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मऊ: आम आदमी पार्टी ने सीएम योगी से की फीस माफ करने की मांग

यूपी के मऊ में आम आदमी पार्टी के कार्यकताओं ने निजी स्कूलों में अप्रैल, मई और जून माह की फीस माफी के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को सौंपा है. कार्यकताओं का कहना है कि लॉकडाउन में आमदनी बंद है, ऐसे में अभिभावक फीस भरने में असमर्थ हैं.

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आम आदमी पार्टी उठाई फीस माफ करने की मांग.
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Published : Jun 18, 2020, 7:29 PM IST

मऊ: आम आदमी पार्टी के कार्यकताओं ने निजी स्कूलों में तीन माह की फीस माफी के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को सौंपा है. आप पार्टी के जिला उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र राणावत का कहना है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते लोगों का रोजगार छिन गया है. ऐसे कठिन संकट के बीच लोगों को अपना जीविकोपार्जन करना भारी पड़ रहा है तो वह फीस कहां से भरेंगे. साथ ही कार्यकर्ताओं ने कोरोना काल में स्कूल बंद रखने की सिफारिश की है.

ज्ञापन के माध्यम से आम आदमी के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि लॉकडाउन के कारण लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और उन्हें परिवार चलाने में समस्याएं हो रही हैं. ऐसे में बच्चों की अप्रैल, मई, जून की फीस माफ की जाए. साथ ही उनका कहना है कि प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम किताबों से ही पढ़ाया जाए और छोटे बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं पर रोक लगाई जाए, क्योंकि यह सिर्फ फीस वसूलने का माध्यम है.

कार्यकर्ताओं का कहना है कि सभी निजी स्कूलों में अभिभावक संघ का गठन किया जाए, ताकि प्रतिवर्ष फीस वृद्धि बढ़ाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सके. साथ ही एक ही विद्यालय में प्रतिवर्ष रिएडमिशन फीस पर रोक लगाई जाए.

मऊ: आम आदमी पार्टी के कार्यकताओं ने निजी स्कूलों में तीन माह की फीस माफी के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को सौंपा है. आप पार्टी के जिला उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र राणावत का कहना है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते लोगों का रोजगार छिन गया है. ऐसे कठिन संकट के बीच लोगों को अपना जीविकोपार्जन करना भारी पड़ रहा है तो वह फीस कहां से भरेंगे. साथ ही कार्यकर्ताओं ने कोरोना काल में स्कूल बंद रखने की सिफारिश की है.

ज्ञापन के माध्यम से आम आदमी के कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि लॉकडाउन के कारण लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और उन्हें परिवार चलाने में समस्याएं हो रही हैं. ऐसे में बच्चों की अप्रैल, मई, जून की फीस माफ की जाए. साथ ही उनका कहना है कि प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम किताबों से ही पढ़ाया जाए और छोटे बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं पर रोक लगाई जाए, क्योंकि यह सिर्फ फीस वसूलने का माध्यम है.

कार्यकर्ताओं का कहना है कि सभी निजी स्कूलों में अभिभावक संघ का गठन किया जाए, ताकि प्रतिवर्ष फीस वृद्धि बढ़ाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सके. साथ ही एक ही विद्यालय में प्रतिवर्ष रिएडमिशन फीस पर रोक लगाई जाए.

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