आजमगढ़ : जिले के एक डिग्री कालेज के प्राचार्य को बिजली विभाग ने 7 अरब 99 करोड़ 99 लाख रुपये का बिल थमा दिया. 6 महीने से प्राचार्य बिल में सुधार कराने के लिए दौड़ रहे हैं. पीड़ित के अनुसार उन्होंने अधिकारियों से कई बार लिखित और मौखिक शिकायत की. इसके बावजूद विभाग ने बिल में संशोधन नहीं किया.
बिलरियागंज थाना क्षेत्र के श्रीनगर सियरहा गांव निवासी डॉ. बिजेंद्र राय तरवां क्षेत्र के एक डिग्री कालेज में प्राचार्य हैं. उन्होंने ब्रह्मस्थान स्थित आराजीबाग मोहल्ले में अपनी मां साधना राय के नाम से जमीन खरीदी थी. इस पर उन्होंने एक साल पहले मकान भी बनवा लिया है. उन्होंने बताया कि मां के नाम से उन्होंने निर्माण के दौरान ही अस्थायी कनेक्शन लिया था. उस दौरान तक बिजली बिल ठीक आ रहा था.
बाद में विभाग ने उन्हें स्थायी कनेक्शन दे दिया. इसके बाद 7 अरब 99 करोड़ 99 लाख रुपये का बिजली का बिल थमा दिया. प्राचार्य ने बताया कि 6 महीने से वह बिजली बिल को सही कराने के लिए दौड़ रहे हैं. अफसरों को शिकायती पत्र भी दे चुके हैं. इसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है.
डॉ. बिजेंद्र राय ने बताया कि वह पहले की तरह हर महीने 700 से 800 रुपये का बिजली बिल जमा करते चले आ रहे हैं. विभाग ने उन्हें आश्वासन दिया था कि बिजली बिल सही हो जाएगा, लेकिन हर महीने भारी-भरकम बिल जुड़कर आ रहा है. यह विभाग की बड़ी लापरवाही है.
प्राचार्य ने बताया कि उनके खानदान के लोग अपनी पूरी संपत्ति बेच दे तो भी इतने बिल का भुगतान नहीं हो सकता है. कई महीने से परिवार के लोग भी टेंशन में हैं. विद्युत निगम के मुख्य अभियंता नरेश कुमार ने बताया कि मीडिया के जरिए मामले की जानकारी हुई है. बिल की कापी मंगवाई गई है. बिल में सुधार के लिए सोमवार को प्राचार्च को बुलाया है. जांच के बाद इसे सही करा दिया जाएगा.
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