गोरखपुर: जिले के विकास भवन सभागार में मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए मंडल के विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में मंडलायुक्त ने कृषि विभाग किसान संगोष्ठी योग के माध्यम से किसानों में फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी.
पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी
बिना रीपर के कोई कंपाइन मशीन न चलाएं, ज्यादा से ज्यादा सीएनजी ऑटो को लाइसेंस निर्गत किया जाए, प्रदूषण प्रमाण पत्र की जांच की जाए. इसके साथ ही विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई.
इसे भी पढ़ें- वाराणसी: बीएचयू में स्कंद गुप्त विक्रमादित्य पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने कहा पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है
पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंडल के सभी बड़े अधिकारियों के साथ बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक की गई. पराली जलाना बिल्कुल ही गलत है और इसमें पूर्ण रूप से रोक लगानी चाहिए. इस मंडल में सबसे ज्यादा महाराजगंज जिले में 18 में 1400 से 1500 पराली जलाने के मामले प्रकाश में आए थे, जिसके कारण तमाम तरीके की समस्याओं से वहां की जनता को ग्रसित होना पड़ा था. इसलिए इस संबंध में हमें कठोर कार्रवाई करनी होगी.
किसानों को पराली न जलाने के बारे में समझाया जाएगा
सबसे पहले आज से जितनी भी कृषक गोष्ठी मंडलिया, प्रदेश स्तर पर होंगी. उन सभी गोष्ठियों में किसानों से बातचीत करते हुए उन्हें समझाना होगा कि पराली क्यों नहीं जलाना चाहिए और पराली न जलाने के लिए हमारे पास अन्य और क्या संसाधन हैं. इसके लिए किसानों में जागरूकता फैलानी होगी.
वहीं अगर कोई किसान इन सबके बावजूद नहीं मानते हैं तो उनके ऊपर एफआईआर लांच करने के भी आदेश दिए गए हैं. किसान बार-बार समझाने के बाद भी नहीं मानते हैं तो उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं को न देने का विचार भी किया जा रहा है. पराली जलाने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.