मथुरा: हाथरस में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप में जिला कारागार में बंद पीएफआई के सदस्यों को फिलहाल कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. मुजफ्फरनगर निवासी अतीकुर्रहमान की जमानत याचिका पर एक बार फिर से सुनवाई टल गई. अब अगली सुनवाई 9 नवंबर को तय की गई है. एसटीएफ पुलिस अभिरक्षा में होने के नाते जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी. पीएफआई के दो सदस्यों की सुनवाई को गुरुवार को भी कोर्ट ने टाल दिया था.
चार सदस्यों पर हिंसा भड़काने का आरोप
5 अक्टूबर को मथुरा जनपद के मांट टोल प्लाजा से पीएफआई के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल और जस्टिस फॉर हाथरस के पंपलेट बरामद किए थे. पुलिस ने चारों पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया था. पुलिस द्वारा पकड़े गए चारों आरोपी अतीकुर्रहमान, आलम, सिद्दीकी और मसूद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके न्यायिक हिरासत में लिया गया था और चारों को जिला कारागार में बंद किया गया था.
एसटीएफ की टीम कर रही जांच
पीएफआई से जुड़े सबूतों की जांच लखनऊ एसटीएफ की टीम कर रही है. एसटीएफ को पीएफआई से पूछताछ करने के लिए सीजेएम कोर्ट से बुधवार दोपहर बाद 48 घंटे की रिमांड अवधि की अनुमति मिल गई थी, जोकि शुक्रवार शाम 5 बजे तक की है. एसटीएफ की टीम पीएफआई के चारों सदस्य अतीकुर्रहमान, मसूद, आलम और सिद्दीकी को अकेले स्थान पर ले जाकर पूछताछ कर रही है. अब जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को एडीजे 10 कोर्ट में होगी. शासकीय अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को मुजफ्फरनगर निवासी अतीकुर्रहमान की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी. पुलिस अभिरक्षा मैं आरोपी होने के कारण अगली सुनवाई 9 नवंबर को तय की गई है. अब पीएफआई के तीन सदस्य अतीकुर्रहमान, आलम, मसूद की जमानत याचिका पर 9 नवंबर को सुनवाई होनी है.