मथुरा: वृंदावन थाना क्षेत्र के अंतर्गत एनजीटी द्वारा यमुना खादर में ध्वस्तीकरण के आदेश दिए जाने के बाद खादर वासियों में हड़कंप मच गया है. सभी को अपना आशियाना टूटने से बेघर होने की चिंता सताने लगी है. इसी को लेकर खादर के निवासियों द्वारा परिक्रमा मार्ग स्थित मोर कुटी आश्रम में एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में सभी ने एनजीटी द्वारा एक पक्षीय सुनवाई के बाद ध्वस्तीकरण का आदेश दिए जाने पर नाराजगी जताई.
सभी ने अपना पक्ष एनजीटी के समक्ष रखने के लिए निर्णय लिया. एनजीटी द्वारा वृंदावन थाना क्षेत्र के अंतर्गत यमुना किनारे अवैध रूप से किए गए निर्माण को ध्वस्तीकरण के आदेश दिए गए हैं. जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी अश्वनी मिश्र ने बताया कि समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि यमुना किनारे जितने भी आश्रम और गौशाला इत्यादि बने हैं, उसके ध्वस्तीकरण का एनजीटी द्वारा आदेश पारित हुआ है.
'एनजीटी ने एक ही पक्ष को सुना'
उन्होंने कहा कि एनजीटी ने केवल एक के पक्ष को सुना, दूसरे पक्ष को सुना ही नहीं. यहां पर जितने भी मकान हैं, सब ने राजस्व शुल्क और स्टांप मूल्य दिया है. अश्वनी मिश्र ने कहा कि सभी के पास राशन कार्ड हैं, सबके पास आवास हैं. सरकार द्वारा ही यहां पर रोड और लाइट की व्यवस्था की गई है, जिसके बाद सब ने घर बनाए हैं.
'सरकार तक पहुंचाएंगे अपनी बात'
उनका कहना है कि एक तरफ तो हमारी सरकार यह कह रही है कि गरीब लोगों को बसाना है. वहीं दूसरी ओर हम राजस्व शुल्क देने के बाद यहां ठहरे हुए हैं, उसके बाद भी एनजीटी ने एक पक्ष को सुनकर आदेश दे दिया गया है. हम चाहते दूसरे पक्ष को भी सुना जाए. हम लोग एकजुट होकर इस बात का संदेश सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं.