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मथुरा में डेंगू का हमला तेज, प्लेटलेट्स की कमी से दो बच्चों की मौत

मथुरा में जगह-जगह पानी भरने से डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है. सीएमओ (Mathura CMO) ने बताया कि जनपद में डेंगू के 6 और मलेरिया के 4 मरीज मिले हैं.

स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
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Published : Oct 28, 2022, 8:37 PM IST

मथुराः जिले में डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिए हैं. इसके बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने पूर्व तैयारी कर डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया है. स्वास्थ विभाग के अनुसार जनपद में अब तक 6 डेंगू के और 4 मलेरिया के मरीज मिले हैं. हाईवे क्षेत्र में बुखार से दो मासूम बच्चों की मौत पर परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया.

जनपद मथुरा के हाईवे क्षेत्र (highway areas of mathura) के मासूम नगर कॉलोनी के 9 माह के विनय और 6 वर्ष की रूबी का बुखार की वजह से निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उन्हें डेंगू बताकर निजी अस्पताल द्वारा आगरा के लिए रेफर कर दिया गया था. आगरा ले जाने से पहले ही गुरुवार को बच्चों की मौत हो गई.

परिजनों के अनुसार काफी शिकायतों के बाद भी क्षेत्र की सफाई नहीं की गई. भारी गंदगी के चलते क्षेत्र में काफी मच्छर हैं. मच्छरों की चपेट में आकर काफी बच्चे बीमार हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने बताने के बावजूद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. दोनों विभागों की लापरवाही के ही चलते दोनों बच्चों की मौत हो गई.

वहीं, दोनों बच्चों की मौत के संबंध में मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार वर्मा (Chief Medical Officer Dr Ajay Kumar Verma) ने बताया कि दोनों बच्चों की मौत के कारणों की जांच की जा रही है. प्रथम दृष्टया दोनों बच्चों की मौत का कारण डेंगू या मलेरिया नहीं है. किसी दूसरी बीमारी के चलते दोनों बच्चों की मौत हुई है. जनपद में वर्तमान में डेंगू के 6 और मलेरिया के 4 मरीज हैं. जिला अस्पताल में मरीजों के लिए उपचार के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं. उन्होंने बताया कि अब तक जनपद में 24 से अधिक घरों को देखकर उनका सैंपल लिया गया है. क्षेत्र में लगातार दवाई का छिड़काव किया जा रहा है. निगम से बात कर सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त कराई जा रही है.



वहीं, निजी अस्पताल के डॉक्टर अशोक अग्रवाल ने बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई है वह बच्चे हमारे अस्पताल में उपचार के लिए आए थे. दोनों बच्चे डेंगू के संदिग्ध थे. बच्चों की जांच की जा रही थी. जिनमें से एक बच्चे की प्लेटलेट्स काफी कम थी. उन्हें बढ़ाने का प्रयास किया गया लेकिन बच्चे की प्लेटलेट्स नहीं बढ़ी और उसे रेफर कर दिया गया. उसकी मौत हो गई.वहीं, दूसरा बच्चा काफी गंभीर हालत में आया था जिसे आगरा के लिए रेफर किया गया था. उस बच्चे की भी मौत हो गई. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि दोनों बच्चों को डेंगू था या नहीं.


यह भी पढ़ें-मंत्री संजीव बालियान बोले, गंगा मेले में भैंसा-बुग्गी पर लगी रोक हटाई जाए

मथुराः जिले में डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिए हैं. इसके बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने पूर्व तैयारी कर डेंगू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया है. स्वास्थ विभाग के अनुसार जनपद में अब तक 6 डेंगू के और 4 मलेरिया के मरीज मिले हैं. हाईवे क्षेत्र में बुखार से दो मासूम बच्चों की मौत पर परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया.

जनपद मथुरा के हाईवे क्षेत्र (highway areas of mathura) के मासूम नगर कॉलोनी के 9 माह के विनय और 6 वर्ष की रूबी का बुखार की वजह से निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उन्हें डेंगू बताकर निजी अस्पताल द्वारा आगरा के लिए रेफर कर दिया गया था. आगरा ले जाने से पहले ही गुरुवार को बच्चों की मौत हो गई.

परिजनों के अनुसार काफी शिकायतों के बाद भी क्षेत्र की सफाई नहीं की गई. भारी गंदगी के चलते क्षेत्र में काफी मच्छर हैं. मच्छरों की चपेट में आकर काफी बच्चे बीमार हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने बताने के बावजूद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. दोनों विभागों की लापरवाही के ही चलते दोनों बच्चों की मौत हो गई.

वहीं, दोनों बच्चों की मौत के संबंध में मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय कुमार वर्मा (Chief Medical Officer Dr Ajay Kumar Verma) ने बताया कि दोनों बच्चों की मौत के कारणों की जांच की जा रही है. प्रथम दृष्टया दोनों बच्चों की मौत का कारण डेंगू या मलेरिया नहीं है. किसी दूसरी बीमारी के चलते दोनों बच्चों की मौत हुई है. जनपद में वर्तमान में डेंगू के 6 और मलेरिया के 4 मरीज हैं. जिला अस्पताल में मरीजों के लिए उपचार के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं. उन्होंने बताया कि अब तक जनपद में 24 से अधिक घरों को देखकर उनका सैंपल लिया गया है. क्षेत्र में लगातार दवाई का छिड़काव किया जा रहा है. निगम से बात कर सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त कराई जा रही है.



वहीं, निजी अस्पताल के डॉक्टर अशोक अग्रवाल ने बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई है वह बच्चे हमारे अस्पताल में उपचार के लिए आए थे. दोनों बच्चे डेंगू के संदिग्ध थे. बच्चों की जांच की जा रही थी. जिनमें से एक बच्चे की प्लेटलेट्स काफी कम थी. उन्हें बढ़ाने का प्रयास किया गया लेकिन बच्चे की प्लेटलेट्स नहीं बढ़ी और उसे रेफर कर दिया गया. उसकी मौत हो गई.वहीं, दूसरा बच्चा काफी गंभीर हालत में आया था जिसे आगरा के लिए रेफर किया गया था. उस बच्चे की भी मौत हो गई. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि दोनों बच्चों को डेंगू था या नहीं.


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