मथुरा: गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर नई पिटीशन दायर की गई, जिसमें याचिकाकर्ता ने प्रार्थना पत्र देते हुए न्यायालय के समक्ष कहा गया है कि सन् 1669 में श्री कृष्ण जन्मभूमि की मूल विग्रह तोड़कर औरंगजेब ने श्री कृष्ण जन्मभूमि की मूर्ति आगर किला के पास छोटी मस्जिद की सीढ़ियों में गढ़वा दी थी. न्यायालय आदेश कर उस मूर्ति को वापस जन्मभूमि में स्थापित करें. अब मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.
जन्मभूमि मामले को लेकर नई पिटीशन कोर्ट में फाइल
कृष्ण भक्त और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर एक नया प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया. इसमें कहा गया - "मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में श्रीकृष्ण जन्म भूमि की मूल विग्रह मूर्ति तोड़कर आगरा लाल किला के पास छोटी शाही ईदगाह मस्जिद सीढ़ियों में गढ़वा दी गई है आज भी उसके साथ मस्जिद में मौजूद हैं."
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अगली सुनवाई 19 अप्रैल को
श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में दायर की गई नई पिटीशन पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी. दरअसल बता दें कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर न्यायालय में सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में छह वाद विचाराधीन है, जबकि एक वाद जिला जज की कोर्ट में विचाराधीन है." श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले में शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाए गए हैं.
क्या है असली मांग
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. शाही ईदगाह की जमीन भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को कोई अधिकार नहीं है भूमि डिक्री करने का.
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया - "श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया गया है, जिसमें बिंदुवार बातें रखी गई है. मूल बात 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के अंदर मूल विग्रह तोड़कर मूर्ति को आगरा किले के पास छोटी शाही ईदगाह मस्जिद की सीढ़ियों में गढ़वा दिया गया. ताकि हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचे. कोई भी व्यक्ति मस्जिद पहुंचेगा तो मूर्ति के ऊपर पैर रखकर मस्जिद में प्रवेश करेगा. आज न्यायालय में प्रार्थना पत्र पर बहस हुई और मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी."