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मथुरा: कोर्ट जो भी दस्तावेज मांगेगा, शाही ईदगाह कमेटी उपलब्ध कराएगी- तनवीर अहमद - मथुरा कोर्ट में सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पांच अधिवक्ताओं द्वारा दाखिल की गई याचिका पर आज यानी सोमवार को मथुरा कोर्ट में सुनवाई होगी. इस मामले को लेकर शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने बताया कि उन्हें अभी इन सब की जानकारी समाचार पत्रों और मीडिया के माध्यम से ही हुई है. कोर्ट द्वारा जो भी कागजात मांगे जाएंगे, उन्हें शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी उपल्ब्ध कराएगी.

शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के सचिव से बातचीत.
शाही ईदगाह कमेटी के सचिव से बातचीत.
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Published : Sep 28, 2020, 12:38 PM IST

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने बीते शुक्रवार को एक याचिका डाली थी. याचिका पर आज यानी सोमवार को मथुरा कोर्ट में सुनवाई होगी. सुनवाई कोर्ट के सीनियर डिवीजन करेंगे. सोमवार सुबह 12:00 बजे के बाद याचिका को लेकर न्यायालय द्वारा प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी किया जाएगा. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बनी शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद से बात की. बातचीत में उन्होंने कहा, "हमारी तरफ से तैयारी पूरी है. कोर्ट द्वारा जो कागजात मांगे जाएंगे, हम उसे समय पर उपलब्ध कराएंगे. फिलहाल कोर्ट से अभी किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं मिला है".

शाही ईदगाह कमेटी के सचिव से बातचीत.
बता दें, श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.27 एकड़ में बसा हुआ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है. वहीं दूसरी तरफ डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद भी बनी हुई है. इस मस्जिद/ईदगाह को हटाने के लिए और अपना मालिकाना हक लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रंजना अग्निहोत्री, हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन सहित पांच अधिवक्ताओं ने मथुरा जिला न्यायालय में शुक्रवार को 60 पन्नों की याचिका डाली थी.

शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने बातचीत में बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी हमेशा से प्रेम भाव और कृष्ण-राधा मय रही है. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में याचिका डाली गई है, जबकि उन लोगों का किसी प्रकार से जन्मभूमि परिसर से कोई लेना-देना नहीं है. श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है. उन्होंने आगे बताया कि 1968 में श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें कुछ बातें कही गई थी कि मस्जिद का पानी मंदिर की ओर नहीं आना चाहिए, उसकी निकासी मस्जिद की तरफ ही हो. मस्जिद का निकास मस्जिद परिसर और मंदिर का निकास मंदिर परिसर की ओर ही होगा.

तनवीर अहमद ने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद में पांच टाइम की नमाज अदा की जाती रही है. कभी किसी को किसी प्रकार की समस्याएं नहीं हुईं तो आज नया विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है? उन्होंने बताया कि कोर्ट द्वारा जो दस्तावेज मांगे जाएंगे या विधिक कार्रवाई की जाएगी, उस पर शाही मस्जिद कमेटी काम करेगी.

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं ने बीते शुक्रवार को एक याचिका डाली थी. याचिका पर आज यानी सोमवार को मथुरा कोर्ट में सुनवाई होगी. सुनवाई कोर्ट के सीनियर डिवीजन करेंगे. सोमवार सुबह 12:00 बजे के बाद याचिका को लेकर न्यायालय द्वारा प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी किया जाएगा. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बनी शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद से बात की. बातचीत में उन्होंने कहा, "हमारी तरफ से तैयारी पूरी है. कोर्ट द्वारा जो कागजात मांगे जाएंगे, हम उसे समय पर उपलब्ध कराएंगे. फिलहाल कोर्ट से अभी किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं मिला है".

शाही ईदगाह कमेटी के सचिव से बातचीत.
बता दें, श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.27 एकड़ में बसा हुआ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है. वहीं दूसरी तरफ डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद भी बनी हुई है. इस मस्जिद/ईदगाह को हटाने के लिए और अपना मालिकाना हक लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट की रंजना अग्निहोत्री, हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन सहित पांच अधिवक्ताओं ने मथुरा जिला न्यायालय में शुक्रवार को 60 पन्नों की याचिका डाली थी.

शाही ईदगाह कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने बातचीत में बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी हमेशा से प्रेम भाव और कृष्ण-राधा मय रही है. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट में याचिका डाली गई है, जबकि उन लोगों का किसी प्रकार से जन्मभूमि परिसर से कोई लेना-देना नहीं है. श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी को प्रतिवादी बनाया गया है. उन्होंने आगे बताया कि 1968 में श्रीकृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें कुछ बातें कही गई थी कि मस्जिद का पानी मंदिर की ओर नहीं आना चाहिए, उसकी निकासी मस्जिद की तरफ ही हो. मस्जिद का निकास मस्जिद परिसर और मंदिर का निकास मंदिर परिसर की ओर ही होगा.

तनवीर अहमद ने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद में पांच टाइम की नमाज अदा की जाती रही है. कभी किसी को किसी प्रकार की समस्याएं नहीं हुईं तो आज नया विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है? उन्होंने बताया कि कोर्ट द्वारा जो दस्तावेज मांगे जाएंगे या विधिक कार्रवाई की जाएगी, उस पर शाही मस्जिद कमेटी काम करेगी.

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