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मऊ: कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत शुरू होगा 'किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम'

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक बार फिर से किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम को शुरू किया जाएगा. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने यह जानकारी दी है.

मऊ
किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम
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Published : Jun 18, 2020, 3:59 PM IST

मऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्थगित की गई ‘किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम’ की गतिविधियां जिले में एक बार फिर से शुरू होंगी. यह गतिविधियां पूरी तरह से कोविड-19 प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए की जाएंगी. यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने दी है.

मऊ
किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम

किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरके झा ने बताया कि कोविड-19 के चलते किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की गतिविधियां स्थगित चल रहीं थीं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब इन गतिविधियों को फिर से कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार प्रारम्भ करेगा.

इससे एनीमिया मुक्त भारत के उद्देश्य की पूर्ति की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि जिले के सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों पर आयरन की नीली गोलियां (कक्षा 5 से कक्षा 12 तक के किशोर एवं किशोरियों) और आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए विद्यालय नहीं जाने वाली 10 से 19 वर्ष तक की किशोरियों को दी जाती है. आयरन की गुलाबी गोलियां कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को दी जाती हैं.

डॉ. आरके झा ने बताया कि कोविड-19 के दौरान विद्यालय बंद रहने तक आयरन की नीली टेबलेट विद्यालय जाने वाले 11 से 19 वर्ष के किशोर किशोरियों को ‘ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस’ (वीएचएनडी) के दौरान टीकाकरण सत्र पर एएनएम द्वारा वितरित की जाएंगी. साथ ही विद्यालय नहीं जाने वाली 11 से 19 वर्ष की किशोरियों को आयरन की नीली गोली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से दी जाएंगी. साथ में उन्हें स्वच्छता, खानपान सहित अन्य परामर्श भी दिया जायेगा.

इन सभी कार्यों की रिपोर्टिंग भी एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगी. इस सम्बंध में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय की ओर से सभी ब्लॉकों एवं शहरी क्षेत्र के चिकित्साधीक्षक को पत्र के माध्यम से निर्देशित कर दिया गया है.

भरे जाएंगे रिक्त पद

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि जिले के सभी संबधित एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दे दी गई है कि किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की गतिविधियों को वह संचालित करें. जिला अस्पताल में ‘साथिया केन्द्र’ संचलित होना है. काउंसलर का पद रिक्त है, जो प्रक्रिया में है. जल्द ही यह रिक्तियां पूरी कर ली जाएंगी. यहां पर मनोचिकित्सकों के द्वारा किशोरों की काउन्सिलिंग की जाएगी.

मऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्थगित की गई ‘किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम’ की गतिविधियां जिले में एक बार फिर से शुरू होंगी. यह गतिविधियां पूरी तरह से कोविड-19 प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए की जाएंगी. यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने दी है.

मऊ
किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम

किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरके झा ने बताया कि कोविड-19 के चलते किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की गतिविधियां स्थगित चल रहीं थीं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब इन गतिविधियों को फिर से कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार प्रारम्भ करेगा.

इससे एनीमिया मुक्त भारत के उद्देश्य की पूर्ति की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि जिले के सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों पर आयरन की नीली गोलियां (कक्षा 5 से कक्षा 12 तक के किशोर एवं किशोरियों) और आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए विद्यालय नहीं जाने वाली 10 से 19 वर्ष तक की किशोरियों को दी जाती है. आयरन की गुलाबी गोलियां कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को दी जाती हैं.

डॉ. आरके झा ने बताया कि कोविड-19 के दौरान विद्यालय बंद रहने तक आयरन की नीली टेबलेट विद्यालय जाने वाले 11 से 19 वर्ष के किशोर किशोरियों को ‘ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस’ (वीएचएनडी) के दौरान टीकाकरण सत्र पर एएनएम द्वारा वितरित की जाएंगी. साथ ही विद्यालय नहीं जाने वाली 11 से 19 वर्ष की किशोरियों को आयरन की नीली गोली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से दी जाएंगी. साथ में उन्हें स्वच्छता, खानपान सहित अन्य परामर्श भी दिया जायेगा.

इन सभी कार्यों की रिपोर्टिंग भी एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगी. इस सम्बंध में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय की ओर से सभी ब्लॉकों एवं शहरी क्षेत्र के चिकित्साधीक्षक को पत्र के माध्यम से निर्देशित कर दिया गया है.

भरे जाएंगे रिक्त पद

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अरविन्द कुमार वर्मा ने बताया कि जिले के सभी संबधित एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दे दी गई है कि किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की गतिविधियों को वह संचालित करें. जिला अस्पताल में ‘साथिया केन्द्र’ संचलित होना है. काउंसलर का पद रिक्त है, जो प्रक्रिया में है. जल्द ही यह रिक्तियां पूरी कर ली जाएंगी. यहां पर मनोचिकित्सकों के द्वारा किशोरों की काउन्सिलिंग की जाएगी.

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