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मथुरा जेल प्रशासन की अनूठी पहल, कैदी वीडियो कॉल से कर रहे परिजनों से बात

यूपी के मथुरा जिला जेल में कैदियों ने परिवारीजनों से वीडियो कॉल के माध्यम से बात करना शुरू किया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते परिजनों को कैदियों से मिलने की अनुमित नहीं है, जिसके चलते जेल प्रशासन ने यह पहल शुरू की है.

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Published : May 10, 2020, 10:10 AM IST

मथुरा ताजा समाचार
बंदियों को डिप्रेशन से दूर रखने के लिए निकाला नया तरीका

मथुरा: जिला कारागार में बंद कैदियों को डिप्रेशन से दूर रखने के लिए जिला कारागार प्रशासन ने नई पहल शुरू की है. बता दें कि जानलेवा नोबेल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कैदियों को उनके परिवारीजनों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है. वहीं बिना परिजनों के मिले कहीं ये डिप्रेशन में न चले जाएं. इसके लिए जिला कारागार प्रशासन ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उनके परिजनों से बात कराना शुरू किया है.

कैदियों का दूर किया जा रहा डिप्रेशन
बता दें कि जिला कारागार प्रशासन कैदियों को आपदा काल में डिप्रेशन से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में जिला कारागार प्रशासन कैदियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए वीडियो कॉलिंग का सहारा ले रहा है. इसी पर जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि शनिवार को एक पायलट टेस्ट किया गया है कि, जिला कारागार से वीडियो कॉलिंग हो सकती है या नहीं.

वीडियो कॉल से कैदी कर रहे परिजनों से बात
जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में यह निर्देश है कि कैदियों को डिप्रेशन से बचाने के लिए जो भी संभव हो वह उपाय किए जाएं. इसी के चलते हमने यह कदम उठाया है. कोई कैदी मुलाकात न होने के कारण डिप्रेशन में न रहे.

वहीं कैदियों के घर वालों को कोई गलतफहमी न हो तो उसी के क्रम में एक पायलट टेस्ट वीडियो कॉल का शुरू किया गया है. दिन में लॉटरी के माध्यम से 10 कैदियों को उनके परिवारीजनों से वीडियो कॉलिंग कर बात कराई जाएगी. इस पहल के सफल होने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें: COVID-19: UP में कोरोना के 155 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 3,214

मथुरा: जिला कारागार में बंद कैदियों को डिप्रेशन से दूर रखने के लिए जिला कारागार प्रशासन ने नई पहल शुरू की है. बता दें कि जानलेवा नोबेल कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कैदियों को उनके परिवारीजनों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है. वहीं बिना परिजनों के मिले कहीं ये डिप्रेशन में न चले जाएं. इसके लिए जिला कारागार प्रशासन ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उनके परिजनों से बात कराना शुरू किया है.

कैदियों का दूर किया जा रहा डिप्रेशन
बता दें कि जिला कारागार प्रशासन कैदियों को आपदा काल में डिप्रेशन से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इसी क्रम में जिला कारागार प्रशासन कैदियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए वीडियो कॉलिंग का सहारा ले रहा है. इसी पर जानकारी देते हुए जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि शनिवार को एक पायलट टेस्ट किया गया है कि, जिला कारागार से वीडियो कॉलिंग हो सकती है या नहीं.

वीडियो कॉल से कैदी कर रहे परिजनों से बात
जेल अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में यह निर्देश है कि कैदियों को डिप्रेशन से बचाने के लिए जो भी संभव हो वह उपाय किए जाएं. इसी के चलते हमने यह कदम उठाया है. कोई कैदी मुलाकात न होने के कारण डिप्रेशन में न रहे.

वहीं कैदियों के घर वालों को कोई गलतफहमी न हो तो उसी के क्रम में एक पायलट टेस्ट वीडियो कॉल का शुरू किया गया है. दिन में लॉटरी के माध्यम से 10 कैदियों को उनके परिवारीजनों से वीडियो कॉलिंग कर बात कराई जाएगी. इस पहल के सफल होने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा.

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