मथुरा : यूपी के मथुरा भांडीर वन में रविवार को राधा कृष्ण का विवाह उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विवाह उत्सव को भक्तों ने बड़े ही धूमधाम से मनाया. राधा-कृष्ण विवाह उत्सव में सैकड़ों की संख्या में दूरदराज से आए भक्तों ने विवाह उत्सव का आनंद लिया. वहीं भक्तों ने अपने आपको राधा कृष्ण के विवाह का साक्षी बनाया.
भांडीर वन में रविवार को बड़े ही धूमधाम से राधा कृष्ण विवाह उत्सव मनाया गया. इस दौरान श्री रामकिंकर जी महाराज ने भक्तों से कहा कि, राधा और कृष्ण तो अनंत काल से हैं. दोनों को एक दूसरे से अलग करने की सोचना भी नहीं चाहिए. इसका प्रमाण ब्रह्म वैवर्त, पुराण गर्ग संहिता और गोपाल चंपू में मिलता है.
राधा कृष्ण के विवाह का पूरा प्रसंग
ग्रंथ और प्राणों के आधार पर किस तरह राधा कृष्ण के विवाह का संयोग बना. कहा जाता है कि जब ब्रह्मा जी भांडीरवन में राधा कृष्ण का विवाह कराने आए तब उन्होंने राधा जी से कहा था कि कृष्ण की कृपा से ही उन्हें राधा के दर्शन हुए हैं. भांडीरवन एक पवित्र स्थल है, क्योंकि यहां ब्रह्मा जी ने स्वयं राधा कृष्ण के विवाह को कराया था.
राधा कृष्ण के विवाह उत्सव में कलाकारों ने विदाई गायन गया
ब्रज संस्कृति संगीत समिति के तत्वाधान में ब्रज रसिक मधुकर जी और शशि सखी आदि के द्वारा विदाई गायन गाया गया . इसके साथ ही अन्य कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा से सैकड़ों की संख्या में आए भक्तों को भक्ति के सागर में विभोर कर दिया. गौड़ीय संप्रदाय, वल्लभ संप्रदाय, निंबार्क संप्रदाय और राधा वल्लभीय संप्रदाय के पदों का सुमधुर गायन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने जमकर डांस किया.