मथुराः श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर मंगलवार जिला जज की कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता के बीमार होने की वजह से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की गई है. वादी पक्ष अधिवक्ता ने कहा न्यायालय में तारीख पर तारीख जन्मभूमि मामले को लेकर मिल रही है. करोड़ों हिंदुओं की आस्था भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली जन्म भूमि में बसी हुई है. कोर्ट से गुजारिश करता हूं कि जन्मभूमि मामले की सुनवाई जल्द से जल्द हो.
पिछले साल 25 सितंबर को जिला जज की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर वाद दायर किया था, जोकि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की पहली याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी. मंगलवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता बीमार होने की वजह से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अगली सुनवाई 18 अगस्त को तय की गई है.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. दायर वाद में कहा गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है, पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को कोई अधिकार नहीं है बिक्री करने का.
इसे भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में अब 23 जुलाई को होगी सुनवाई
कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने पिछले साल 25 सितंबर को जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में पिटीशन दाखिल की थी. जिसमें चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए. शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है.
श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में 6 मामले और जिला जज की कोर्ट में एक मामला अभी विचाराधीन है. मंदिर सेवायत कृष्ण भक्त भगवान श्रीकृष्ण के वंशज मनीष यादव सहित की याचिका जन्मभूमि मामले में अभी विचाराधीन है.