मथुरा: सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी. इस मामले में दायर एक याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो सकी. वहीं, दूसरी याचिका पर एडीजे कोर्ट-7 में लॉ स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में लॉ स्टूडेंट के प्रार्थना पत्र में कई खामियां होने के कारण कोर्ट ने संशोधन करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 जुलाई तय की है. वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर जिला जज और सिविल कोर्ट में 2 और प्रार्थना पत्र और दाखिल किए गए हैं. कोर्ट ने दाखिल किए गए 2 नए प्रार्थना पत्र में एक प्रार्थना पत्र अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने दाखिल किया है. जबकि दूसरा प्रार्थना पत्र इस मामले में पहले से वादी रहे महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल कोर्ट में दायर किया है.
कोर्ट में 15 मिनट तक हुई सुनवाई
एडीजे कोर्ट-7 में आज पिछले दिनों दिल्ली और लखनऊ के लॉ स्टूडेंट द्वारा दायर किए गए वाद पर सुनवाई हुई. 15 मिनट की बहस के बाद, दायर प्रार्थना पत्र में कोर्ट ने खामियां बताई और उन्हें दूर करने के निर्देश किए. इस प्रार्थना पत्र पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी. वहीं, कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की प्रार्थना सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. न्यायालय में नो वर्क होने के कारण सुनवाई टल गई. कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री के प्रार्थना पत्र पर अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी.
मंगलवार को कोर्ट में दायर किए गए 2 नए प्रार्थना पत्र
अखिल भारत हिंदू महासभा द्वारा जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया गया है. कोर्ट को दिए गए प्रार्थना पत्र में मांग की गई है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की सुनवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए. इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि न्यायालय द्वारा कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया जाए. शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का सर्वे कराया जाए और उसकी रिपोर्ट मंगाई जाए. इस प्रार्थना पत्र की सुनवाई 8 जुलाई को होगी.
दूसरा प्रार्थना पत्र महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में दाखिल किया है. इसमें मांग की गई है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर न्यायालय में जितने भी केस हैं. वाद संख्या 950 में शामिल किए जाएं. इसके अलावा जन्मभूमि मामले का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए. इस मामले की सुनवाई 1 जुलाई को होगी.
वादी पक्ष के अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार ने बताया पिछले दिनों श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र लॉ स्टूडेंट ने दायर किया था. उस प्रार्थना पत्र पर बहस होने के बाद कुछ संशोधन करने की बात न्यायालय ने कही है. इस मामले की अलगी सुनवाई 16 जुलाई को होगी.
क्या है पूरा मामला :
पहली याचिका में क्या है मांग: रंजना अग्निहोत्री की याचिका में दावा किया गया है कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में उत्तर भारत में मंदिरों को तोड़कर अवैध मस्जिदों का निर्माण किया था. उन्हीं में से प्रमुख अयोध्या काशी और मथुरा के मंदिर हैं. न्यायालय में दाखिल की गई याचिका में मांग की गई है कि मुगल शासक द्वारा तोड़े गए मंदिरों को पुनर्स्थापित किया जाए और परिसर में अवैध निर्माण कर बने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाया जाए.
दूसरी याचिका में छात्रों की ये मांग: लखनऊ और दिल्ली के लॉ छात्रों ने सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण को लेकर हर रोज सुनवाई करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी याचिकाएं एक ही में सम्मिलित कर ली जाएं इस मामले पर भी आज न्यायालय में सुनवाई होगी.
ये हैं वादी और प्रतिवादी पक्ष: श्रीकृष्ण जन्मभूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं. उन सभी याचिकाओं में चार वादी और प्रतिवादी हैं. हिंदू पक्ष से श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट है, जबकि मुस्लिम पक्ष से सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह कमेटी है. सभी पक्षों के अधिवक्ता मामले को लेकर कोर्ट में समय-समय पर दलीलें देते रहे हैं.
ये है मौजूदा स्थिति: श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन ठाकुर विराजमान केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए.
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