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जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताज में प्रवेश से रोके जाने से नाराज संत समाज, कहा- सीएम करें कार्रवाई

भगवा वस्त्र में ताज के दीदार को आगरा पहुंचे जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल परिसर में रोके जाने के मामले को लेकर अब संत समाज खासा नाराज है. साथ ही वृंदावन के संतों ने इसे साधु-संतों का अपमान करार दिया है.

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Published : Apr 27, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Apr 27, 2022, 2:33 PM IST

Anger among saints  Sant Samaj angry  stopping Jagadguru Paramhans Acharya  Acharya from entering the Taj  जगद्गुरु परमहंस आचार्य  नाराज संत समाज  सीएम करें कार्रवाई  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  महामंडलेश्वर भास्कर आनंद  संत समाज नाराज
Anger among saints Sant Samaj angry stopping Jagadguru Paramhans Acharya Acharya from entering the Taj जगद्गुरु परमहंस आचार्य नाराज संत समाज सीएम करें कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महामंडलेश्वर भास्कर आनंद संत समाज नाराज

मथुरा: भगवा वस्त्र में ताज के दीदार को आगरा पहुंचे जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल परिसर में रोके जाने के मामले को लेकर अब संत समाज खासा नाराज है. साथ ही वृंदावन के संतों ने इसे साधु-संतों का अपमान करार दिया है. उक्त मामले में संतों की ओर से कहा गया कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक भगवाधारी संत हैं. ऐसे में उन्हें इस बात का संज्ञान लेना चाहिए.

संतों में आक्रोश: दरअसल, ताजमहल में जगद्गुरु परमहंस आचार्य को प्रवेश से रोके जाने को लेकर काशी विद्यार्थी परिषद के पश्चिमी भारत के प्रभारी कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने कहा कि उन्हें भी 6 साल पहले ताज में प्रवेश से रोका गया था, क्योंकि वो तब भगवा धारण किए थे और दुपट्टा पर राधे-राधे लिखा था. लेकिन यह साधु-संतों का अपमान है. उन्होंने कहा कि ताजमहल तो एक तेजो महल है, जो शिवजी का पुराना मंदिर है. मंदिर में साधु-संतों को रोका नहीं जा सकता. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि वह खुद एक भगवाधारी संत हैं.

संत समाज नाराज

इसे भी पढ़ें - ताज का दीदार नहीं कर सके जगद्गुरु परमहंस आचार्य, भगवा वस्त्र व ब्रह्मदंड के कारण CISF के जवानों ने प्रवेश से रोका

वहीं, इस पूरे मसले पर महामंडलेश्वर भास्कर आनंद महाराज ने कहा कि उन्हें इस वाक्या के बारे में पता चला है. लेकिन किसी भी व्यक्ति को केवल भगवा धारण करने के कारण कही भी जाने से रोका नहीं जा सकता है. खैर, सूबे में योगी जी की सरकार है. ऐसे में इस वाक्या ने हम सबको चौंकाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि करीब 6 साल पहले भी एक ऐसा ही वाक्या हुआ था और तब वृंदावन के संत कार्ष्णि नागेंद्र महाराज जी को ताजमहल में प्रवेश से रोका गया था. यह बिल्कुल भी उचित नहीं है, जो भी जिसने भी इस तरह का आदेश दिया है, उसके खिलाफ हम कार्रवाई की मांग करते हैं.

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मथुरा: भगवा वस्त्र में ताज के दीदार को आगरा पहुंचे जगद्गुरु परमहंस आचार्य को ताजमहल परिसर में रोके जाने के मामले को लेकर अब संत समाज खासा नाराज है. साथ ही वृंदावन के संतों ने इसे साधु-संतों का अपमान करार दिया है. उक्त मामले में संतों की ओर से कहा गया कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक भगवाधारी संत हैं. ऐसे में उन्हें इस बात का संज्ञान लेना चाहिए.

संतों में आक्रोश: दरअसल, ताजमहल में जगद्गुरु परमहंस आचार्य को प्रवेश से रोके जाने को लेकर काशी विद्यार्थी परिषद के पश्चिमी भारत के प्रभारी कार्ष्णि नागेंद्र महाराज ने कहा कि उन्हें भी 6 साल पहले ताज में प्रवेश से रोका गया था, क्योंकि वो तब भगवा धारण किए थे और दुपट्टा पर राधे-राधे लिखा था. लेकिन यह साधु-संतों का अपमान है. उन्होंने कहा कि ताजमहल तो एक तेजो महल है, जो शिवजी का पुराना मंदिर है. मंदिर में साधु-संतों को रोका नहीं जा सकता. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि वह खुद एक भगवाधारी संत हैं.

संत समाज नाराज

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वहीं, इस पूरे मसले पर महामंडलेश्वर भास्कर आनंद महाराज ने कहा कि उन्हें इस वाक्या के बारे में पता चला है. लेकिन किसी भी व्यक्ति को केवल भगवा धारण करने के कारण कही भी जाने से रोका नहीं जा सकता है. खैर, सूबे में योगी जी की सरकार है. ऐसे में इस वाक्या ने हम सबको चौंकाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि करीब 6 साल पहले भी एक ऐसा ही वाक्या हुआ था और तब वृंदावन के संत कार्ष्णि नागेंद्र महाराज जी को ताजमहल में प्रवेश से रोका गया था. यह बिल्कुल भी उचित नहीं है, जो भी जिसने भी इस तरह का आदेश दिया है, उसके खिलाफ हम कार्रवाई की मांग करते हैं.

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Last Updated : Apr 27, 2022, 2:33 PM IST
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