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श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर आज फाइल होगी पिटीशन - मथुरा खबर

श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन सहित पांच अधिवक्ता सोमवार को मथुरा जिला जज कोर्ट में पिटीशन फाइल करेगें, जबकि 25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में याचिका डाली गई थी जिसे 30 सितंबर को अपर न्यायधीश ने दस्तावेजों में कमी की बात करते हुए याचिका खारिज कर दी थी.

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मथुरा जिला जज कोर्ट में फाइल होगी पिटीशन.
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Published : Oct 11, 2020, 8:27 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 6:44 AM IST

मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन सहित पांच अधिवक्ता सोमवार को मथुरा जिला जज कोर्ट में पिटीशन फाइल करेगें, जबकि 25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में याचिका डाली गई थी. जिसे 30 सितंबर को अपर न्यायधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी थी. मगर एक बार फिर अधिवक्ता जिला जज की कोर्ट में पिटीशन फाइल करेंगे.

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई. जिसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग है श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए. वहीं 30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी गई थी.

क्या है मामल
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा और 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखी हुए. स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को पत्र लिखकर जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए कहा. जिसके बाद 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने कोर्ट मे याचिका डाली है.

सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने जानकारी देते हुए कहा 30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने याचिका खारिज कर दी थी. जबकि नियमानुसार नीचे की अदालत में याचिका खारिज हो जाती है तो अपर कोर्ट में याचिका डाल सकते हैं. इसलिए सोमवार को श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक और परिसर से मस्जिद मुक्त बनाने को लेकर जिला जज की कोर्ट में पिटीशन फाइल करेंगे.

मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन सहित पांच अधिवक्ता सोमवार को मथुरा जिला जज कोर्ट में पिटीशन फाइल करेगें, जबकि 25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में याचिका डाली गई थी. जिसे 30 सितंबर को अपर न्यायधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी थी. मगर एक बार फिर अधिवक्ता जिला जज की कोर्ट में पिटीशन फाइल करेंगे.

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई. जिसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग है श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए. वहीं 30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने दस्तावेज पूरे न होने पर याचिका खारिज कर दी गई थी.

क्या है मामल
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा और 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखी हुए. स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय जी ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को पत्र लिखकर जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए कहा. जिसके बाद 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई. 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई. डिक्री रद्द करने की मांग को लेकर अधिवक्ता ने कोर्ट मे याचिका डाली है.

सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने जानकारी देते हुए कहा 30 सितंबर को अपर न्यायाधीश छाया शर्मा ने याचिका खारिज कर दी थी. जबकि नियमानुसार नीचे की अदालत में याचिका खारिज हो जाती है तो अपर कोर्ट में याचिका डाल सकते हैं. इसलिए सोमवार को श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक और परिसर से मस्जिद मुक्त बनाने को लेकर जिला जज की कोर्ट में पिटीशन फाइल करेंगे.

Last Updated : Oct 12, 2020, 6:44 AM IST
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