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जब जनप्रतिनिधियों ने नहीं सुनी तो खुद ही रास्ता बनाने का उठाया बीड़ा

यूपी के मथुरा के एक गांव के मार्ग की स्थिति कई बार जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी नहीं सुधर सकी. इसके बाद समाजसेवी ने खुद ही रास्ते को ठीक कराने का बीड़ा उठाया है.

आन्यौर गांव.
आन्यौर गांव.
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Published : Jan 31, 2021, 3:28 PM IST

मथुराः जिले के गोवर्धन तहसील के अंतर्गत आने वाले आन्यौर गांव का परिक्रमा मार्ग की हालत खस्ता है. रास्ते में जगह-जगह गड्ढे और हमेशा कीचड़ रहता है, जिससे ग्रामीणों के साथ साधु-संतों और श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी होती है. इस सड़क की स्थित कई बार जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी नहीं सुधर सकी. इसके बाद थक हारकर समाजसेवी ने खुद ही रास्ते को ठीक कराने का बीड़ा उठाया. गांव के ही रहने वाले समाजसेवी भूरा पहलवान निजी खर्चे पर रास्ते को सही करा रहे हैं. आपको बता दें कि इसी रास्ते से होकर लोग परिक्रमा भी लगाते हैं. इसी मार्ग में एक प्राचीन कुंड गोविंद कुंड में स्थित है, कुंड के आसपास साधु-संत एवं श्रद्धालुओं का आवागमन भी होता है.

आन्यौर गांव में रास्ते का निर्माण.
कोई नहीं कर रहा सहयोग
समाजसेवी भूरा पहलवान ने बताया कि उनके गांव का रास्ता बहुत खराब है, जबकि यह परिक्रमा मार्ग है. साधु-संत कीचड़ से होकर इस रास्ते से गुजरते हैं. कई नेताओं से कई बार रास्ते को ठीक कराने के लिए कहा गया, लेकिन किसी ने नहीं ध्यान नहीं दिया. इसके मैंने सोचा क्यों ना इस रास्ते को खुद ही ठीक करवा दूं. उन्होंने बताया कि इस रास्ते को ठीक करवाने में मेरा किसी भी प्रकार से कोई सहयोग नहीं कर रहा है.परिजन मुझे इस रास्ते को ठीक कराने के लिए पैसा दे रहे हैं. मैं अपने निजी खर्चे पर इस रास्ते को ठीक करा रहा हूं.

परिक्रमा मार्ग होने के बावजूद हालत खस्ता
ग्रामीण जगदीश ने बताया कि परिक्रमा मार्ग होने के बावजूद भी ग्रामीणों और समाजसेवियों द्वारा लगातार शिकायत किए जाने के बाद भी किसी अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने रास्ते को ठीक कराने के बारे में नहीं सोचा. इसके बाद युवा समाजसेवी अपने निजी खर्चे पर रास्ते को ठीक करा रहे हैं, ताकि लोगों को आवागमन परेशानी का सामना ना करना पड़े.

मथुराः जिले के गोवर्धन तहसील के अंतर्गत आने वाले आन्यौर गांव का परिक्रमा मार्ग की हालत खस्ता है. रास्ते में जगह-जगह गड्ढे और हमेशा कीचड़ रहता है, जिससे ग्रामीणों के साथ साधु-संतों और श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी होती है. इस सड़क की स्थित कई बार जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी नहीं सुधर सकी. इसके बाद थक हारकर समाजसेवी ने खुद ही रास्ते को ठीक कराने का बीड़ा उठाया. गांव के ही रहने वाले समाजसेवी भूरा पहलवान निजी खर्चे पर रास्ते को सही करा रहे हैं. आपको बता दें कि इसी रास्ते से होकर लोग परिक्रमा भी लगाते हैं. इसी मार्ग में एक प्राचीन कुंड गोविंद कुंड में स्थित है, कुंड के आसपास साधु-संत एवं श्रद्धालुओं का आवागमन भी होता है.

आन्यौर गांव में रास्ते का निर्माण.
कोई नहीं कर रहा सहयोग
समाजसेवी भूरा पहलवान ने बताया कि उनके गांव का रास्ता बहुत खराब है, जबकि यह परिक्रमा मार्ग है. साधु-संत कीचड़ से होकर इस रास्ते से गुजरते हैं. कई नेताओं से कई बार रास्ते को ठीक कराने के लिए कहा गया, लेकिन किसी ने नहीं ध्यान नहीं दिया. इसके मैंने सोचा क्यों ना इस रास्ते को खुद ही ठीक करवा दूं. उन्होंने बताया कि इस रास्ते को ठीक करवाने में मेरा किसी भी प्रकार से कोई सहयोग नहीं कर रहा है.परिजन मुझे इस रास्ते को ठीक कराने के लिए पैसा दे रहे हैं. मैं अपने निजी खर्चे पर इस रास्ते को ठीक करा रहा हूं.

परिक्रमा मार्ग होने के बावजूद हालत खस्ता
ग्रामीण जगदीश ने बताया कि परिक्रमा मार्ग होने के बावजूद भी ग्रामीणों और समाजसेवियों द्वारा लगातार शिकायत किए जाने के बाद भी किसी अधिकारी और जनप्रतिनिधि ने रास्ते को ठीक कराने के बारे में नहीं सोचा. इसके बाद युवा समाजसेवी अपने निजी खर्चे पर रास्ते को ठीक करा रहे हैं, ताकि लोगों को आवागमन परेशानी का सामना ना करना पड़े.

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