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मथुरा म्यूजियम की भगवान बुद्ध की मूर्ति दिल्ली के इंटरनेशनल एक्सप्रो में आकर्षण का केंद्र रही

दिल्ली के इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो की तैयारी को लेकर मथुरा म्यूजियम में रखी तीन हजार मूर्तियों में से एक भगवान बुद्ध की मूर्ति का चयनित किया गया है.

मथुरा संग्रहालय
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Published : May 18, 2023, 10:49 PM IST

मथुरा: दिल्ली के प्रगति मैदान में तीन दिवसीय इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो 18 मई से शुरू हो गया. इसमें मथुरा की प्राचीन भगवान बुद्ध की मूर्ति भी शामिल की गई है. जिसे मथुरा म्यूजियम से दिल्ली एक्सप्रो में ले जाया गया है. ये मूर्ति लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रही. इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो के लिए मथुरा म्यूजियम में रखी तीन हजार मूर्तियों में से एक भगवान बुद्ध की मूर्ति का चयनित की गई है.

मथुरा म्यूजियम की भगवान बुद्ध की मूर्ति दिल्ली की इंटरनेशनल एक्सप्रो
भगवान बुद्ध की मूर्ति रहेगी आकर्षक का केंद्र: मथुरा म्यूजियम हमेशा से भगवान बुध और प्राचीन मूर्तियों के लिए विख्यात रहा है. जहां 3000 से अधिक प्राचीन मूर्तियां जो कि मथुरा जनपद में अलग-अलग स्थान से खुदाई के दौरान प्राप्त हुई है.इन मूर्तियों को सजाकर म्यूजियम में रखा गया है. 18 मई से दिल्ली के प्रगति मैदान में तीन दिवसीय इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो सेमिनार का आयोजन शुरू हुआ है. जहां देशभर के अनेक म्यूजियम से मूर्तियां लाई जा रही है. उसी क्रम में मथुरा ने ढाई हजार वर्ष पुरानी भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो में भेजने का फैसला किया है.
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
मथुरा म्यूजियम में प्राचीन धरोहर रखे हुए: मथुरा कृष्ण की नगरी के साथ-साथ प्राचीन नगरी के नाम से भी विख्यात है. यहां मथुरा शैली की कलाकृतियां के अनेक खुदाई के दौरान हजारों वर्ष पुरानी मूर्तियां, सिक्के, लघु चित्र, धातु मूर्तियां स्थानीय कला के अनेक दुर्बल सामान प्राप्त हुए थे. जोकि संग्रहालय में मौजूद है. प्राचीन धरोहर में शनगु कालीन मातृ देवी, कामदेव फलक, गुप्तकालीन नारी कुषाण, कालीन मूर्तियां मैं कार्तिकेय देव युगल प्रतिमा और नाग मूर्ति के चित्र की मूर्तियां अनमोल धरोहर के रूप में संग्रहालय में रखी गई है.
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
1807 में मिली पहली मूर्ति: मथुरा कटरा केशव देव 1807 में खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की पहली मूर्ति मिली थी. मथुरा में बौद्ध संस्कृति के तमाम प्रमाण प्राप्त होते हैं. मथुरा बौद्ध संस्कृति के साथ-साथ भगवान बुद्ध की प्रतिमा और लाल बलुआ पत्थर से निर्मित मूर्तियां खुदाई के दौरान मिली हैं. मथुरा शिक्षा का केंद्र रहा है तो वही प्राचीन मूर्तियां के रूप में भी मथुरा विख्यात है. म्यूजियम परिसर में प्राचीन मूर्तियों की संख्या 3000 से अधिक है. तो वही विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी म्यूजियम देखने के लिए पहुंचते हैं.

यशवंत सिंह राठौर निर्देशक ने बताया 18 मई से दिल्ली के प्रगति मैदान में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है. प्रतिवर्ष मथुरा संग्रहालय दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन इस बार दिल्ली में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो होने जा रहा है. मथुरा कला से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जा रही है. जिसमें मथुरा केशव कटरा से खुदाई के दौरान प्राप्त हुई ढाई हजार वर्ष पुरानी भगवान बुद्ध की प्रतिमा दिल्ली भेजी जा रही है. साथ ही मथुरा कला कृतियों से संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, ताकि मथुरा कला के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी मिले.

यह भी पढ़ें: औरंगजेब ने मथुरा का नाम इस्लामाबाद करके तोड़े थे 76 मंदिर, जानें और क्या कहते हैं इतिहाकार

मथुरा: दिल्ली के प्रगति मैदान में तीन दिवसीय इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो 18 मई से शुरू हो गया. इसमें मथुरा की प्राचीन भगवान बुद्ध की मूर्ति भी शामिल की गई है. जिसे मथुरा म्यूजियम से दिल्ली एक्सप्रो में ले जाया गया है. ये मूर्ति लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रही. इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो के लिए मथुरा म्यूजियम में रखी तीन हजार मूर्तियों में से एक भगवान बुद्ध की मूर्ति का चयनित की गई है.

मथुरा म्यूजियम की भगवान बुद्ध की मूर्ति दिल्ली की इंटरनेशनल एक्सप्रो
भगवान बुद्ध की मूर्ति रहेगी आकर्षक का केंद्र: मथुरा म्यूजियम हमेशा से भगवान बुध और प्राचीन मूर्तियों के लिए विख्यात रहा है. जहां 3000 से अधिक प्राचीन मूर्तियां जो कि मथुरा जनपद में अलग-अलग स्थान से खुदाई के दौरान प्राप्त हुई है.इन मूर्तियों को सजाकर म्यूजियम में रखा गया है. 18 मई से दिल्ली के प्रगति मैदान में तीन दिवसीय इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो सेमिनार का आयोजन शुरू हुआ है. जहां देशभर के अनेक म्यूजियम से मूर्तियां लाई जा रही है. उसी क्रम में मथुरा ने ढाई हजार वर्ष पुरानी भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो में भेजने का फैसला किया है.
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
मथुरा म्यूजियम में प्राचीन धरोहर रखे हुए: मथुरा कृष्ण की नगरी के साथ-साथ प्राचीन नगरी के नाम से भी विख्यात है. यहां मथुरा शैली की कलाकृतियां के अनेक खुदाई के दौरान हजारों वर्ष पुरानी मूर्तियां, सिक्के, लघु चित्र, धातु मूर्तियां स्थानीय कला के अनेक दुर्बल सामान प्राप्त हुए थे. जोकि संग्रहालय में मौजूद है. प्राचीन धरोहर में शनगु कालीन मातृ देवी, कामदेव फलक, गुप्तकालीन नारी कुषाण, कालीन मूर्तियां मैं कार्तिकेय देव युगल प्रतिमा और नाग मूर्ति के चित्र की मूर्तियां अनमोल धरोहर के रूप में संग्रहालय में रखी गई है.
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
1807 में मिली पहली मूर्ति: मथुरा कटरा केशव देव 1807 में खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध की पहली मूर्ति मिली थी. मथुरा में बौद्ध संस्कृति के तमाम प्रमाण प्राप्त होते हैं. मथुरा बौद्ध संस्कृति के साथ-साथ भगवान बुद्ध की प्रतिमा और लाल बलुआ पत्थर से निर्मित मूर्तियां खुदाई के दौरान मिली हैं. मथुरा शिक्षा का केंद्र रहा है तो वही प्राचीन मूर्तियां के रूप में भी मथुरा विख्यात है. म्यूजियम परिसर में प्राचीन मूर्तियों की संख्या 3000 से अधिक है. तो वही विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी म्यूजियम देखने के लिए पहुंचते हैं.

यशवंत सिंह राठौर निर्देशक ने बताया 18 मई से दिल्ली के प्रगति मैदान में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है. प्रतिवर्ष मथुरा संग्रहालय दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन इस बार दिल्ली में इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सप्रो होने जा रहा है. मथुरा कला से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जा रही है. जिसमें मथुरा केशव कटरा से खुदाई के दौरान प्राप्त हुई ढाई हजार वर्ष पुरानी भगवान बुद्ध की प्रतिमा दिल्ली भेजी जा रही है. साथ ही मथुरा कला कृतियों से संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, ताकि मथुरा कला के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी मिले.

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