मथुरा: उत्तर भारत दक्षिण शैली के रंगनाथ मंदिर (Ranganatha Temple Mathura) में सोमवार को बैकुंठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi 2023) पर विशेष दर्शन करने के लिए बैकुंठ द्वार खोला गया. साल में एक बार खुलने वाले बैकुंठ द्वार पर विराजमान होकर भगवान ने भक्तों को दर्शन दिए. दूरदराज से आए लाखों भक्तों को भगवान रंगनाथ का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
बैकुंठ एकादशी के अवसर पर वृंदावन के प्रसिद्ध रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ धाम एकादशी (Vaikunth Dham Ekadashi) बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाई गई. यह बैकुंठ द्वार साल में एक बार खोला जाता है. बैकुंठ द्वार खोलकर भगवान को पालकी में बैठाकर मंदिर परिसर में घुमाया गया. इस दौरान दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने भगवान रंगनाथ के भव्य दर्शन किए.
पौराणिक मान्यता है कि बैकुंठ द्वार से जो भक्त निकलता है, उसे बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है. देर रात में भगवान रंगनाथ की मंगला आरती की गई. इसके बाद सुबह ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रंगनाथ माता गोदा जी के साथ परंपरागत वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के मध्य निज मन्दिर से पालकी में विराजमान होकर बैकुंठ द्वार पहुंचे. यहां भगवान रंगनाथ की पालकी करीब आधा घंटे तक द्वार पर खड़ी रही. भगवान रंगनाथ की सवारी बैकुंठ द्वार पर पहुंचने पर मंदिर के श्री महंत गोवर्धन रंगाचार्य के नेतृत्व में सेवायत पुजारियों विधि विधान से पूजा अर्चना कराई.
वर्ष में एक बार खुलने वाले बैकुंठ द्वार पर बेहद ही आकर्षक सजावट की गई. द्वार को सजाने के लिए करीब एक हजार किलो से ज्यादा विभिन्न प्रजाति के फूलों का प्रयोग किया गया. ये फूल वृंदावन, दिल्ली और बैंगलुरू से मंगाए गए. वहीं बैकुंठ लोक में की गई लाइटिंग यह एहसास करा रही थी कि जैसे भगवान बैकुंठ धाम में विराजमान हों. बैकुंठ एकादशी के अवसर पर भगवान रंगनाथ के दर्शन कर भक्त आनंदित हो उठे.
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