओं के माध्यम से उपचारित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा रहा है.

राजकीय क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. जयराम यादव ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव के निकट हाई रिस्क एरिया में रहने वाले लोगों को कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे लोग अस्पताल में आकर पंजीकरण करा सकते हैं और निःशुल्क दवा प्राप्त कर सकते हैं. इनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निःशुल्क आई-64 दवा व नाक में डालने के लिए अणु तेल दिया जा रहा है.

यह दवा जहां इम्युनिटी में बढ़ोतरी करती ही है, वहीं तेल के उपयोग से नाक की कैनाल को वायरस से लड़ने की क्षमता मिलती है. यह दवा मलेरिया और बुखार में भी फायदेमंद है. डॉ. जयराम ने सलाह दी कि दवा का प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करें. डॉ जयराम ने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पतालों में कोरोना की विशेष ओपीडी संचालित की जा रही है. पंजीकरण के लिए आधार कार्ड दिखाना आवश्यक है. अस्पताल में सही नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट कराकर दवा दी जा रही है.

मऊ: केंद्र और राज्य सरकार लोगों की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोविड-19 संक्रमण से बचाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. इसके लिए जनपद स्तरीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से निःशुल्क आयुष-64 (आई-64) टेबलेट व अणु तेल का वितरण किया जा रहा है. दरअसल यह दवा आयुष मंत्रालय की ओर से तैयार की गई है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश चन्द्र सिंह ने बताया कि जनपद में आयुर्वेद और यूनानी के कुल 35 अस्पताल हैं, जिसमें 29 आयुर्वेदिक और छह यूनानी के कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि जो लोग कंटेनमेंट जोन के रहने वाले या किसी गैर उपचारित कोरोना मरीज के संपर्क में आए हैं, उन्हें यह काढ़ा और अन्य आयुर्वेद की दवाओं के माध्यम से उपचारित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा रहा है.

राजकीय क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. जयराम यादव ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव के निकट हाई रिस्क एरिया में रहने वाले लोगों को कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे लोग अस्पताल में आकर पंजीकरण करा सकते हैं और निःशुल्क दवा प्राप्त कर सकते हैं. इनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निःशुल्क आई-64 दवा व नाक में डालने के लिए अणु तेल दिया जा रहा है.

यह दवा जहां इम्युनिटी में बढ़ोतरी करती ही है, वहीं तेल के उपयोग से नाक की कैनाल को वायरस से लड़ने की क्षमता मिलती है. यह दवा मलेरिया और बुखार में भी फायदेमंद है. डॉ. जयराम ने सलाह दी कि दवा का प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर ही करें. डॉ जयराम ने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पतालों में कोरोना की विशेष ओपीडी संचालित की जा रही है. पंजीकरण के लिए आधार कार्ड दिखाना आवश्यक है. अस्पताल में सही नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट कराकर दवा दी जा रही है.

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