मऊः मुहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की लखनऊ में हत्या के बाद उनके घर देवसीपुर मे सन्नाटा पसरा हुआ है. अजीत के जिस किले नुमे घर में चहल-पहल रहती थी वहां केवल रुदन की आवाज आ रही है. गांव में मृतक के पिता हत्या के विषय में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. उनका कहना है कि जिसको जाना था वह चला गया. अब क्या.... यह सब कौन देखेगा?
राजनीति में हुई है हत्या
अजीत सिंह की हत्या के बारे में इनके चाचा राजेश सिंह ने बताया कि राजनीतिक दुश्मनी कुण्टू सिंह से थी. आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह हत्याकांड में गवाह भी थे. अब क्या कैसे हुआ कुछ नहीं कह सकते. वहीं पड़ोसी गांव के सुनील सिंह ने बताया कि अजीत सिंह का व्यवहार मिलनसार था. वह किसी से तेज आवाज में बात नहीं करते थे. गरीबों की सहायता के लिए हमेशा खड़े रहते थे.
अजीत का परिवार रहता था लखनऊ
पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह मुहम्मदाबाद गोहना थाने का गैंगेस्टर था. इस पर 16 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमे से पांच हत्या के दर्ज हैं. वहीं आजमगढ़ के गैंगस्टर कुण्टू सिंह से दुश्मनी के बाद अजीत बहुत सावधानी से रहता था. अपने पत्नी और तीन बच्चों को लखनऊ में रखा था. गांव के घर पर माता-पिता के साथ रहता था, जहां पर सदैव 15 से 20 लोग सुरक्षा में रहते थे लेकिन जब 31 दिसम्बर 2020 को मऊ जिलाधिकारी ने जिला बदर कर दिया तो अजीत लखनऊ में चला गया था. जहां घात लगाए शूटरों पर हमला कर हत्या कर दी.
अजीत के घर आए लोगों में चर्चा का विषय यह भी था कि पूर्व विधायक सर्वेश सिंह हत्याकांड में जब अजीत गवाह थे तो इनकी सुरक्षा के लिए सरकार ने कोई व्यवस्था क्यों नहीं की.