मथुरा: जिला प्रशासन पराली जलाने को लेकर सख्त नजर आ रही है. इसके तहत मथुरा प्रशासन द्वारा ऐसे किसान जो काफी समझाने के बाद भी पराली जला रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही वे कर्मचारी जो अपने कार्य में उदासीनता बरत रहे हैं, ढिलाई बरत रहे हैं, उनको भी चिन्हित कर प्रशासन उन पर कार्रवाई कर रहा है. अब तक 15 किसानों के ऊपर पराली जलाने के कारण कार्रवाई हुई है. वहीं छह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्य में लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की गई है.
मथुरा में पराली जलाने के कारण किसान और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है. कृषि अधिकारी ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं को बहुत ही गंभीरता से लिया गया. पराली न जलाई जाए इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत पर कार्मिकों की नियुक्ति की गई. उनके ऊपर सेक्टर अधिकारी हैं और हर ब्लॉक पर एक-एक जिला लेवल का अधिकारी, नोडल अधिकारी के रूप में तैनात है.
कृषि अधिकारी ने बताया
कृषि अधिकारी धुरेंद्र कुमार का कहना है कि प्रयास किया जा रहा है कि किसानों के द्वारा पराली न जलाई जाए. किसानों को समझाया भी जा रहा है. कुछ किसान ऐसे हैं जो नहीं मान रहे हैं. इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी की जा रही है. इसके साथ ही साथ कुछ ऐसे कार्मिक जिन्होंने अपने कार्यों में ढिलाई बरती या उदासीनता बरती है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. प्रयास यही है कि पराली जलाने की घटना अपने जिले में न आएं.
15 किसानों पर कार्रवाई
अब तक लगभग जनपद में 15 किसानों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, जिनमें से उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई है. 47,500 रुपये का अर्थदंड भी वसूला गया. जिन कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें से चार से पांच कृषक हैं, कुछ कृषि विभाग के भी हैं, लेखपाल हैं और कुछ ग्राम पंचायत के भी हैं. कुछ को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है और कुछ के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. प्रशासन का कहना है कि काफी हद तक किसानों को समझाने के बाद वह समझ चुके हैं, लेकिन कुछ किसान ऐसे हैं, जिन्हें समझाने के बाद भी वह नहीं मान रहे हैं और पराली जला रहे हैं. इनके विरूद्ध चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जा रही है.