मथुरा: राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य कमल सिंह वाल्मीकि अपने एक दिवसीय दौरे पर सोमवार को मथुरा पहुंचे थे. यहां कमल सिंह लंबे समय से चली आ रही सफाई कर्मचारियों की समस्याओं से रूबरू हुए. इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों को कमल सिंह ने आश्वासन दिया कि व्याप्त समस्याओं को जल्द ही दूर किया जाएगा. इस दौरान वाल्मीकि समाज का एक प्रतिनिधिमंडल भी सफाई कर्मचारी की समस्याओं को लेकर कमल सिंह से मिला. उन्होंने जल्द ही समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया.
कमल सिंह वाल्मीकि ने जानकारी दी
मथुरा पहुंचे सदस्य राज्य सफाई कर्मचारी आयोग कमल सिंह वाल्मीकि ने बताया गया कि मैं मथुरा कर्मचारियों की समस्याओं को जानने के लिए आया हूं, और मेरे यहां आने का उद्देश्य यही है. सफाई कर्मचारियों की जो मूलभूत समस्याएं हैं उनका निराकरण हो. क्योंकि जो पूर्व में पिछली सरकारें रही है उनकी वजह से सफाई कर्मचारियों का जितना उत्थान होना चाहिए था वह नहीं हो पाया. अब सीएम योगी और पीएम मोदी की सरकार है इसमें सफाई कर्मचारियों को सम्मान भी मिलेगा.
वहीं जब उनसे पूछा गया कि सफाई कर्मचारियों को बिना किसी उपकरण के सफाई के लिए उतार दिया जाता है, तो उन्होंने बताया कि इस और बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. हम इस संबंध में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से मिले हैं. अब सफाई कर्मचारियों को कुशल की श्रेणी में रखा जाएगा. अब बिना उपकरण के सफाई कर्मचारियों से कोई सफाई नहीं करा सकता है. योगी सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जो आने वाले समय में आपके सामने आ जाएंगे. कोरोना काल में पुलिस प्रशासन द्वारा और अन्य लोगों के साथ ही सफाई कर्मचारियों द्वारा जितना सहयोग अपनी जान पर खेल कर दिया गया है, उसके लिए मैं इन सब को धन्यवाद देता हूं.
वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधि मंडल ने समस्याओं से अवगत कराया
सोमवार को सदस्य राज्य सफाई कर्मचारी आयोग कमल सिंह वाल्मीकि सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को जानने के लिए मथुरा के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंचे थे. इस दौरान वाल्मीकि समाज का एक प्रतिनिधिमंडल भी सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर कमल सिंह वाल्मीकि से मिलने पहुंचा. जहां प्रतिनिधिमंडल द्वारा बताया गया कि लंबे समय से सफाई कर्मचारी काफी समस्याओं से गुजर रहे हैं. लेकिन किसी भी सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है. बिना किसी उपकरणों के कर्मचारियों को सफाई के लिए उतारा जाता है. जिसके कारण कई दफा उनकी मौत भी हो जाती है. वहीं कई कई महीनों का वेतन भी उन्हें नहीं दिया जाता.