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बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के खिलाफ छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन

यूपी के मथुरा के डॉक्टर बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहे अंतिम वर्ष के छात्रों ने परीक्षा फेल किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि कोरोना महामारी का बहाना बनाकर विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों को बिना कुछ बताए ही ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर पेपर करा दिया.

यूनिवर्सिटी के खिलाफ छात्र-छात्राओं में भारी रोष
यूनिवर्सिटी के खिलाफ छात्र-छात्राओं में भारी रोष
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Published : Jan 6, 2021, 11:11 AM IST

मथुरा: डॉक्टर बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने भारी संख्या में विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अंतिम वर्ष के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, लॉ अंतिम वर्ष के 95 प्रतिशत छात्रों को यूनिवर्सिटी ने फेल कर दिया. विद्यार्थियों की पढ़ाई सब्जेक्ट वाइज होती है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी का बहाना बनाकर यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों को कुछ बताए बिना ही ऑब्जेक्टिव पेपर करा दिए.

छात्रों का कहना है कि, स्कूल और कॉलेज बंद होने के चलते पढ़ाई नहीं हो सकी. वहीं सरकार ने अधिकतर कोर्सों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत कर दिया. लेकिन, बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के प्रबंधन की मनमानी के चलते लॉ के अंतिम वर्ष के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. लॉ अंतिम वर्ष के 95 प्रतिशत छात्रों को यूनिवर्सिटी ने फेल कर दिया.

लॉ के विद्यार्थियों की पढ़ाई और परीक्षा सब्जेक्टिव होती है. लेकिन, इस बार कोरोना महामारी का बहाना बनाकर यूनिवर्सिटी ने बिना किसी पूर्व सूचना के ऑब्जेक्टिव पेपर करा दिए. तैयारी न होने के चलते 95 प्रतिशत छात्र फेल हो गए. इसके चलते लॉ के छात्रों में रोष है.

रिजल्ट को देखने के बाद आक्रोशित छात्र एकत्रित होकर मथुरा के बीएसए कॉलेज पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रबंधन और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और रिजल्ट को वापस लेने की मांग की. कुछ छात्रों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हम लोग पीसीएस-जे की तैयारी कर रहे हैं. प्रथम और द्वितीय वर्ष में छात्रों के बहुत अच्छे नंबर आए थे. लेकिन, अबकी बार यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने हमारे साथ खिलवाड़ किया है. यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस रिजल्ट को वापस ले, अन्यथा हम लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे.

मथुरा: डॉक्टर बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने भारी संख्या में विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर अंतिम वर्ष के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, लॉ अंतिम वर्ष के 95 प्रतिशत छात्रों को यूनिवर्सिटी ने फेल कर दिया. विद्यार्थियों की पढ़ाई सब्जेक्ट वाइज होती है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी का बहाना बनाकर यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों को कुछ बताए बिना ही ऑब्जेक्टिव पेपर करा दिए.

छात्रों का कहना है कि, स्कूल और कॉलेज बंद होने के चलते पढ़ाई नहीं हो सकी. वहीं सरकार ने अधिकतर कोर्सों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोन्नत कर दिया. लेकिन, बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के प्रबंधन की मनमानी के चलते लॉ के अंतिम वर्ष के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. लॉ अंतिम वर्ष के 95 प्रतिशत छात्रों को यूनिवर्सिटी ने फेल कर दिया.

लॉ के विद्यार्थियों की पढ़ाई और परीक्षा सब्जेक्टिव होती है. लेकिन, इस बार कोरोना महामारी का बहाना बनाकर यूनिवर्सिटी ने बिना किसी पूर्व सूचना के ऑब्जेक्टिव पेपर करा दिए. तैयारी न होने के चलते 95 प्रतिशत छात्र फेल हो गए. इसके चलते लॉ के छात्रों में रोष है.

रिजल्ट को देखने के बाद आक्रोशित छात्र एकत्रित होकर मथुरा के बीएसए कॉलेज पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रबंधन और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और रिजल्ट को वापस लेने की मांग की. कुछ छात्रों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हम लोग पीसीएस-जे की तैयारी कर रहे हैं. प्रथम और द्वितीय वर्ष में छात्रों के बहुत अच्छे नंबर आए थे. लेकिन, अबकी बार यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने हमारे साथ खिलवाड़ किया है. यूनिवर्सिटी प्रबंधन इस रिजल्ट को वापस ले, अन्यथा हम लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे.

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