मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर जिला न्यायालय कोर्ट और सीनियर डिवीजन सिविल जज की कोर्ट में दो याचिकाओं पर सोमवार सुबह सुनवाई हुई. एक घंटे बहस होने के बाद जिला न्यायालय कोर्ट ने अगली सुनवाई 28 जनवरी और सीनियर डिवीजन कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 जनवरी को तय की है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता द्वारा दायर की गई आपत्ति को कोर्ट ने खारिज करते हुए अगली सुनवाई 28 जनवरी को तय की है.
अतिक्रमण मुक्त कराने के मामले में 28 को होगी सुनवाई
सोमवार सुबह जिला न्यायालय कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की याचिका पर सुनवाई शुरू की. प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता ने न्यायालय में बहस की और वादी पक्ष से हरिशंकर जैन ने बहस की. कोर्ट ने वादी और प्रतिवादी पक्ष की बहस एक घंटे सुनने के बाद अगली सुनवाई 28 जनवरी को तय की है. इस दौरान कोर्ट ने शाही ईदगाह कमेटी की आपत्ति को खारिज कर दिया.
डिक्री रद्द करने के मामले में 29 को होगी सुनवाई
भगवान श्रीकृष्ण के वंशज बताने वाले मनीष यादव हिंदू आर्मी चीफ संगठन द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई सीनियर डिवीजन सिविल जज की कोर्ट में दोपहर 2 बजे शुरू हुई. यह सुनवाई केशव देव मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसायटी के बीच हुई डिक्री को रद्द कराने को लेकर हुई. 30 मिनट की बहस के बाद सिविल जज ने अगली सुनवाई 29 जनवरी को तय की है.
श्रीकृष्ण जन्म भूमि का मालिकाना हक
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है, इसमें 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री सहित पांच अधिवक्ताओं ने 25 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक और परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी.
जन्मभूमि मामले में चार प्रतिवादी पक्ष
श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान, शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड और श्रीकृष्ण सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय कोर्ट में अपना-अपना वकालतनामा दाखिल किया जा चुका है.
क्या है मांग
12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी द्वारा किया गया. इसके बाद 20 जुलाई 1973 को जमीन डिक्री की गई. इस डिक्री को रद्द करने की मांग को लेकर सीनियर डिवीजन सिविल जज की कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई हुई.