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...साहब का फरमान, खेतों में जलाई पराली तो कटेगा चालान

उत्तर प्रदेश के मथुरा में कृषि विभाग ने किसानों को चेताया है कि अगर कोई भी किसान खेतों में पराली जलाता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. इस बार प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है.

कृषि विभाग ने किसानों को चेताया.
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Published : Oct 31, 2019, 5:45 PM IST

मथुरा: किसानों द्वारा अपने खेतों में पराली जलाने से आसपास के क्षेत्रों में जो धुआं उत्पन्न होता है, उससे प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है, जिससे लोगों में बीमारियां फैलने लगती हैं. इसी के चलते अब कृषि विभाग ने कमर कस ली है. कृषि विभाग ने इस प्रकार से जो किसान पराली जला देते हैं, उनके ऊपर कार्रवाई करने की बात कही है.

जानकारी देते कृषि अधिकारी.

पराली जलाने पर लगेगा जुर्माना
मथुरा में कृषि अधिकारी धुरेंद्र कुमार ने किसानों से अपील की है कि जो किसान खेतों में पराली को जला देते हैं, उससे आसपास के वातावरण में बहुत ही ज्यादा प्रदूषण फैल जाता है, जिससे आम जनमानस को काफी हानि होती है. इस धुएं के कारण आसपास के क्षेत्रों में बीमारी फैलती है. पराली को खेतों में जलाने वाले किसान भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. इसी के चलते कृषि विभाग ने सख्ती बरतते हुए किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों में पराली नहीं जलाएं. वहीं यह भी कहा गया है कि जो किसान पराली जलाते हुए पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कृषि विभाग ने पराली जलाने वाले किसान पर जुर्माना लगाए जाने की बात कही है.

ये भी पढ़ें:-दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, आनंद विहार सबसे प्रदूषित इलाका

छाता को मिनी पंजाब भी कहा जाता है. छाता क्षेत्र एक बड़ा क्षेत्रफल है. किसान अपने खेतों की पराली को ना जलाएं .अगर ऐसा करते हुए किसान पाए जाते हैं तो ऐसे किसानों के विरुद्ध कृषि विभाग द्वारा जुर्माना लगा कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी .
धुरेंद्र सिंह,कृषि अधिकारी

मथुरा: किसानों द्वारा अपने खेतों में पराली जलाने से आसपास के क्षेत्रों में जो धुआं उत्पन्न होता है, उससे प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है, जिससे लोगों में बीमारियां फैलने लगती हैं. इसी के चलते अब कृषि विभाग ने कमर कस ली है. कृषि विभाग ने इस प्रकार से जो किसान पराली जला देते हैं, उनके ऊपर कार्रवाई करने की बात कही है.

जानकारी देते कृषि अधिकारी.

पराली जलाने पर लगेगा जुर्माना
मथुरा में कृषि अधिकारी धुरेंद्र कुमार ने किसानों से अपील की है कि जो किसान खेतों में पराली को जला देते हैं, उससे आसपास के वातावरण में बहुत ही ज्यादा प्रदूषण फैल जाता है, जिससे आम जनमानस को काफी हानि होती है. इस धुएं के कारण आसपास के क्षेत्रों में बीमारी फैलती है. पराली को खेतों में जलाने वाले किसान भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. इसी के चलते कृषि विभाग ने सख्ती बरतते हुए किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों में पराली नहीं जलाएं. वहीं यह भी कहा गया है कि जो किसान पराली जलाते हुए पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. कृषि विभाग ने पराली जलाने वाले किसान पर जुर्माना लगाए जाने की बात कही है.

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छाता को मिनी पंजाब भी कहा जाता है. छाता क्षेत्र एक बड़ा क्षेत्रफल है. किसान अपने खेतों की पराली को ना जलाएं .अगर ऐसा करते हुए किसान पाए जाते हैं तो ऐसे किसानों के विरुद्ध कृषि विभाग द्वारा जुर्माना लगा कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी .
धुरेंद्र सिंह,कृषि अधिकारी

Intro:किसानों द्वारा अपने खेतों में पराली जला दी जाती है, जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने से जो धुआ उत्पन्न होता है ,उससे प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है .जिससे लोगों को बीमारियां फैलती है इसी के चलते अब कृषि विभाग ने कमर कस ली है .कृषि विभाग द्वारा इस प्रकार से जो किसान पराली जला देते हैं, उनके ऊपर कार्रवाई की बात कही गई है. कृषि अधिकारी द्वारा बताया गया कि इस प्रकार के किसानों के ऊपर कार्रवाई करते हुए उनका चालान किया जाएगा.


Body:मथुरा में कृषि अधिकारी धुरेंद्र कुमार ने किसानों से अपील की है कि जो किसान खेतों में पराली को जला देते हैं ,उससे आसपास के वातावरण में बहुत ही ज्यादा प्रदूषण फैल जाता है. जिससे आम जनमानस को भी हानि होती है .इस धुएं के कारण आसपास के क्षेत्रों में बीमारी फैलती है, और खेतों की पराली को जला देने से खुद जलाने वाले किसान भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. कृषि अधिकारियों ने बताया कि छाता को मिनी पंजाब भी कहा जाता है .छाता क्षेत्र एक बड़ा क्षेत्रफल है ,जिसमें बहुत से किसान अपने खेतों की पराली को जला देते हैं. जिसकी वजह से आम जनमानस को भारी हानि होती है. कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि ,किसान अपने खेतों की पराली को ना जलाएं .इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगर ऐसा करते हुए किसान पाए जाते हैं उनका चालान काटा जाएगा.


Conclusion:किसानों द्वारा अपने खेतों की पराली जलाने के कारण जो वातावरण में प्रदूषण फैलता है, उसके चलते अब कृषि विभाग मथुरा द्वारा कमर कस ली गई है. जिसके चलते जो किसान अपने खेतों की पराली जलाएगा ऐसे किसानों के विरुद्ध कृषि विभाग द्वारा चालान काट कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी .वही मथुरा के किसी अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि, वह अपनी पराली ना जलाएं जिससे कि आसपास के वातावरण में प्रदूषण न फैले.
बाइट -कृषि अधिकारी धुरेंद्र सिंह
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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