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मथुरा जिला न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई कल, दोनों पक्ष तैयार

यूपी के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई कल जिला न्यायालय में होगी. बता दें कि 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई कल
श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई कल
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Published : Nov 17, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Nov 17, 2020, 10:53 PM IST

मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक और परिसर से मस्जिद हटाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी. जिला न्यायालय की कोर्ट में बुधवार सुबह 11:00 बजे से यह सुनवाई शुरू होगी. इस दौरान वादी-प्रतिवादी अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे. इसके लिए जिला न्यायालय ने प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी किया था. इस पूरे मामले को लेकर अधिवक्ताओं ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत की.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई कल.

शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. इसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री सहित पांच अधिवक्ताओं ने 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में परिसर में अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है.

कोर्ट ने प्रतिवादी पक्षों को जारी किया था नोटिस
इस याचिका में श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के अलावा श्री कृष्ण जन्मस्थान को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. जिला न्यायालय ने चारों पक्षों को पहले ही नोटिस जारी कर दिया था कि वह 18 नवंबर को कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखें.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि का ऐसे हुआ निर्माण
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनीमल ने इस जगह को खरीदा था. इसके बाद 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर व्यथित हो उठे. स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय से यहां भव्य मंदिर बनवाने का आग्रह किया. इस पर मदन मोहन मालवीय ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि के पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 को श्रीकृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी ने कियाा. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने कोर्ट मे याचिका डाली थी.

कोर्ट में रखा जाएगा पक्ष
श्री कृष्ण जन्मस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर कोर्ट से जारी आदेश हमें मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि वह लोग कल 18 नवंबर को जिला न्यायालय के सामने अपने दस्तावेज पेश करेंगे. इसके लिए सभी तैयारियां कर ली हैं. अभी कुछ कहना ठीक नहीं होगा. कोर्ट के समक्ष ही दस्तावेज पेश किए जाएंगे.


सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर जिला न्यायालय के नोटिस हमें मिल चुके है. बुधवार को कोर्ट के समक्ष दस्तावेज पेश किए जाएंगे. शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर प्रतिवादी पक्ष को नोटिस प्राप्त हो चुके हैं. दस्तावेजों का अध्ययन किया गया था. कोर्ट के समक्ष ही अपना पक्ष रखा जाएगा.

मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक और परिसर से मस्जिद हटाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी. जिला न्यायालय की कोर्ट में बुधवार सुबह 11:00 बजे से यह सुनवाई शुरू होगी. इस दौरान वादी-प्रतिवादी अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे. इसके लिए जिला न्यायालय ने प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी किया था. इस पूरे मामले को लेकर अधिवक्ताओं ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत की.

श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई कल.

शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. इसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री सहित पांच अधिवक्ताओं ने 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका में परिसर में अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है.

कोर्ट ने प्रतिवादी पक्षों को जारी किया था नोटिस
इस याचिका में श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के अलावा श्री कृष्ण जन्मस्थान को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. जिला न्यायालय ने चारों पक्षों को पहले ही नोटिस जारी कर दिया था कि वह 18 नवंबर को कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखें.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि का ऐसे हुआ निर्माण
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनीमल ने इस जगह को खरीदा था. इसके बाद 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान की दुर्दशा को देखकर व्यथित हो उठे. स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय से यहां भव्य मंदिर बनवाने का आग्रह किया. इस पर मदन मोहन मालवीय ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि के पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 को श्रीकृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी ने कियाा. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने कोर्ट मे याचिका डाली थी.

कोर्ट में रखा जाएगा पक्ष
श्री कृष्ण जन्मस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर कोर्ट से जारी आदेश हमें मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि वह लोग कल 18 नवंबर को जिला न्यायालय के सामने अपने दस्तावेज पेश करेंगे. इसके लिए सभी तैयारियां कर ली हैं. अभी कुछ कहना ठीक नहीं होगा. कोर्ट के समक्ष ही दस्तावेज पेश किए जाएंगे.


सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता शैलेंद्र दुबे ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर जिला न्यायालय के नोटिस हमें मिल चुके है. बुधवार को कोर्ट के समक्ष दस्तावेज पेश किए जाएंगे. शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर प्रतिवादी पक्ष को नोटिस प्राप्त हो चुके हैं. दस्तावेजों का अध्ययन किया गया था. कोर्ट के समक्ष ही अपना पक्ष रखा जाएगा.

Last Updated : Nov 17, 2020, 10:53 PM IST
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