मथुरा: जनपद में सपा के कार्यकर्ता और नेताओं ने डीजल और पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ता और नेता टैंक चौराहे से लेकर कलेक्ट्रेट तक कार को रस्सी से खींचकर और तांगे में मोटरसाइकिल को रखकर ले गए. सपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत आसमान छू रही हैं. आम आदमी के बस में नहीं है कि अब वह वाहन चला पाए. डीजल के दाम पेट्रोल से भी अधिक हो गए हैं, जो किसानों की कमर तोड़ रहा है. किसान डीजल के ऊपर खेती करने के लिए निर्भर रहता है. अभी धान की फसल के लिए सिंचाई के लिए डीजल की किसानों को आवश्यकता पड़ेगी. वहीं डीजल की बढ़ी हुई कीमत किसानों की कमर तोड़ रही है.
जनपद में गुरुवार को सपा के कार्यकर्ता और नेता वाहनों को रस्सी से खींचते हुए नजर आए. वहीं मोटरसाइकिल को कार्यकर्ताओं ने तांगे में रखकर घुमाया. कार्यकर्ता पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों का विरोध कर रहे थे. इस दौरान सपा के कार्यकर्ता और नेता टैंक चौराहा से लेकर कलेक्ट्रेट तक गए.
सपा करेगी जनविरोधी नीतियों का विरोध
कलेक्ट्रेट के गेट पर सिटी मजिस्ट्रेट को राज्यपाल के नाम अपनी मांगों को लेकर सपा के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि सरकार केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए कार्य करने में लगी हुई है. आम आदमी सड़कों पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. दो वक्त की रोटी जुटाने में आम आदमी को मुश्किलें हो रही है. एक तरफ सरकार ने लॉकडाउन से लोगों की कमर तोड़ दी. वहीं अब पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर लोगों का जीना मुश्किल कर रहे हैं. पेट्रोल से भी अधिक डीजल की कीमत कर दी गई है.
अमीर व्यक्ति पेट्रोल की गाड़ी चलाता है. वह तो किसी तरह से अपना इंतजाम कर लेगा, लेकिन गरीब आदमी जो डीजल पर निर्भर करता है, वह कैसे वाहन चला पाएगा. दूसरी ओर किसान भी खेती करने के लिए डीजल पर निर्भर रहते हैं. खेती करने के लिए किसानों को डीजल की आवश्यकता पड़ती है. डीजल पेट्रोल से भी महंगा है.
अभी किसानों को धान की फसल बोनी है, उसके लिए सिंचाई की आवश्यकता पड़ेगी. सिंचाई के लिए मशीन चलाने के लिए डीजल चाहिए. वहीं सरकार को किसानों की कोई फिक्र नहीं है. वह केवल बड़े व्यवसायियों और उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है. सपा आम आदमी की आवाज बनकर लगातार सरकार की जनविरोधी नीतियों का इसी तरह से विरोध करती रहेगी.