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पराली जलाने वालों को नहीं दिया जाएगा सरकारी अनुदान: कमिश्नर गोरखपुर - पराली जलाने वालों को नहीं दिया जाएगा सरकारी अनुदान

यूपी के गोरखपुर में पराली जलाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए मंडल के विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में मंडलायुक्त ने कहा कि पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है और इसमें पूर्ण रूप से रोक लगानी चाहिए.

प्रदूषण नियंत्रण की बैठक
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Published : Nov 4, 2019, 8:37 PM IST

गोरखपुर: जिले के विकास भवन सभागार में मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए मंडल के विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में मंडलायुक्त ने कृषि विभाग किसान संगोष्ठी योग के माध्यम से किसानों में फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी.

बातचीत करते मंडलायुक्त जयंत नारलीकर.

पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी
बिना रीपर के कोई कंपाइन मशीन न चलाएं, ज्यादा से ज्यादा सीएनजी ऑटो को लाइसेंस निर्गत किया जाए, प्रदूषण प्रमाण पत्र की जांच की जाए. इसके साथ ही विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: बीएचयू में स्कंद गुप्त विक्रमादित्य पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने कहा पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है
पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंडल के सभी बड़े अधिकारियों के साथ बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक की गई. पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है और इसमें पूर्ण रूप से रोक लगानी चाहिए. इस मंडल में सबसे ज्यादा महाराजगंज जिले में 18 में 1400 से 1500 पराली जलाने के मामले प्रकाश में आए थे, जिसके कारण तमाम तरीके की समस्याओं से वहां की जनता को ग्रसित होना पड़ा था. इसलिए इस संबंध में हमें कठोर कार्रवाई करनी होगी.

किसानों को पराली न जलाने के बारे में समझाया जाएगा
सबसे पहले आज से जितनी भी कृषक गोष्ठी मंडलिया, प्रदेश स्तर पर होंगी. उन सभी गोष्ठियों में किसानों से बातचीत करते हुए उन्हें समझाना होगा कि पराली क्यों नहीं जलाना चाहिए और पराली न जलाने के लिए हमारे पास अन्य और क्या संसाधन हैं. इसके लिए किसानों में जागरूकता फैलानी होगी.

वहीं अगर कोई किसान इन सबके बावजूद नहीं मानते हैं तो उनके ऊपर एफआईआर लांच करने के भी आदेश दिए गए हैं. किसान बार-बार समझाने के बाद भी नहीं मानते हैं तो उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं को न देने का विचार भी किया जा रहा है. पराली जलाने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.

गोरखपुर: जिले के विकास भवन सभागार में मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए मंडल के विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में मंडलायुक्त ने कृषि विभाग किसान संगोष्ठी योग के माध्यम से किसानों में फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी.

बातचीत करते मंडलायुक्त जयंत नारलीकर.

पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी
बिना रीपर के कोई कंपाइन मशीन न चलाएं, ज्यादा से ज्यादा सीएनजी ऑटो को लाइसेंस निर्गत किया जाए, प्रदूषण प्रमाण पत्र की जांच की जाए. इसके साथ ही विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: बीएचयू में स्कंद गुप्त विक्रमादित्य पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने कहा पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है
पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंडल के सभी बड़े अधिकारियों के साथ बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक की गई. पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है और इसमें पूर्ण रूप से रोक लगानी चाहिए. इस मंडल में सबसे ज्यादा महाराजगंज जिले में 18 में 1400 से 1500 पराली जलाने के मामले प्रकाश में आए थे, जिसके कारण तमाम तरीके की समस्याओं से वहां की जनता को ग्रसित होना पड़ा था. इसलिए इस संबंध में हमें कठोर कार्रवाई करनी होगी.

किसानों को पराली न जलाने के बारे में समझाया जाएगा
सबसे पहले आज से जितनी भी कृषक गोष्ठी मंडलिया, प्रदेश स्तर पर होंगी. उन सभी गोष्ठियों में किसानों से बातचीत करते हुए उन्हें समझाना होगा कि पराली क्यों नहीं जलाना चाहिए और पराली न जलाने के लिए हमारे पास अन्य और क्या संसाधन हैं. इसके लिए किसानों में जागरूकता फैलानी होगी.

वहीं अगर कोई किसान इन सबके बावजूद नहीं मानते हैं तो उनके ऊपर एफआईआर लांच करने के भी आदेश दिए गए हैं. किसान बार-बार समझाने के बाद भी नहीं मानते हैं तो उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं को न देने का विचार भी किया जा रहा है. पराली जलाने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:गोरखपुर। मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने विकास भवन सभागार में खरीफ मौसम में फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए मंडल के विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की।

इस बैठक में दूसरे प्रांतों से आने वाले कंपाइन मशीनों की जांच की जाए, बिना रिपर के कोई कंपाइन मशीन ना चलाएं, कृषि विभाग किसान संगोष्ठी योग के माध्यम से किसानों में फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाय, ज्यादा से ज्यादा सीएनजी ऑटो को लाइसेंस निर्गत किया जाए, प्रदूषण प्रमाण पत्र की जांच की जाए सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।


Body:इस संबंध में ईटीवी से बातचीत करते हुए मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने कहा पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंडल के सभी बड़े अधिकारियों के साथ बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक की गई। पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है और इसको पूर्ण रूप से रोक लगानी चाहिए। जिसके लिए हमें अपील भी की है, इस मंडल में सबसे ज्यादा महाराजगंज जिले में 18 में 14 सौ से 15 सौ पराली जलाने के मामले प्रकाश में आए थे। जिसके कारण तमाम तरीके की समस्याओं से वहां की जनता को ग्रसित होना पड़ा था। इसलिए इस संबंध में हमें कठोर कार्रवाई करनी होगी। सबसे पहले आज से जितनी भी कृषक गोष्ठी मंडलिया, प्रदेश स्तर पर होंगी। उन सभी गोष्ठियों में किसानों से बातचीत करते हुए उन्हें समझाना होगा कि पराली क्यों नहीं जलाना चाहिए और पराली न जलाने के लिए हमारे पास अन्य और क्या संसाधन हैं। इसके लिए किसानों में जागरूकता फैलानी होगी। वहीं अगर कोई किसान इन सबके बावजूद नहीं मानते हैं तो उनके ऊपर एफ आई आर लांच करने के भी आदेश दिए गए हैं। किसान बार-बार समझाने के बाद भी नहीं मानते हैं तो उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं को नहीं देने का विचार भी किया जा रहा है। पराली जलाने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बाइट जयंत नारलीकर मंडलायुक्त गोरखपुर मंडल



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738


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