मथुरा: सरकार द्वारा अनलॉक-1 में धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दिए जाने के बाद भी जनपद में मंदिरों का खुलना निश्चित नहीं हो पा रहा है. इसके चलते तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है. तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन सरकार द्वारा दिए गए समय के अनुसार जनपद के मंदिरों को नहीं खोला गया तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी.
गुरुवार को किसान गरीब मजदूर सेवा समिति के तत्वाधान में अठखंबा स्थित एक धर्मशाला में बैठक आयोजित की गई. बैठक में तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने सरकार की 8 जून से मंदिर खोलने की अनुमति दिए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए हर्ष व्यक्त किया, वहीं प्रमुख मंदिरों के प्रबंधन एवं सेवकों द्वारा बिना जिला प्रशासन के सहयोग के मंदिर खोलने में असमर्थता जताए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया. बैठक में निर्णय लिया गया कि 8 जून से मंदिर खोले जाएं. इसी मांग को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मुलाकात करेगा. अगर मंदिर नहीं खोले जाते हैं तो तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा.
कान्हा की नगरी मथुरा में 8 जून से मंदिर खोले जाने का मामला अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है. तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज का कहना है कि तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज अब भुखमरी की कगार पर आ गया है. स्थानीय प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार के आदेशों के बाद मंदिर खोले जाने में असमर्थता जताई तो तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज का जीना मुहाल हो जाएगा. सरकार द्वारा दिए गए समय के अनुसार, अगर स्थानीय प्रशासन द्वारा मंदिर नहीं खोले जाते तो तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा.