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श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला: मस्जिद हटाने को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से संतों ने की अपील

मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर विवाद को सुलझाने को लेकर वृंदावन के संतों और महामंडलेशवर ने प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील की है. संतों का कहना है कि यह समय उचित है. प्रदेश व केंद्र में बीजेपी की सरकार है. जिस तरह से श्रीराम जन्मभूमि के विवाद को भाईचारे से सुलझाया गया, उसी तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर को भी मस्जिद मुक्त बनाया जाए.

श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला
श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला
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Published : Jul 28, 2021, 4:37 PM IST

मथुरा : श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर साधु संतों ने भी अपनी सक्रियता तेज कर दी है. जन्मभूमि को मस्जिद मुक्त करने के लिए जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन और जिला जज की कोर्ट में सात मामले अभी विचाराधीन हैं. हर रोज जन्मभूमि मामले को लेकर तारीख पे तारीख पड़ रही है. साधु संतों ने अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि, जिस तरह अयोध्या में मंदिर का वर्षों पुराना मामला भाईचारे से सुलझा दिया गया, वैसे ही मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर को भी मस्जिद मुक्त बनाया जाए. उनका कहना है कि केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार होते हुए यह संभव हो सकता है. करोड़ों हिंदुओं की आस्था श्री कृष्ण जन्मभूमि में बसी हुई है.

साधु संतों की प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से अपील

वृंदावन के साधु संत, महामंडलेश्वर और भागवताचार्य ने जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा है कि न्यायालय में जन्मभूमि मामला विचाराधीन है. इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए भाईचारे की सहमति से जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाई जाए. संतों का कहना है, जो इस समय हो सकता है वह कभी नहीं होगा. क्योंकि प्रदेश और केंद्र में बीजेपी की सरकार है. अब सही समय आ चुका है. संतों का ये भी कहना था कि भाईचारे की सहमति से मामला सुलझाया जाए और हिंदू-मुस्लिम में सौहार्द भी बना रहे.

श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला

जन्मभूमि मामला न्यायालय में है विचाराधीन

श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल कई याचिकाएं जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन और जिला जज की कोर्ट में दायर की गईं थीं. मामले को लेकर हर रोज तारीख पे तारीख पड़ रही है. याचिकाकर्ता न्यायालय में तारीफ करने के लिए पहुंचते हैं. फिलहाल सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में छह मामले और जिला जज की कोर्ट में एक मामला अभी विचाराधीन है.

क्या है जन्मभूमि परिसर विवाद ?

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन गर्भ ग्रह और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के तीन द्वार बने हुए हैं. गेट नंबर 1- प्रवेश द्वार, गेट नंबर 2- आवासीय द्वार, गेट नंबर 3- प्रवेश और निकासी द्वार है. जन्मभूमि परिसर को चारों तरफ तीन जोनों में बांटा गया है. यह रेड जोन, यलो जोन और ग्रीन जोन हैं.

जन्मभूमि की रहती है कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं. प्रतिदिन सुरक्षा में तैनात जवानों को अलर्ट के मोड पर रखा जाता है. जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद की सुरक्षा सीआरपीएफ के जवान करते हैं. परिसर में कई कंपनियां पीएसी की हैं. साथ ही ब्लैक कमांडो और स्थानीय पुलिस को जन्मभूमि की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है. दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सघनता से चेकिंग की जाती है. तो वहीं सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे से परिसर के आसपास घूमने वालों पर भी निगरानी रखी जाती है.

ज्योतिषाचार्य बद्रीशनाथ ने बताया जन्मभूमि मामले को लेकर जो प्रयास किए जा रहे हैं बड़े सार्थक हैं. यह गंगा-जमुना तहजीब सार्थक करना है. दूसरे पक्ष को जो प्रस्ताव दिया था उसे स्वीकार कर लेना चाहिए. मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और परम पूज्य प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील करता हूं, उनके रहते हुए जन्मभूमि परिसर मस्जिद मुक्त बनाई जाए. उन्होंने आगे कहा- जिस प्रकार अयोध्या में बरसों पुराना मंदिर मामला भाईचारे से सुलझा लिया गया. सभी प्रकार के विवाद दूर कर दिए गए. आज अयोध्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकते हैं. भव्य राम मंदिर बन रहा है. उसी तरह जन्मभूमि का विवाद आगे ना बढ़े, स्वाभाविक वातावरण बना रहे, साधु संतों की मांग है जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने के लिए हस्तक्षेप किए जाएं.

इसे भी पढ़ें- Greater Agra: एजेंसी चयन का काम शुरू, जानिए कहां बस रहा नया शहर

महामंडलेश्वर श्री स्वामी राधा प्रसाद देवजू महाराज ने बताया हम संतों की यही मांग है जो हमारे आराध्य हैं, जो जन्मस्थली कृष्ण लला की है, उस स्थल के पास मस्जिद नहीं होनी चाहिए. मुगल शासकों ने मंदिर तोड़कर अवैध मस्जिदों का निर्माण कराया. पूरा स्थान कृष्ण लल्ला का है. साधु संतों ने मुस्लिम पक्ष को एक प्रस्ताव दिया था. ब्रज चौरासी कोस धार्मिक स्थल छोड़कर स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए डेढ़ गुना भूमि देने को तैयार हैं. करोड़ों हिंदुओं की आस्था श्री कृष्ण में बसी हुई है. इस मामले को जल्द हस्तक्षेप करके सुलझाया जाए व भव्य जन्मभूमि बनाई जाए.

मथुरा : श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर साधु संतों ने भी अपनी सक्रियता तेज कर दी है. जन्मभूमि को मस्जिद मुक्त करने के लिए जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन और जिला जज की कोर्ट में सात मामले अभी विचाराधीन हैं. हर रोज जन्मभूमि मामले को लेकर तारीख पे तारीख पड़ रही है. साधु संतों ने अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि, जिस तरह अयोध्या में मंदिर का वर्षों पुराना मामला भाईचारे से सुलझा दिया गया, वैसे ही मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर को भी मस्जिद मुक्त बनाया जाए. उनका कहना है कि केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार होते हुए यह संभव हो सकता है. करोड़ों हिंदुओं की आस्था श्री कृष्ण जन्मभूमि में बसी हुई है.

साधु संतों की प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से अपील

वृंदावन के साधु संत, महामंडलेश्वर और भागवताचार्य ने जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा है कि न्यायालय में जन्मभूमि मामला विचाराधीन है. इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए भाईचारे की सहमति से जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाई जाए. संतों का कहना है, जो इस समय हो सकता है वह कभी नहीं होगा. क्योंकि प्रदेश और केंद्र में बीजेपी की सरकार है. अब सही समय आ चुका है. संतों का ये भी कहना था कि भाईचारे की सहमति से मामला सुलझाया जाए और हिंदू-मुस्लिम में सौहार्द भी बना रहे.

श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला

जन्मभूमि मामला न्यायालय में है विचाराधीन

श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल कई याचिकाएं जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन और जिला जज की कोर्ट में दायर की गईं थीं. मामले को लेकर हर रोज तारीख पे तारीख पड़ रही है. याचिकाकर्ता न्यायालय में तारीफ करने के लिए पहुंचते हैं. फिलहाल सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में छह मामले और जिला जज की कोर्ट में एक मामला अभी विचाराधीन है.

क्या है जन्मभूमि परिसर विवाद ?

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन गर्भ ग्रह और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के तीन द्वार बने हुए हैं. गेट नंबर 1- प्रवेश द्वार, गेट नंबर 2- आवासीय द्वार, गेट नंबर 3- प्रवेश और निकासी द्वार है. जन्मभूमि परिसर को चारों तरफ तीन जोनों में बांटा गया है. यह रेड जोन, यलो जोन और ग्रीन जोन हैं.

जन्मभूमि की रहती है कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद प्रबंध किए गए हैं. प्रतिदिन सुरक्षा में तैनात जवानों को अलर्ट के मोड पर रखा जाता है. जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद की सुरक्षा सीआरपीएफ के जवान करते हैं. परिसर में कई कंपनियां पीएसी की हैं. साथ ही ब्लैक कमांडो और स्थानीय पुलिस को जन्मभूमि की सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है. दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सघनता से चेकिंग की जाती है. तो वहीं सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे से परिसर के आसपास घूमने वालों पर भी निगरानी रखी जाती है.

ज्योतिषाचार्य बद्रीशनाथ ने बताया जन्मभूमि मामले को लेकर जो प्रयास किए जा रहे हैं बड़े सार्थक हैं. यह गंगा-जमुना तहजीब सार्थक करना है. दूसरे पक्ष को जो प्रस्ताव दिया था उसे स्वीकार कर लेना चाहिए. मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और परम पूज्य प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील करता हूं, उनके रहते हुए जन्मभूमि परिसर मस्जिद मुक्त बनाई जाए. उन्होंने आगे कहा- जिस प्रकार अयोध्या में बरसों पुराना मंदिर मामला भाईचारे से सुलझा लिया गया. सभी प्रकार के विवाद दूर कर दिए गए. आज अयोध्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकते हैं. भव्य राम मंदिर बन रहा है. उसी तरह जन्मभूमि का विवाद आगे ना बढ़े, स्वाभाविक वातावरण बना रहे, साधु संतों की मांग है जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने के लिए हस्तक्षेप किए जाएं.

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महामंडलेश्वर श्री स्वामी राधा प्रसाद देवजू महाराज ने बताया हम संतों की यही मांग है जो हमारे आराध्य हैं, जो जन्मस्थली कृष्ण लला की है, उस स्थल के पास मस्जिद नहीं होनी चाहिए. मुगल शासकों ने मंदिर तोड़कर अवैध मस्जिदों का निर्माण कराया. पूरा स्थान कृष्ण लल्ला का है. साधु संतों ने मुस्लिम पक्ष को एक प्रस्ताव दिया था. ब्रज चौरासी कोस धार्मिक स्थल छोड़कर स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए डेढ़ गुना भूमि देने को तैयार हैं. करोड़ों हिंदुओं की आस्था श्री कृष्ण में बसी हुई है. इस मामले को जल्द हस्तक्षेप करके सुलझाया जाए व भव्य जन्मभूमि बनाई जाए.

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